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राजद ने कुशवाहा से कहा-मिलकर खिचड़ी पकाइए, खीर ठीक नहीं, मीठा होता है

रालोसपा की खीर पॉलिटिक्स पर राजद ने सलाह देते हुए कहा है कि खीर की जगह खिचड़ी पका लीजिए। उन्होंने कहा है कि खीर खाने से डायबिटीज का खतरा होता है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 09:03 AM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 11:13 PM (IST)
राजद ने कुशवाहा से कहा-मिलकर खिचड़ी पकाइए, खीर ठीक नहीं, मीठा होता है
राजद ने कुशवाहा से कहा-मिलकर खिचड़ी पकाइए, खीर ठीक नहीं, मीठा होता है

पटना [राज्य ब्यूरो]। रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के पैगामे-खीर से एक दिन पहले राजद ने उन्हें खीर की जगह खिचड़ी पकाने का न्योता दिया है। साथ ही लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान को भी निमंत्रण भेजा है। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने खिचड़ी को खीर की तुलना में ज्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट बताया। उन्होंने कहा कि खीर खाने से डायबिटीज का खतरा होता है। शायद इसीलिए महात्मा गांधी भी खिचड़ी खाने पर ही जोर देते थे। 

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राजद कार्यालय में सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए रघुवंश ने संकेत दिया कि राजद की खिचड़ी में चावल, दाल, दही, पापड़ और अचार तो होगा ही। पासवान का बादाम भी मिलाया जाएगा। इसमें सब लोग रहेंगे। दो-चार लोगों से काम नहीं चलेगा। सारे मिलकर भाजपा को भगाएंगे। 

रघुवंश ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा विरोधी सभी दल एक हो जाएंगे और सभी जाति के लोग महागठबंधन को मजबूत करेंगे। सब्जी उगाने वाले, चावल-दाल पैदा करने वाले एवं गाय-भैंस पालने वाले सब एक साथ आएंगे।

कुशवाहा के महागठबंधन में एंट्री के सवाल पर रघुवंश ने कहा कि जब राजग में सीटों का बंटवारा तय हो जाएगा, तब वह इधर आएंगे। महागठबंधन में उन्हें भीख नहीं, बल्कि भागीदारी मिलेगी। कुशवाहा हिस्सेदार बनकर आएंगे। 

मुजफ्फरपुर में पूर्व मेयर की हत्या के मुद्दे पर रघुवंश ने राज्य सरकार की विधि-व्यवस्था पर सवाल उठाया और कहा कि अब वारदात में एके-47 का इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिस शराबबंदी में लगी है। राज्य सरकार खुद प्रचार में जुटी है। राज्य में सुशासन नहीं, एके-47 का राज है। बैंक लूटे जा रहे हैं। सामूहिक दुष्कर्म जैसी वारदात हो रही है। 

केंद्र के खिलाफ 30 से आंदोलन 

पीके चौधरी, सतीश कुमार गुप्ता और नंदू यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में रघुवंश ने राजद के भावी आंदोलन के बारे में कहा कि 30 सितंबर से 15 अक्टूबर तक पंचायत से मुख्यालय स्तर तक गांधी, लोहिया एवं जयप्रकाश के नाम से पखवाड़ा मनाने का निर्णय लिया गया है। बूथस्तर पर ग्रामीण विकास संघर्ष समिति का गठन होगा और चरणवार आंदोलन किया जाएगा। सत्याग्रह और जेल भरो आंदोलन के जरिए केंद्र सरकार को हटाया जाएगा। 


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