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लालू के पेरोल पर गरमाई सियासत: राजद के अारोपों पर जदयू का पलटवार

राजद अध्‍यक्ष लालू यादव को सिर्फ तीन दिन के पेरोल मिलने पर सियासत शुरू हो गई। राजद ने जहां इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है तो जदयू ने पलटवार किया है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 11 May 2018 11:07 AM (IST)Updated: Fri, 11 May 2018 11:58 PM (IST)
लालू के पेरोल पर गरमाई सियासत: राजद के अारोपों पर जदयू का पलटवार
लालू के पेरोल पर गरमाई सियासत: राजद के अारोपों पर जदयू का पलटवार

पटना [जेएनएन]। रिम्स में भर्ती चारा घोटाला के सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद पेरोल मिलने के बाद अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की शादी में भाग लेने के लिए गुरुवार की शाम सेवा विमान से पटना पहुंचे। जेल प्रशासन ने लालू को बेटे की शादी के लिए तीन दिनों की सशर्त पेरोल मंजूर की है। इसके तहत वे अपनी पार्टी के नेताओं, मीडिया कर्मियों से मुलाकात और बातचीत नहीं करेंगे। इस दौरान वे किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि से दूर रहेंगे। उन पर कैमरे से हर समय नजर रखी जाएगी। इस बीच लालू के पेरोल पर सियासत गरमा गई है। राजद ने मात्र तीन दिन के पेरोल पर तीखी प्रतिक्रिया व्‍यक्त की है तो जदयू ने पलटवार किया है। बेटी मीसा भी पेरोल की शर्तों पर नाराजगी जता रही हैं।

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लालू प्रसाद को पांच के बदले तीन दिनों के पेरोल पर छोड़ जाने पर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि लालू जैसे बड़े नेता को हाथ-पैर बांधकर छोड़ा गया है। उन्हें जितना सताया जाएगा, वह उतना ही मजबूत होंगे। शिवानंद ने संकेतों में कहा कि लालू की सारी फजीहत बिहार भाजपा के एक नेता ने कराई है। पेरोल की शर्त और उसके अनुपालन की निगरानी के लिए सुरक्षा के नाम पर झारखंड पुलिस की तैनाती इसी नेता के दिमाग़ की उपज है। हालांकि शिवानंद ने किसी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि उक्त नेता को झारखंड सरकार के जरिए पहली बार लालू प्रसाद पर अपनी ताकत आजमाने का मौका मिला है।

लालू यादव के परोल पर बेटी मीसा भारती ने सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी शर्तों के साथ पहली बार पेरोल देख रही हूं। हमने काफी कम समय के लिए परोल मांगा था। लेकिन इसे और कम कर दिया गया।

वहीं, इस मामले पर जदयू प्रवक्‍ता नीरज कुमार ने पलटवार किया है। कहा कि लालू यादव को पेरोल पारिवारिक उत्‍सव में शामिल होने के लिए दिया गया है। इसको राजनीति का एजेंडा बनाने की जरूरत नहीं है। आज शिवानंद तिवारी लालू के पेरोल पर चिंता जता रहे हैं, जबकि इन्‍होंने ही चारा घोटाले में याचिका दायर की थी और लालू को सजा हुई। शिवानंद तिवारी को राज्‍यसभा नहीं भेजा गया है, इसलिए पीड़ा हो रही है।


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