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बिहार की सियासत: विधानसभा चुनाव से पहले और भी राहें हैं, और भी हैं गलियां...

बिहार में विधानसभा का चुनाव तो 2020 में होनेवाला है। लेकिन विभिन्न दल चुनाव की तैयारियों में लग गए हैं। चुनाव से पहले सभी दलों को कई मोड़ से होकर उन्हें गुजरना है। जानिए क्या....

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 08:51 AM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 10:57 PM (IST)
बिहार की सियासत: विधानसभा चुनाव से पहले और भी राहें हैं, और भी हैं गलियां...
बिहार की सियासत: विधानसभा चुनाव से पहले और भी राहें हैं, और भी हैं गलियां...

पटना [अरविंद शर्मा]। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए मैदान में आने से पहले अभी बिहार के सियासी दलों को कई मोड़ से गुजरना होगा। सबसे पहले बिहार विधान परिषद की अगले साल छह मई को खाली होने जा रही 27 सीटों के लिए जद्दोजहद करनी है।

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विधान पार्षदों के संसद सदस्य चुने जाने के कारण खाली हुई दो सीटों को मिलाकर संख्या अब बढ़कर 29 होने वाली है, जो परिषद की कुल 75 सीटों का लगभग 39 फीसद होगा। हालांकि इनमें 12 सीटें राज्यपाल के मनोनयन कोटे की हैं। 

मनोयन वाली कुल 12 सीटों को भरने में सत्तारूढ़ दलों को ज्यादा कवायद की जरूरत नहीं पड़ेगी। विधानसभा कोटे की नौ सीटों के लिए भी पक्ष-विपक्ष के विधायकों की संख्या सबकुछ साफ कर देगी। सियासी दलों के सामथ्र्य और रणनीति की असली परीक्षा स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए होने वाले चुनाव में होगी।

बिहार में इस कोटे की कुल आठ सीटें हैं। स्नातक की चार और शिक्षक कोटे की भी चार। सभी पर सीधा चुनाव होगा। विधानसभा कोटे की सीटों पर अप्रत्यक्ष चुनाव होता है। सभी दल अपनी हैसियत के हिसाब से बांट लेंगे। 

नीरज कुमार समेत दो मंत्री मैदान में 

विधान परिषद सदस्यों के चुनाव में राज्य के दो मंत्री भी शामिल हैं। सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार पटना स्नातक क्षेत्र से विधान परिषद के सदस्य हैं। विधानसभा कोटे से भवन निर्माण मंत्री अशोक और विधान परिषद के सभापति हारुण रशीद हैं।

राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और पशुपति कुमार पारस के लोकसभा सदस्य निर्वाचित हो जाने के कारण मनोनयन कोटे की दो सीटें खाली हैं। माना जा रहा है कि उक्त दोनों सीटें भी उसी दौरान भरी जाएंगी। 

आठ सीटों पर अक्टूबर से प्रक्रिया

स्नातक और शिक्षक कोटे की सीटों के लिए निर्वाचन आयोग ने नई मतदाता सूची तैयार करने का कार्यक्रम जारी कर दिया है। पटना, दरभंगा और तिरहुत में दोनों, सारण में सिर्फ शिक्षक और कोसी में सिर्फ स्नातक के लिए चुनाव होगा। पहली अक्टूबर को मतदाता सूची संबंधी पब्लिक नोटिस प्रकाशित कर दिया जाएगा।

स्नातक मतदाता और प्रत्याशी होने के लिए एक नवंबर से तीन साल पहले स्नातक पास होना जरूरी है। शिक्षक मतदाता और प्रत्याशी होने के लिए पिछले छह साल में कम से कम तीन साल तक शिक्षक होना अनिवार्य होगा। आवेदन छह नवंबर तक होगा। प्रारूप का प्रकाशन 23 नवंबर को किया जाएगा। नौ दिसंबर तक दावा-आपत्ति की जा सकती है। सूची का अंतिम प्रकाशन 30 दिसंबर को कर दिया जाएगा। 

खाली सीटें और कोटा 

विधानसभा कोटा (कुल-9)

अशोक चौधरी

हारुण रशीद 

हीरा प्रसाद बिंद 

प्रशांत कुमार शाही

सतीश कुमार

सोनेलाल मेहता 

कृष्ण कुमार सिंह 

राधा मोहन शर्मा

संजय प्रकाश

मनोनीत (कुल-10)

जावेद इकबाल अंसारी

ललन कुमार सर्राफ

रामचंद्र भारती

राम लखन राम रमण

राम बचन राय 

राणा गंगेश्वर सिंह

रणवीर नंदन 

संजय कुमार सिंह

शिव प्रसन्न यादव

विजय कुमार मिश्र

शिक्षक (कुल-4)

केदारनाथ पांडेय-सारण 

मदन मोहन झा-दरभंगा 

संजय कुमार सिंह-तिरहुत 

प्रो. नवल किशोर यादव-पटना

स्नातक (कुल-4)

नीरज कुमार-पटना

दिलीप कुमार चौधरी-दरभंगा

डॉ. एनके यादव-कोसी

देवेश चंद्र ठाकुर-तिरहुत 

सांसद बने (कुल-2)

राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह

पशुपति कुमार पारस


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