पुलिस करेगी सर्वे, नियोजित शिक्षक की मांग जायज है या नहीं
पुलिस करेगी सर्वे नियोजित शिक्षकों की मांग जायज है या नहीं
पटना। अब पुलिस नियोजित शिक्षकों का 'रिपोर्ट कार्ड' तैयार करेगी। वह गांव-गांव जाकर लोगों से पूछेगी कि नियोजित शिक्षकों की मांग जायज है या नहीं। अभिभावकों से भी पूछा जाएगा कि क्या आप नियोजित शिक्षकों के शिक्षण कार्य से संतुष्ट हैं? शिक्षक समय से स्कूल आते हैं या नहीं? क्या वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से पढ़ा रहे हैं या नहीं?
इस संबंध में पुलिस की विशेष शाखा ने राज्य के सभी पुलिस उपाधीक्षकों को निर्देश दिया है। प्रत्येक उपाधीक्षक को कम से कम 100 लोगों की राय लेनी है, जिसमें 50 ऐसे अभिभावक होने चाहिए जिनके बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं। पुलिसकर्मी इस बात का भी ख्याल रखेंगे कि इस सर्वे में किसी भी नियोजित शिक्षक के परिवार से किसी व्यक्ति को शामिल नहीं किया जाएगा। इस संबंध में अगले चौबीस घंटे के अंदर ही पुलिस उपाधीक्षकों से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट के आधार पर सरकार नियोजित शिक्षकों के संबंध में आगे की रणनीति तैयार करेगी।
पुलिस विभाग की विशेष शाखा से पत्र जारी होने के बाद शिक्षकों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल ही उठाया है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि पुलिस को पहले अपनी कार्यप्रणाली का मूल्यांकन करना चाहिए। राजधानी में प्रतिदिन हत्या, लूट, डकैती की घटनाएं होती है, जो पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह ठीक से नहीं कर पा रहा है, वह दूसरे की जिम्मेदारी एवं कर्तव्यों का क्या मूल्यांकन करेगा। हालांकि सरकार के आदेश जारी होने के बाद से कई नियोजित शिक्षकों में शंका का भी माहौल है। अब देखना है कि सर्वे के आधार पर सरकार नियोजित शिक्षकों के संबंध में क्या निर्णय लेती है।