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कोरोना काल में चुनाव पर राजनीतिक दलों को होगी 100 करोड़ से ज्यादा की बचत, जानें कैसे

2015 में तीन माह के दौरान स्टार प्रचारकों और नेताओं की यात्रा में राजनीतिक दलों ने 59.32 करोड़ रुपये खर्च कर डाले थे। ऐसे में इस बार करीब 100 करोड़ की बचत होगी। ऐसे समझें-

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 04:51 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 04:51 PM (IST)
कोरोना काल में चुनाव पर राजनीतिक दलों को होगी 100 करोड़ से ज्यादा की बचत, जानें कैसे
कोरोना काल में चुनाव पर राजनीतिक दलों को होगी 100 करोड़ से ज्यादा की बचत, जानें कैसे

श्रवण कुमार, पटना। कोरोना काल में विधानसभा चुनाव की चहल-पहल के बीच राजनीतिक दलों के तौर-तरीकों में भी बदलाव दिखने लगा है। निर्धारित समय पर चुनाव हुए तो अब समर में कूदने के लिए समय शेष नहीं है। 2015 में अगस्त-सितंबर से ही प्रचार अभियान के साथ राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों और नेताओं की यात्राएं शुरू हो गई थीं। इस बार आलम ये है कि हेलीकॉप्टर की बुकिंग ही नहीं हो रही है। 2015 में तीन माह के दौरान स्टार प्रचारकों और नेताओं की यात्रा में राजनीतिक दलों ने 59.32 करोड़ रुपये खर्च कर डाले थे। 2020 में इसका आकलन करें तो राशि सौ करोड़ के पार चली जाएगी। कोरोना काल में चुनाव हुए तो राजनीतिक दलों की यात्रा मद की कम से कम सौ करोड़ की बचत होनी तय है। 

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चुनाव के दौरान यात्रा में सबसे ज्यादा खर्च

चुनाव के दौरान यात्रा का खर्च राजनीतिक दलों का दूसरा सर्वाधिक व्यय वाला मद माना जाता है। बचत का ये अनुमान बुधवार को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और नेशनल इलेक्शन वॉच द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में राजनीतिक दलों के आय-व्यय पर जारी रिपोर्ट के आधार पर है।

आमदनी और खर्च में ज्यादा अंतर नहीं

भाजपा, जदयू, कांग्रेस, राजद समेत छह राष्ट्रीय और नौ क्षेत्रीय दलों द्वारा चुनाव की घोषणा से चुनाव समाप्ति के बीच आयोग को आय-व्यय की दी गई जानकारी पर रिपोर्ट तैयार की गई है। इन राजनीतिक दलों को चुनाव के दौरान 151.28 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है और 150.99 करोड़ का खर्च। आमदनी का ज्यादा हिस्सा दलों को केंद्रीय मुख्यालय से ही प्राप्त बताया गया है। 130.45 करोड़ रुपये राजनीतिक दलों को केंद्रीय मुख्यालय से प्राप्त हुए हैं। 

ब्यौरा सार्वजनिक किए जाने की अनुशंसा

दलों ने चुनाव के दौरान सर्वाधिक खर्च प्रचार-प्रसार, जनसभाओं और रैलियों पर किए हैं। इस मद में राजनीतिक दलों के 74.97 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उम्मादवारों को चुनाव लड़ने के लिए 46.61 करोड़ रुपये दिए गए थे। अन्य खर्चों में 9.90 करोड़ रुपये शामिल हैं। रिपोर्ट जारी करते हुए एडीआर ने राजनीतिक दलों को दान और चंदा देने वालों का ब्यौरा सार्वजनिक किए जाने की अनुशंसा की है। इसके साथ ही पारदर्शिता के लिए खर्चों को चेक, डीडी या बैंक ट्रांसफर के जरिए करने की आवश्यकता जताई गई है।


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