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बिहार: 2019 के चुनाव से कन्‍हैया की सियासी एंट्री, विरोध में उतरा NDA

कन्‍हैया कुमार आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार के बेगूसराय से भाकपा के उम्‍मीदवार होंगे, इसकी चर्चा के बीच बिहार की राजनीति गरमा गई है। इस संबंध में जानने के लिए पढ़ें यह खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 07:52 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 10:54 PM (IST)
बिहार: 2019 के चुनाव से कन्‍हैया की सियासी एंट्री, विरोध में उतरा NDA
बिहार: 2019 के चुनाव से कन्‍हैया की सियासी एंट्री, विरोध में उतरा NDA

पटना [जेएनएन]। लोकसभा चुनाव 2019 में जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के बिहार के बेगूसराय से भारतीय कम्‍युनिष्‍ट पार्टी (भाकपा) से प्रत्‍याशी होने की चर्चा है। उन्‍हें विपक्षी महागठबंधन (राष्‍ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा तथा राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के साथ सभी वाम दलों का सममर्थन मिलेगा। इस चर्चा के साथ बिहार में राजनीति गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी है तो राजद ने इसका स्‍वागत किया है। हालांकि, कन्‍हैया ने इसे फिलहाल तय नहीं बताया है।

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वाम दलों में बन चुकी सहमति

विदित हो कि भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने बताया है कि उनकी पार्टी लोक सभा चुनाव में बेगूसराय, मधुबनी, मोतिहारी, खगड़िया, गया और बांका सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। उन्‍होंने कहा कि कन्हैया कुमार बेगूसराय से चुनाव लड़ें, इसके लिए वामपंथी दलों के बीच पटना से दिल्ली तक एक राय बन चुकी है। कन्‍हैया को लेकर लालू प्रसाद यादव भी सहमत हैं, हालांकि अभी कोई औपचारिक बातचीत या घोषणा नहीं हुई है। चुनाव में कन्‍हैया को महागठबंधन के घटक दलों का भी समर्थन मिलगा।

बयान पर गरमायी राजनीति, कही ये बातें

भाकपा के इस बयान के बाद बिहार में राजनीति गरमा गई है। भाजपा के संजय मयूख ने सवाल किया कि ये कन्‍हैया आखिर है कौन? बिहार देशभक्ति का पर्याय है, यह राष्‍ट्रवाद का प्रवर्तक रहा है। यहां कन्‍हैया जैसे लोगों का काम नहीं है। जदयू के राष्‍ट्रीय महासचिव केसी त्‍यागी ने भी कहा कि कन्‍हैया का छात्र जीवन प्रगतिशील अांदोलन से जुड़ा रहा, लेकिन लालू प्रसाद यादव के समर्थन के साथ उनकी राजनीति में एंट्री दुर्भाग्‍यपूर्ण है। वामपंथी तो जीवनभर भ्रष्‍टाचार व परिवारवाद के खिलाफ लड़ते रहे हैं।

दूसरी ओर राजद के मृत्‍युंजय तिवारी ने कन्‍हैया के चुनाव लड़ने का स्‍वागत किया है। उन्‍होंने कहा कि तेजस्‍वी यादव, कन्‍हैया कुमार व हार्दिक पटेल जैसे युवा नेताओं से राजग घबड़ा गया है।

कन्‍हैया ने कहा: फिलहाल कुछ भी तय नहीं

हालांकि, कन्‍हैया ने स्‍पष्‍ट किया है कि फिलहाल कुछ भी तय नहीं है। उनके अनुसार अगर पार्टी टिकट देती है तो वे चुनाव लड़ेंगे। लेकिन, अभी ऐसी कोई बात नहीं है।

देशद्रोह के आरोप में जमानत पर हैं कन्‍हैया

कन्‍हैया बिहार के बेगूसराय जिला स्थित बरौनी प्रखंड अंतर्गत बिहट पंचायत के रहने वाले हैं। जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन अध्यक्ष रहते हुए फरवरी 2016 में उनपर देशद्रोही नारेबाजी का आरोप लगा। उस मामल में वे गिरफ्तार किए गए थे। फिलहाल वे जमानत पर हैं। जमानत के बाद कन्हैया बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। वे लालू प्रसाद यादव व नीतीश कुमार से भी मिल चुके हैं।

बेगूसराय सीट पर भाजपा का कब्‍जा

बेगूसराय सीट, जिसपर कन्‍हैया के चुनाव लड़ने की चर्चा है, वामपंथियों के प्रभाव वाला माना जाता है। फिलहाल इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के भोला सिंह सांसद हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्‍होंने राष्‍ट्रीय जनता दल के तनवीर हसन को करीब 58 हजार मतो से पराजित किया था। भारतीय कम्‍युनिष्‍ट पार्टी के राजेंद्र प्रसाद सिंह को तीसरा स्‍थान हासिल हुआ था।


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