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बिहार में मचा सियासी बवाल, RSS सहित 19 संगठनों की जांच करेगी नीतीश की पुलिस

बिहार की स्पेशल क्राइम ब्रांच की पुलिस आरएसएस सहित 19 संगठनों की कुंडली खंगालेगी। इस आदेश के जारी होने के बाद बिहार में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। जानिए किसने क्या कहा...

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 10:53 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 10:13 PM (IST)
बिहार में मचा सियासी बवाल, RSS सहित 19 संगठनों की जांच करेगी नीतीश की पुलिस
बिहार में मचा सियासी बवाल, RSS सहित 19 संगठनों की जांच करेगी नीतीश की पुलिस

पटना, जेएनएन। बिहार में स्पेशल ब्रांच की टीम अब राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) समेत 19 संगठनों की कुंडली खंगालेगी। स्पेशल ब्रांच की इंटेलिजेंस विंग ने आरएसएस और उसके अनुषांगिक संगठनों के राज्य पदाधिकारियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का आदेश दिया है। स्पेशल  ब्रांच का यह आदेश सुर्खियों में है। इसके उजागर होने के बाद बिहार में राजनीति भी गरमा गई है। इस पर पुलिस मुख्‍यालय ने सफाई दी है। वहीं यह मामला बिहार विधानसभा में भी छाया रहा। 

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एडीजी ने दी सफाई 
इधर, दोपहर में एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने चिट्ठी पर सफाई दी।  बताया कि बगैर अनुमति एसपी ने पत्र जारी कर दिया। पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।  गृह विभाग ने भी विशेष शाखा से स्पष्टीकरण तलब कर लिया है। पूछा है कि सरकार की जानकारी के बगैर पत्र कैसे निर्गत हुआ? गंगवार ने कहा कि पुलिस मुख्यालय या सरकार को कोई जानकारी नहीं है। एडीजी ने कहा कि यह पत्र पुलिस अधीक्षक की तरफ से जारी हुआ है और जिन्होंने पत्र जारी किया वे अभी पुलिस अकेडमी में ट्रेनिंग में हैं। उनका भी पक्ष लिया जाएगा। हालांकि गंगवार ने यह भी कहा कि आरएसएस नेताओं पर खतरा था, इस वजह से डिटेल लिया जा रहा था।

इन संगठनों के बारे में मांगी जानकारी
स्पेशल ब्रांच की ओर से जारी आदेश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, धर्म जागरण सम्नयव समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वेदशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी, हिंदू पुत्र संगठन के पदाधिकारियों के नाम और पते मांगे गये हैं।

एसपी पर अपने मन से पत्र जारी करने का आरोप

बिहार सरकार की विशेष शाखा की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुड़े संगठनों के पदाधिकारियों के बारे में ब्योरा मांगने को लेकर बिहार की राजनीति में नया हंगामा शुरू हो गया है। यह मुद्दा बुधवार को दिन भर गरमाया रहा। दोपहर में पुलिस मुख्यालय की सफाई के बाद यह बात सामने आई कि एसपी ने अपने मन से पत्र जारी कर दिया था। इसमें संघ पर किसी तरह की कार्रवाई की मंशा नहीं है। हालांकि इस मुद्दे पर भाजपा और जदयू के किसी प्रमुख नेता का बयान नहीं आया। 

विधान परिषद में भाजपा ने उठाया मामला
विधान परिषद में भाजपा एमएलसी संजय मयूख ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि मई की लिखी विशेष शाखा की एक चिट्ठी अभी वायरल हो रही है। जिसकी चर्चा सदन के बाहर और तमाम मीडिया के बीच हो रही है। आखिर क्या वजह है कि आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों की जानकारी सरकार ने मांगी है। आरएसएस कोई आज का संगठन नहीं, बल्कि एक प्रतिष्ठित संगठन है और काफी पुराना है। सरकार को इस मसले पर सदन में एक स्पष्ट वक्तव्य देना चाहिए। मयूख को सदन के अंदर कोई जवाब नहीं मिला। 

मचा राजनीतिक बवाल
इस मामले के खुलासे के बाद बिहार में राजनीतिक बवाल मच गया है। बिहार में राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के साथ सरकार में सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसका विरोध किया है तो विपक्षी महागठबंधन ने कहा है कि अब एनडीए सरकार के दिन पूरे हो गए हैं।

भाजपा ने जतायी कड़ी आपत्ति 

बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने कहा है कि सरकार एेसी जांच क्यों करा रही, अब तो इसकी जांच होनी चाहिए। जिस अधिकारी ने यह पत्र निकाला है, उसकी जांच होनी चाहिए और उस अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस प्रकार पत्र निकालना सही नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता संजय पासवान ने कहा कि बिहार की पुलिस सरकार के द्वारा संघ के लोगों के बारे में जानकारी जुटाने का आदेश देना काफी गंभीर मुद्दा है और इस बात को बीजेपी और संघ दोनों गंभीरता से ले रहे हैं। भाजपा विधायक नितिन नवीन ने बिहार सरकार के स्पेशल ब्रांच से आरएसएस की जांच पर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि इस मामले को लेकर बड़े पदाधिकारियों को अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे और आरएसएस का जीवन खुली किताब की तरह है।

जदयू ने कहा-द्वेषता से काम नहीं करती नीतीश सरकार
मामले की जांच कराने को लेकर जदयू विधायक ललन पासवान ने कहा कि नीतीश की सरकार कभी भी द्वेषता से काम नही करती है। इस तरह के किसी पत्र की जानकारी उन्‍हें नहीं है।

राजद ने कहा-बिना नियम के चल रहा भाजपा-जदयू गठबंधन
इस मामले में आरजेडी विधायक अनवर आलम ने कहा कि बिना नियम के बीजेपी और जेडीयू के बीच गठबंधन हुआ है तो अब आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने से क्या होगा? इस मामले को लेकर आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि अब बिहार सरकार आरएसएस पर नकेल कसने की कोशिश कर रही है, जिसका अब बीजेपी विधायक संजय सरावगी ही विरोध कर रहे हैं।  

कांग्रेस ने कहा-जांच का स्वागत है

कांग्रेस नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने RSS की जांच करने वाले पत्र पर किया सवाल,  एनडीए सरकार में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है। 'संदिग्ध गतिविधि मानकर ही सरकार करवा रही होगी जांच' 'कांग्रेस ने सरकार की इस जांच का स्वागत किया है' 'आरएसएस वाले अपना अलग झंडा फहराते हैं।


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