तेजस्वी का CM नीतीश पर बड़ा आरोप- कांग्रेस में विलय चाहता था JDU, फिर गरमाई सियासत
लालू प्रसाद यादव की किताब पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। ताजा विवाद तेजस्वी यादव के नीतीश कुमार के खिलाफ दिए बयान से खड़ा हुआ है। क्या है मामलाजानिए इस खबर में।
By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 09:10 AM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 11:20 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की किताब (गोपालगंज टू रायसीना) को लेकर राजनीतिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला लालू के बेटे व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान का है। तेजस्वी ने कहा है कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सुप्रीमो नीतीश कुमार बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनाने के छह महीने के भीतर अपनी पार्टी के कांग्रेस में विलय के लिए तैयार हो गए थे। छह महीने में ही उनका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मोहभंग हो गया था। तेजस्वी के बयान के बाद इस मामले में सियासत फिर गरमा गई है।
जदयू व कांग्रेस ने दिए ये जवाब
तेजस्वी यादव के आरोप पर जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी के किसी अन्य दल के साथ विलय या महागठबंधन में जाने की कोई बात नहीं थी। केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी में किसी भी स्तर पर जदयू के विलय की कोई चर्चा नहीं आई।
खास बात यह है कि तेजस्वी के आरोप का महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस ने भी खंडन कर दिया है। बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्र ने ऐसी किसी जानकारी से इनकार किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने भी ऐसी किसी जानकारी से इनकार किया है।
इसके पहले शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव की पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा था कि प्रशांत किशोर जदयू की महागठबंधन में वापसी व नीतीश्ा कुमार को प्रधानमंत्री प्रत्याशी घोषित करने के प्रस्ताव के साथ उनके आवास पर पहुंचे थे। राबड़ी ने यहां तक कहा कि उस 'कबूतर' (प्रशांत किशोर) को उन्होंने घर से निकाल दिया था।
लालू की किताब से शुरू हुआ विवाद
विदित हो कि राजद सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपनी किताब (गाेपालगंज टू रायसीना) में लिखा है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार तोड़कर राजग की सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार फिर महागठबंधन में वापसी चाहते थे। बकौल लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार ने राजग की सरकार बनने के छह महीने के भीतर ही प्रशांत किशोर के माध्यम से इसका प्रस्ताव उनके पास भेजा था, जिसे उन्होंने अस्वीकर कर दिया था। किताब में नीतीश कुमार के लिएआपत्तिजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया गया है।
वार-पलटवार में कूदीं राबड़ी, कही ये बात
इस किताब की बातों के सामने आते ही बिहार में राजनीति गरमा गई। वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया। भाजपा-जदयू ने लालू की बातों का खंडन किया तो राजद ने समर्थन। जब आरोप के घेरे में आए प्रशांत किशोर ने लालू की बातों का खंडन कर दिया तो राबड़ी देवी सामने आ गईं। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर उनके समाने नीतीश कुमासर का ऑफर लेकर आए थे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने नीतीश के कबूतर (प्रशांत किशोर) को घर से भगा दिया था।
प्रशांत किशोर ने दिया ये जवाब
राबड़ी के आरोपों के बाद जब प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लालू यादव के परिवार को चुनौती दी कि वे जब चाहें, मीडिया के सामने बैठ जाएं, पता चल जाएगा कि उनकी लालू से क्या बात हुई थी और किसने किसको क्या ऑफर दिया था?
अब तेजस्वी के बयान ने खड़ा किया बवाल
अब प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद तेजस्वी के बयाने ने नया बवाल खड़ाकर दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार तो जदयू का कांग्रेस में विलय के लिए भी तैयार थे। छह महीने के भीतर ही उनका भाजपा से मोहभंग हो गया था।
नए सिरे से गरमाई सियासत
प्रशांत किशोर के पक्ष-विपक्ष में राजनीति फिर गरमा गई है। जदयू प्रवक्ता ने कहा है कि लालू की सियासी नैया अब डूब चुकी है और ऐसे बयान इसी की छटपटाहट के प्रमाण हैं। जदयू के अनुसार लालू झूठ और फरेब की राजनीति करते रहे हैं। वे आज भी यही कर रहे हैं। तेजस्वी के आरोप पर जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि पार्टी के किसी अन्य दल के साथ विलय या महागठबंधन में जाने की कोई बात नहीं थी।
भाजपा विधायक नितिन नवीन ने भी जदयू के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि लालू परिवार सत्ता के बिना नहीं रह सकता, इसलिए ऐसी बात कर रहा है।
खास बात यह है कि तेजस्वी के आरोप का महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस ने भी खंडन कर दिया है। बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा तथा प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्र ने ऐसी किसी जानकारी से इनकार किया है।
