बिहार NDA में 'चेहरे' की सियासत हुई तेज, जानिए किसने क्या कहा
बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जदयू ने जहां चुनाव के लिए सबसे बड़ा चुनावी चेहरा नीतीश कुमार को बताया है वहीं भाजपा नेताओं के बीच इसे लेकर विवाद है।
पटना [काजल]। बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच आगामी लोकसभा चुनाव में सीटों की शेयरिंग को लेकर सियासत तेज हो गई है। रविवार को जदयू की वरिष्ठ नेताओं की बैठक में जहां पार्टी ने साफ कर दिया है कि बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे तो वहीं भाजपा के नेताओं के बीच इस बात को लेकर दो मत है। तो वहीं विपक्षी पार्टी भाजपा और जदयू पर लगातार हमलावर है तो वहीं रालोसपा ने भी अपनी आपत्ति जताई है।
पवन वर्मा ने कहा-बिहार के नेता केवल नीतीश कुमार
बता दें कि रविवार को सीएम आवास पर हुई पार्टी की बैठक के बाद जदयू सांसद पवन वर्मा ने कहा कि बिहार में एनडीए का गठन जदयू, भाजपा, लोजपा और आरएलएसपी से मिल कर हुआ है। लेकिन बिहार में नेता सिर्फ नीतीश कुमार ही हैं। वह इसी वजह से अभी भी सीएम हैं। बिहार में नीतीश ही सबकी प्राथमिकता हैं। राज्य में हम बड़े भाई की भूमिका में हैं।
रामकृपाल यादव ने कहा-नरेंद्र मोदी देश के नेता, उनका नाम ही काफी
जदयू के बयान पर केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नेता हैं और उनके नाम और चेहरे पर ही बीजेपी चुनाव लड़ेगी। इसमें कोई दो राय नही हैं। उन्होंने कहा कि कौन क्या बोलता है इससे कोई मतलब नही हैं?
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने विकास की गति को आगे बढ़ाया है। वहीं, सीटों के बंटवारे पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह संगठन के लोग तय करेंगे कि कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा।
राजद नेता ने कहा-सीएम नीतीश कोई चेहरा नहीं
इसे लेकर जहां भाजपा नेताओं के ही बयान अलग हैं तो राजद ने इसपर तंज कसा है। राजद नेता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि सीएम नीतीश कुमार अब कोई चेहरा नहीं है बिहार में। इस बार तो अब उन्हें बिहार की जनता नहीं पूछेगी। अगर एनडीए उन्हें चेहरा बनाएगी तो इसका खामियाजा भी उन्हें ही भुगतना पड़ेगा।
सुशील मोदी ने कहा-नीतीश कुमार तो हैं ही बड़े भाई
भाजपा नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री ने इस विवाद का पटाक्षेप करने की कोशिश करते हुए कहा है कि जब दिल मिल गए तो सीट की बातें क्यों की जा रहीं। हमारे बीच कोई विवाद नहीं है। राज्य में नीतीश कुमार ही हमारा चुनावी चेहरा हैं।
उन्होंने कहा कि हम उनके नेतृत्व में ही सरकार चला रहे हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी हैं। नीतीश हमारे लिए हर तरह से बड़े हैं। उनके पास सीटें ज्यादा हैं और वे उम्र में भी बड़े हैं।
तेजस्वी ने पूछा-जब नीतीश ने फेंका था तो दल-दिल कहां थे
इसपर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भाजपा और जदयू पर तंज कसा है। तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि सुशील मोदी बतायें जब 2013 मे नीतीश कुमार ने बीजेपी को दूध में मक्खी की तरह निकालकर गंगा में फेंका था तब क्या 17 साल के इन सहयोगियों के दिल और दल नहीं मिले थे या दाल नहीं गली थी? जो अब मिलेंगे। बिहार के विकास की कहीं कोई चर्चा नहीं कर रहा? इन अवसरवादियों ने बिहार का सत्यानाश कर दिया।
केसी त्यागी ने कहा-सीटों की संख्या तय हो
लेकिन जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा है कि विधानसभा में सीटों के आधार पर लोकसभा सीटों की संख्या तय होनी चाहिए। सबके देखने का नज़रिया अलग अलग होता है। उन्होंने कहा कि सात जून को होने वाली एनडीेए की बैठक के लिए जदयू को न्यौता मिला है लेकिन इस बैठक में नीतीश कुमार शामिल होंगे या नहीं यह तय नहींं है।
रालोसपा ने कहा-हमलोगों का क्या होगा
सीट शेयरिंग मामले में अब रालोसपा भी कूद पड़ी है। जदयू की मांग पर रालोसपा में नाराजगी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी ने कहा है कि सभी सीटों पर जदयू और भाजपा तो अन्य लोगों को क्या?
