बिहार में पुल को लेकर गरमाई बिहार की सियासत, CM नीतीश के खिलाफ एक हुए तेजस्वी व चिराग के सुर
बिहार के गोपालगंज में स्थित सत्तर घाट पुल के बाढ़ में घ्वस्त होने-न होने के आरोप-प्रत्यारोप से सियासत गर्म है। इसमें एलजेपी भी आरजेडी के स्टैंड के साथ खड़ा दिख रहा है।
पटना, जेएनएन/ एएनआइ। बिहार के गोपालगंज जिले में 264 करोड़ रुपए की लागत से बना सत्तर घाट पुल (Sattar Ghat Bridge) या उसका संपर्क पथ (Approach Road) टूटा या फिर किसी दूसरे छोटे पुल का संपर्क पथ क्षतिग्रस्त हुआ, इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप से बिहार की राजनीति गरमा गई है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है। खास बात यह है कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) तो हमलावर है हीं, सत्ताधारी गठबंधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने भी नीतीश सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। इस मामले में तेजस्वी व चिराग के सुर एक हो गए हैं। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता व पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव (Nand Kishore Yadav) ने पुल को सुरक्षित बताते हुए इसे प्राकृतिक आपदा करार दिया है।
इस मुद्दे पर खड़ा हुआ विवाद
विदित हो कि गुरुवार को तेजस्वी यादव ने गोपालगंज में सत्तरघाट पुल के एक भाग के क्षतिग्रस्त होने का आरोप लगाया। समाचार एजेंसी एएनआइ ने भी इस संबंध में खबर दी। इसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। राज्य के सूचना व जनसंपर्क विभाग ने सत्तर घाट पुल को सुरक्षित बताया। बाद में पथ निर्माण मंत्री ने भी सरकार का बचाव करते हुए बयान दिया। लेकिन सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सरकार के सहयाेगी दल एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने नीतीश सरकार के खिलाफ बयान दे दिया।
चिराग का ट्वीट: भ्रष्टाचार को ले सवाल खड़े करतीं ऐसी घटनाएं
चिराग पासवान ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 264 करोड़ की लागत से बने पुल का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया है। जनता के पैसे से किया कोई भी कार्य पूरी गुणवत्ता से किया जाना चाहिए था। ऐसी घटनाएं भ्रष्टाचार को लेकर सवाल खड़े करतीं हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि घटना की उच्च स्तरीय जांच कर जल्द ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
तेजस्वी ने भी लगाया पुल निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप
इसके पहले तेजस्वी यादव ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि 263 करोड़ से आठ साल में बना पुल केवल 29 दिनों में ढ़ह गया। तेजस्वी ने नीतीश कुमार व पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव पर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए लिखा कि नीतीश कुमार न तो इस पर एक शब्द बोलेंगे, ना पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट मची हुई है।
पथ निर्माण मंत्री ने दी सफाई, कहा- सुरक्षित है सत्तर घाट पुल
इस बाबत बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि सत्तर घाट पुल पूरी तरह सुरक्षित है, उसके बारे में अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने तेजस्वी यादव पर झूठी खबर फैलाने का आरोप लगाया।
नेता प्रतिपक्ष #सत्तर_घाट_पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर फैला रहे हैं।
इस मामले में सही तथ्य निम्नवत है।
सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर अवस्थित है। @ANI pic.twitter.com/GwUe5RS6iK
— Nand Kishore Yadav (@nkishoreyadav) July 16, 2020
उन्होंने कहा कि सत्तर घाट पुल से लगभग दो किलोमीटर दूर गोपालगंज की ओर से आ रही सड़क पर एक छोटे पुल का संपर्क पथ कट गया है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अंदर है। गंडक नदी में पानी का अधिक दबाव होनें के कारण संपर्क पथ कट गया है। इससे छोटे पुल को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है। मंत्री ने इसे प्राकृतिक आपदा बताते हुए कहा कि उनका विभाग हर स्थिति के लिए मुस्तैद है। जहां तक सत्तर घाट पुल की बात है, पानी का दबाव कम होते ही उसपर यातायात चालू कर दिया जाएगा।