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उपेंद्र कुशवाहा की 'खूनी धमकी' से मचा राजनीतिक बवाल, JDU ने कहा-हमने चूड़ियां नहीं पहन रखीं

रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बुधवार को धमकी देते हुए कहा कि रिजल्ट लूट की कोई कोशिश हुई तो हथियार भी उठाने से परहेज नहीं करेंगे। उनकी धमकी से राजनीतिक बवाल मचा हुआ है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 08:50 AM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 10:33 PM (IST)
उपेंद्र कुशवाहा की 'खूनी धमकी' से मचा राजनीतिक बवाल, JDU ने कहा-हमने चूड़ियां नहीं पहन रखीं
उपेंद्र कुशवाहा की 'खूनी धमकी' से मचा राजनीतिक बवाल, JDU ने कहा-हमने चूड़ियां नहीं पहन रखीं

पटना, राज्य ब्यूरो। पूर्व केंद्रीय मंत्री और महागठबंधन के घटक रालोसपा के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को एक्जिट पोल के नतीजे से नाराजगी जताते हुए कहा कि भाजपा रिजल्ट लूटने की कोशिश कर रही। उसके इस रवैये से सड़कों पर खून बहेगा। उनके इस बयान से बिहार में राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। जदयू नेता संजय सिंह ने उनके बयान पर कहा कि आपका खून लाल है तो हमारा खून भी लाल है। चाहें तो फरिया लीजिए, हमने भी चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं। 

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महागठबंधन नेताओं के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मानव संसाधन राज्यमंत्री ने कहा कि पहले बूथ लूटा जाता था। अब भाजपा एक्जिट पोल के परिणाम को शस्त्र बनाकर रिजल्ट लूटना चाहती है। ईवीएम को इधर-उधर किए जाने की बातें सामने आई हैं।

कुशवाहा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि रिजल्ट लूट की कोई कोशिश हुई तो हथियार भी उठाने से परहेज नहीं करेंगे। जनता का आक्रोश संभल नहीं पाएगा। उन्होंने कहा कि जनता को स्वयं आगे आना चाहिए।

अप्रिय स्थिति के लिए पीएम और सीएम जिम्मेदार  

 कुशवाहा ने कहा कि चुनाव की घोषणा के पहले से ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यह तय किया हुआ है कि किसी भी तरह से जीत हासिल करनी है। गैरकानूनी कदम से भी उन्हें परहेज नहीं। हर तरह के हथकंडे अपनाने की कोशिश की। एक्जिट पोल के नतीजे उसी षडयंत्र का हिस्सा है। इसके माध्यम से विपक्ष के कार्यकर्ता और नेताओं के मनोबल को तोड़ उन्हें मतगणना केंद्र से दूर रखने की साजिश की जा रही है।

पहली बार मनोवैज्ञानिक दबाव बनाकर देश में रिजल्ट लूट का प्रयास किया जा रहा है। इससे जनता में आक्रोश है। अगर इस आक्रोश में वह सड़क पर उतरती है और कोई घटना हो जाए तो इसकी पूरी जवाबदेही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की होगी। किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सरकार को तैयार रहना चाहिए।

ईवीएम की आड़ में कोई अनैतिक या गैरकानूनी काम करने की कोशिश नहीं हो इसके लिए जनता को स्वयं आगे आना चाहिए। मतगणना केंद्र के आसपास महागठबंधन के लोग मौजूद रहें। जननायक कर्पूरी ठाकुर के एक वक्तव्य का इस प्रसंग में जिक्र करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने यह कहा था कि अपने वोट की रक्षा के लिए हथियार भी उठा सकते हैैं। 

महागठबंधन के नेताओं ने भी भरी हामी, राजद ने कहा-सही कहा

संवाददाता सम्मेलन में मौजूद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि एक्जिट पोल के माध्यम से जनता को भरमाया जा रहा है। ऐसा लगता है कि भाजपा के मन में कोई खोट है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामचंद्र पूर्वे, हम के प्रदेश अध्यक्ष बीएल वैश्यंत्री और वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने भी अपने विचार रखे। वहीं राजद की एज्या यादव ने कहा कि अभी संविधान खतरे में है, देश खतरे में है। ईवीएम से छेड़छाड़ हो रहा है, एेसे में उपेंद्र कुशवाहा ने एेसा कहा तो क्या गलत कहा है?

एनडीए ने कहा, लोकतंत्र पर उनका भरोसा नहीं है 

उपेंद्र कुशवाहा के वक्तव्य पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह की बात उचित नहीं। सब कुछ जनता को तय करना है। कानून को हाथ में लेने कि कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह अनुचित है।

भाजपा नेताओं ने कहा-चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए

भाजपा नेता सीपी ठाकुर ने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की बात गलत है। महागठबंधन के नेताओं को एेसा बयान नहीं देना चाहिए। तो राजीव रंजन ने कहा कि ये 1990 से 2005 वाला बिहार नहीं है। इस तरह के बयान पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। भाजपा नेता रामकृपाल यादव ने कहा कि कुशवाहा आज विपक्ष में हैं, इस तरह का बयान उनके मुंह से अच्छा नहीं लगता। लोकतंत्र में एेसे बयान उचित नहीं हैं।दरअसल, ये हो सकता है कि पांच सीटों पर लड़े हैं और एक भी नहीं जीत पाएंगे, इसीलिए फ्रस्ट्रेट हैं। 

वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि हार की हताशा में इस तरह का वक्तव्य दिया जा रहा। यह वक्तव्य समाज को उकसाने वाला तथा हसा को प्रेरित करने वाला है। अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल कर नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है, जो देशहित में नहीं है। ऐसे लोग ही राजनीति को गंदा करते हैैं। उन्हें यह नसीहत देना चाहूंगा कि इस तरह के शब्दों का प्रयोग नहीं करें।

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