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बिना आरोप के नाबालिग को हाजत में रखना पड़ा महंगा, पुलिस को देना होगा मुआवजा

बिना किसी आरोप के नाबालिग को हाजत में रखना पुलिस को महंगा पड़ गया। अब पीडि़त पक्ष को 50 हजार मुआवजा देना होगा।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 07:25 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 10:43 PM (IST)
बिना आरोप के नाबालिग को हाजत में रखना पड़ा महंगा, पुलिस को देना होगा मुआवजा
बिना आरोप के नाबालिग को हाजत में रखना पड़ा महंगा, पुलिस को देना होगा मुआवजा

पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार के गया के विष्णुपद थाना में बिना किसी आरोप के एक 12 वर्षीय बालक को रात भर हाजत में बंद करके उसे प्रताडि़त करने के मामले में मानवाधिकार आयोग ने पीडि़त पक्ष को 50 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश जारी किया है। मुआवजे की इस राशि का भुगतान बिहार पुलिस को करना होगा। राशि का भुगतान करने के लिए आयोग ने बिहार पुलिस को एक माह का समय दिया है।

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जानकारी के अनुसार, विष्णुपद थानाक्षेत्र के घुंघरीटांड़ निवासी मो. शमीम ने आयोग में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके 12 वर्षीय नाबालिग बेटे को थाने के छोटा बाबू विजय झा ने हाजत में बंद कर दिया था। काफी हाथ-पांव जोडऩे के बाद छोटा बाबू दस हजार रुपये लेकर उनके बेटे को मुक्त कर दिया।

मो. शमीम ने अपनी शिकायत में यह भी कहा था कि वर्ष 2010 में उसे भी इसी छोटा बाबू ने इसी तरह घर से उठाकर हाजत में बंद कर दिया था। तब उनकी भी रिहाई दस हजार रुपये देने के बाद हुई थी।

इस मामले की सुनवाई कर रहे आयोग के प्रभारी अध्यक्ष न्यायाधीश मंधाता सिंह ने गया के एसएसपी से एक रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन आयोग के सात रिमाइंडर के बावजूद गया के एसएसपी ने कोई रिपोर्ट आयोग को नहीं भेजी। इस पर आयोग ने कहा कि स्पष्ट है कि मो. शमीम के आरोप सही हैं और गया पुलिस भी इन आरोपों के संबंध में कुछ नहीं कहना चाहती है।


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