जदयू नेता ने कहा-यहां ना कोई भिखारी ना कोई दाता
जदयू नेता और राज्य सरकार में मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा है कि बिहार में जदयू बड़े भाई की भूमिका में है, जदयू के पास भाजपा से ज्यादा विधायक हैं। गठबंधन में ना कोई दाता होता है और ना ही कोई भिखारी, हमे हमारी जीत वाली सीटें चाहिए।
केसी त्यागी-हमारे आंख और कान खुले हैं
वहीं जेडीयू नेता केसी त्यागी ने भी एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा है कि हमारे आंख और कान खुले हैं।उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कमज़ोर नहीं हुए हैं और लोकसभा चुनाव हम बीजेपी के साथ तालमेल से लड़ेंगे।इस समस्या से निजात पा लेंगे और कोई गतिरोध नहीं होगा।
अजय आलोक ने कहा-पहले की तरह हो सीट शेयरिंग
जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि पहले भी सीट शेयरिंग का फॉर्मूला रहा है। 25 पर हम लड़ते थे और बीजेपी 15 पर लड़ती थी। एनडीए के और सहयोगी आ गए हैं सब मिलकर लड़ेंगे। एनडीए का चेहरा पीएम मोदी हैं और बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार है तो कंफ्यूजन कहा हैं?
सात जून को बिहार में होगी एनडीए की बैठक
आपको बता दें कि 7 जून को बिहार एनडीए की बैठक होने वाली है। हालांकि इसका मुद्दा सीट बंटवारे से जुड़ा नहीं है। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं, जिसमें से 22 सीटें बीजेपी के पास हैं। 6 सीटें रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी और 3 सीटें उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के पास हैं. जबकि जेडीयू के पास सिर्फ़ दो सीटें हैं।
कहा जा रहा है कि पार्टी ने राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 25 सीटों पर 2019 में चुनाव लड़ने का मन बनाया है। पहले भाजपा के साथ 25-15 के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ा था, जदयू इस बार भी यही चाहती है। बता दें कि 2009 में जदयू और भाजपा ने 25-15 सीट शेयरिंग फार्मूले पर लोकसभा चुनाव लड़ा था।
जोकीहाट उपचुनाव के रिजल्ट ने बिगाड़ा गठबंधन का गणित
बिहार में एक के बाद एक उपचुनावों में मिली हार से एनडीए के घटक दल भी चिंतित है। हाल ही में जोकीहाट उपचुनाव में हुई हार ने एनडीए गठबंधन की इस चिंता को और बढ़ा दिया है। इससे पहले अररिया सीट पर जदयू और भाजपा गठबंधन की हार हुई थी। राजद ने यह सीट जीती थी।
2015 में क्या थी सीटों की स्थिति
कुल सीट: 243
पार्टी सीटें
राजद 80
जदयू 71
भाजपा 53
कांग्रेस 27
निर्दलीय 04
अन्य 08
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें
2014 चुनाव के मुताबिक
भाजपा 22
लोजपा 06
रालोसपा 03
राजद 04
कांग्रेस 02
जदयू 02
अन्य 01