नगर निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर बिहार में गरमाई राजनीति, भाजपा ने नीतीश को घेरा
बिहार भाजपा ने कहा है कि नीतीश सरकार ने नगर निकाय चुनाव का मजाक उड़ा बनाकर रख दिया है। बीजेपी ने कहा है कि आयोग का गठन कराकर अगर आरक्षण की प्रक्रिया की जाती तो यह नौबत नहीं आती।
राज्य ब्यूरो, पटना। नगर निकाय चुनाव में पिछड़े के आरक्षण पर मंगलवार को आए पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार में राजनीति गरमा गई है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने हाईकोर्ट के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेवार ठहराया तो भाजपा ने भी जदयू पर पलटवार किया है।
मख्यमंत्री पिछड़ा अति पिछड़ा समाज के घोर विरोधी
विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने सीधे सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है। वहीं भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने नीतीश पर अति पिछड़ा समाज पर धोखा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि
कहा मख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछड़ा अति पिछड़ा समाज के घोर विरोधी हैं। यह लोग सिर्फ ओबीसी को वोट बैंक समझते हैं। निखिल आनंद ने नीतीश को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यह बात अब स्पष्ट हो गई है। नगर निकाय चुनाव का इन लोगों ने मजाक उड़ा कर रख दिया है। साथ ही साथ पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज का मखौल बनाया है। इसके लिए बिहार की जनता ओबीसी इबीसी समाज के लोग माफ नहीं करेंगे।
आरक्षण के लिए आयोग के गठन की जिम्मेदारी किसकी थी?
भाजपा ने पूछा कि आरक्षण के लिए आयोग के गठन की जिम्मेदारी किसकी थी? दुर्भाग्य है कि इन लोगों ने आयोग का गठन नहीं किया। यह जिम्मेदारी किसकी थी, आयोग का गठन कराकर अगर आरक्षण की प्रक्रिया की जाती तो यह नौबत नहीं आती। बिना तैयारी के ही सरकार ने यह काम किया। इन लोगों को पता था कि भद पीटने वाली है। इस कारण लोगों ने नगर निकाय चुनाव को बाधित किया। इन लोगों ने अति पिछड़ा समाज को अपमान किया है। अब थोथी दलील दे रहे हैं। चोरी भी और सीनाजोरी भी। मुख्यमंत्री आपने पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के धोखा दिया है। इसका खामियाजा आप लोगों को भुगतना पड़ेगा। जब कोरम आपने पूरा नहीं किया था तो फिर प्रोसेस में क्यों गए।