दूसरी ओर राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि प्रशांत किशोर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने प्रशांत किशोर के लालू के पास आॅफर लेकर जाने की व्यक्तिगत जानकारी का दावा किया। शिवानंद ने यह भी प्रशांत किशोर ने बिहार-झारखंड की 54 लोकसभा सीटों पर एक साथ लड़ने का ऑफर दिया था। इसके लिए प्रशांत किशोर ने यह शर्त रखी थी कि नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाया जाए। तिवारी ने कहा कि वे इस बयान की सत्यता के लिए वे एफिडेविट भी देने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस नेता शाश्वत गौतम ने कहा कि प्रशांत किशोर की विश्वसनीयता जनता को पता है। वे ऐसा केवल नीतीश कुमार के गुड बुक में आने के लिए बोल रहे हैं।
जदयू व कांग्रेस ने दिए ये जवाब
तेजस्वी यादव के आरोप पर जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी के किसी अन्य दल के साथ विलय या महागठबंधन में जाने की कोई बात नहीं थी। केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी में किसी भी स्तर पर जदयू के विलय की कोई चर्चा नहीं आई।
खास बात यह है कि तेजस्वी के आरोप का महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस ने भी खंडन कर दिया है। बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्र ने ऐसी किसी जानकारी से इनकार किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने भी ऐसी किसी जानकारी से इनकार किया है।
इसके पहले शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव की पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा था कि प्रशांत किशोर जदयू की महागठबंधन में वापसी व नीतीश्ा कुमार को प्रधानमंत्री प्रत्याशी घोषित करने के प्रस्ताव के साथ उनके आवास पर पहुंचे थे। राबड़ी ने यहां तक कहा कि उस 'कबूतर' (प्रशांत किशोर) को उन्होंने घर से निकाल दिया था।
लालू की किताब से शुरू हुआ विवाद
विदित हो कि राजद सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपनी किताब (गाेपालगंज टू रायसीना) में लिखा है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार तोड़कर राजग की सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार फिर महागठबंधन में वापसी चाहते थे। बकौल लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार ने राजग की सरकार बनने के छह महीने के भीतर ही प्रशांत किशोर के माध्यम से इसका प्रस्ताव उनके पास भेजा था, जिसे उन्होंने अस्वीकर कर दिया था। किताब में नीतीश कुमार के लिएआपत्तिजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया गया है।
वार-पलटवार में कूदीं राबड़ी, कही ये बात
इस किताब की बातों के सामने आते ही बिहार में राजनीति गरमा गई। वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया। भाजपा-जदयू ने लालू की बातों का खंडन किया तो राजद ने समर्थन। जब आरोप के घेरे में आए प्रशांत किशोर ने लालू की बातों का खंडन कर दिया तो राबड़ी देवी सामने आ गईं। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर उनके समाने नीतीश कुमासर का ऑफर लेकर आए थे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने नीतीश के कबूतर (प्रशांत किशोर) को घर से भगा दिया था।
प्रशांत किशोर ने दिया ये जवाब
राबड़ी के आरोपों के बाद जब प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लालू यादव के परिवार को चुनौती दी कि वे जब चाहें, मीडिया के सामने बैठ जाएं, पता चल जाएगा कि उनकी लालू से क्या बात हुई थी और किसने किसको क्या ऑफर दिया था?
अब तेजस्वी के बयान ने खड़ा किया बवाल
अब प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद तेजस्वी के बयाने ने नया बवाल खड़ाकर दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार तो जदयू का कांग्रेस में विलय के लिए भी तैयार थे। छह महीने के भीतर ही उनका भाजपा से मोहभंग हो गया था।
नए सिरे से गरमाई सियासत
प्रशांत किशोर के पक्ष-विपक्ष में राजनीति फिर गरमा गई है। जदयू प्रवक्ता ने कहा है कि लालू की सियासी नैया अब डूब चुकी है और ऐसे बयान इसी की छटपटाहट के प्रमाण हैं। जदयू के अनुसार लालू झूठ और फरेब की राजनीति करते रहे हैं। वे आज भी यही कर रहे हैं। तेजस्वी के आरोप पर जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि पार्टी के किसी अन्य दल के साथ विलय या महागठबंधन में जाने की कोई बात नहीं थी।
भाजपा विधायक नितिन नवीन ने भी जदयू के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि लालू परिवार सत्ता के बिना नहीं रह सकता, इसलिए ऐसी बात कर रहा है।
खास बात यह है कि तेजस्वी के आरोप का महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस ने भी खंडन कर दिया है। बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा तथा प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्र ने ऐसी किसी जानकारी से इनकार किया है।
दूसरी ओर राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि प्रशांत किशोर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने प्रशांत किशोर के लालू के पास आॅफर लेकर जाने की व्यक्तिगत जानकारी का दावा किया। शिवानंद ने यह भी प्रशांत किशोर ने बिहार-झारखंड की 54 लोकसभा सीटों पर एक साथ लड़ने का ऑफर दिया था। इसके लिए प्रशांत किशोर ने यह शर्त रखी थी कि नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाया जाए। तिवारी ने कहा कि वे इस बयान की सत्यता के लिए वे एफिडेविट भी देने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस नेता शाश्वत गौतम ने कहा कि प्रशांत किशोर की विश्वसनीयता जनता को पता है। वे ऐसा केवल नीतीश कुमार के गुड बुक में आने के लिए बोल रहे हैं।
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