पीएम के राम मंदिर अध्यादेश पर आए वक्तव्य से गरमाया बिहार, तेज है बयानबाजी
राम मंदिर और इस पर संभावित अध्यादेश को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आए बयान के बाद बिहार में सियासत तेज है। एनडीए-महागठबंधन के नेता एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।
पटना [जेएनएन]। राम मंदिर और इस पर संभावित अध्यादेश को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आए बयान के बाद बिहार में भी सियासत तेज है। पीएम ने एजेंसी को दिये गये इंटरव्यू में कहा था कि सरकार फिलहा राम मंदिर निर्माण पर कोई अध्यादेश नहीं ला रही है। इसके बाद से इसे लेकर बिहार में एनडीए और महागठबंधन के नेताओं की बयानबाजी तेज हो गई है। वार-पलटवार शुरू हो गए हैं। कोई पीएम को सही ठहरा रहे हैं तो कोई उनके बयान को जुमला बता रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने पीएम नरेंद्र मोदी के बयान का खुलकर समर्थन किया है।
लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने बुधवार को ट्वीट कर कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी के राम मंदिर निर्माण पर दिए गए वक्तव्य स्वागतयोग्य है। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायिक प्रक्रिया पूर्ण होने पर संविधान के दायरे में ही राम मंदिर निर्माण की दिशा में निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने अपने इस ट्वीट को पीएम के ट्विटर एकाउंट से भी टैग किया है।
उधर बिहार सरकार के मंत्री नंदकिशोर यादव ने भी मीडिया से बात करते हुए राम मंदिर अध्यादेश को लेकर पीएम के वक्तव्य को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने अपना दृष्टिकोण जनता के सामने रख दिया है। मंदिर का निर्माण संवैधानिक प्रक्रिया या आपसी तालमेल से हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि राम मंदिर बीजेपी का चुनावी मुद्दा नहीं है।
दूसरी ओर विपक्ष इसे लेकर एनडीए पर हमलावर बना हुआ है। कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में पीएम पर निशाना साधा है और इसे जुमला बताया है। उन्होंने कहा कि पीएम के द्वारा अयोध्या मामले पर अध्यादेश नहीं लाना नए साल का जुमला है। उन्होंने यह भी कहा कि तीन राज्यों में बीजेपी को मिली हार को वे समझें। धार्मिक मुद्दों के भरोसे चुनाव को जीतना संभव नहीं है। वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि पीएम ने देश के मूड को देखते हुए बयान दिया है। दरअसल वे बीजेपी और आरएसएस को बचाने की साजिश कर रह रहे हैं।
एनडीए को छोड़कर हाल ही में महागठबंधन का दामन थामने वाले रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने फिर ट्वीट किया है कि 'मैंने पहले ही कहा था कि मंदिर या मस्जिद बनवाना किसी राजनीतिक पार्टी या सरकार का कार्य नहीं है। इन्हें जनहित के मुद्दों जैसे बच्चों के लिए पढाई, युवाओं एवं किसानों के लिए कमाई और अस्वस्थ लोगों के लिए दवाई की समुचित व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।'