CM नीतीश को ले JDU ने बदला चुनावी नारा, बिहार में गरमाई पक्ष-विपक्ष की सियासत
बिहार में इन दिनों बैनर-नारों की सियासत गर्म है। मामला जेडीयू द्वारा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाते नारों व बैनरों का है। पूरा मामला जानिए इस खबर में।
पटना [जेएनएन]। जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का चुनावी चेहरा बताते नारे (क्यों करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार) वाला एक बैनर पार्टी मुख्यालय पर लगाया। इसके जवाब में विपक्ष कहा कि बिहार को 'ठीके' (कामचलाऊ) नहीं 'ठीक' मुख्यमंत्री (CM) चाहिए। इस मुद्दे पर सियासत तेज हो ही रही थी कि रविवार को जेडीयू नए नारे (क्यों करें विचार, जब हैं हीं नीतीश कुमार) के साथ नया बैनर लेकर आया है। अब इस बैनर पर नए सिरे से सियासत गर्म है।
इन बैनरों पर बयानबाजी से स्पष्ट है कि आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर सियासी महाभारत अभी से शुरू है। यह भी कह सकते हैं कि इस सियासी जंग के केंद्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं।
जानिए बैनरों व नारों के सियासी युद्ध का मामला
बीते दो सितंबर को पटना के जेडीयू कार्यालय के पास लगे एक बैनर के साथ विघानसभा चुनाव को केंद्र में रखकर राजनीतिक नारों की शुरुआत हुई। इस बैनर में बिहारी अंदाज में नारा (क्यों करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार) देकर जेडीयू ने बताया गया कि जब राज्य में नीतीश कुमार विकास कर रहे हैं और सबसे अच्छे हैं तो दूसरे किसी नाम पर विचार करने की जरूरत ही क्या है।
इस नारे पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने पलटवार करते हुए अपने बैनर में नारा दिया- 'क्यों ना करें विचार, बिहार है बीमार...।' अपने बैनर में आरजेडी ने चमकी बुखार, बाढ़, हत्या, सुखाड़, डकैती, अपहरण, लूट को दर्शाते हुए राज्य में कुव्यवस्था को दिखाया तथा नीतीश कुमार की नाकामियों को उजागर किया। आरजेडी ने जेडीयू के चुनावी नारे पर तंज कसती एक कविता का पोस्टर भी पटना में जगह-जगह लगाया है। बिहार में तीसरे मोर्चे के गठने के लिए सक्रिय पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने भी नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए बैनर लगाया। इसके बाद जेडीयू अब नए नारे ('क्यों करें विचार, जब हैं हीं नीतीश कुमार) के साथ समाने आया है।
जेडीयू के नारे में बदलाव पर भी गरमाई सियासत
जेडीयू द्वारा पुराने नारे में बदलाव के साथ नए नारे को देने पर पक्ष-विपक्ष में बयानों का सिलसिला फिर तेज है। आरजेडी के शक्ति यादव ने कहा है कि बिहार में कामचलाऊ मुख्यमंत्री नहीं चाहिए। अपने नारे को बदलकर जेडीयू ने स्वीकार लिया है कि नीतीश कुमार कामचलाऊ हैं। चुनावी नारे में बदलाव पर तंज कसजे हुए कांग्रेस (Congress) के राजेश राठौड़ ने कहा कि नीतीश कुमार अपना भूल सुधारने में लगे हैं। लेकिन 15 साल में जनता समझ चुकी है कि उसे 'ठीके' मुख्यमंत्री नहीं चाहिए।
इस मामले में नीतीश कुमार का बचाव करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि कोई भी अगर अपने पक्ष में पोस्टर लगाता है तो इसमें हर्ज नहीं है। विरोधी अपना चेहरा भी तो देखें। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राजू तिवारी ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार से बड़ा कोई चेहरा नहीं है। जहां तक नारे में बदलाव की बात है, यह तो सामान्य बात है।