युवती से ही मंगवाई लकड़ियां, फिर चिता पर डाल ओढ़ा दिया कफन; पर हो गया चमत्कार
युवती को दरिंदों ने जिंदा जलाने की पूरी तैयारी कर ली थी। शमशान घाट में उसे चिता पर भी डाल दिया था। लेकिन जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय वाली कहावत सच साबित हो गई।
By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 10:38 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 08:39 PM (IST)
भोजपुर [जेएनएन]। जिंदा युवती को चिता पर लिटाकर जलाने की कोशिश की जा रही थी। वह कातर नजरों से देखते हुए छोड़ देने की गुहार लगा रही थी। इस बीच दरिंदे बने अपनों ने उसपर कफन भी डाल दिया और चिता में आग लगाने की तैयारी करने लगे। इस सीन की कल्पना मात्र से रूह कांप जाए, लेकिन इसी बीच चमत्कार हो गया। समय रहते पहुंची पुलिस ने उसे चिता से उठाकर बचा लिया। घटना भोजपुर जिले के सारीपुर सोन नदी शमशान घाट की है। खास बात यह कि युवती को जलाने के लिए चिता की लकड़ियाें की खरीदारी परिवार वालों ने धोखे में रख युवती से ही कराई थी।
पुलिस ने समय पर पहुंचकर बचाया
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की देर शाम भोजपुर की संदेश थाना पुलिस को मोबाइल पर सूचना मिली कि सारीपुर सोन नदी घाट पर एक युवती को चिता पर लिटाकर जिंदा जलाने की तैयारी चल रही है। सूचना मिलने पर दारोगा अवधेश कुमार पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गए। पुलिस को देखकर सभी फरार हो गए और चिता पर जिंदा लिटाई गई युवती को बचा लिया गया। वह जीवित थी और कराह रही थी।
शरीर पर कफन भी डाल चुके थे दरिंदे
लकड़ी की जिस चिता पर युवती को लिटाया गया था, उसपर बेडशीट डाला गया था। उसके ऊपर उसे लिटाया गया था। संतरे के रंग की साड़ी पहनी युवती पर सफेद कफन भी डाला जा चुका था।
बेहोशी की अवस्था में लाई गई थी अस्पताल
युवती को पुलिस ने संदेश रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां वह रातभर बेहोश पड़ी रही। संदेश रेफरल अस्पताल के चिकित्सक डॉ. भूपेन्द्र कुमार ने बताया कि उसे मंगलवार को होश आया।
बच्चा नहीं होने के कारण किया जा रहा था प्रताडि़त
युवती की पहचान संदेश थाना अंतर्गत बचरी गांव निवासी भगवान ठाकुर की पुत्री पुतुल देवी के रूप में की गई। उसकी शादी 10 साल पहले संदेश निवासी बासदेव ठाकुर के पुत्र रविन्द्र ठाकुर के साथ हुई थी। पुतल देवी के छोटे भाई गणेश ठाकुर से पूछताछ में पता चला है कि बच्चा नहीं जनने के चलते उसकी बहन को प्रताडि़त किया जाता था।
सास-ससुर के इशारे पर प्रताडि़त करता था पति
होश में आने पर युवती ने बताया कि शादी के बाद से ही उसका पति अक्सर सास व ससुर के इशारे पर उसे प्रताडि़त करता था। उसके बयान पर दर्ज प्राथमिकी में उसके पति रविन्द्र ठाकुर समेत ससुर व सास को नामजद किया गया है। घटना के बाद से तीनों आरोपी फरार हैं।
खुद खरीदी थी अपनी चिता की लकड़ियां
इस मामले में ग्रामीण व मजदूर बता रहे हैं कि युवती खुद साढ़े चार सौ रुपये मेें डेढ़ मन लकड़ी खरीदकर ले गई थी। वह खुद लकड़ी लेकर गई। अगर ये बात सच है तो संभव है कि परिवार वालों ने युवती को धोखे में रख लकड़ियां की खरीदारी कराई हो।
पुलिस ने समय पर पहुंचकर बचाया
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की देर शाम भोजपुर की संदेश थाना पुलिस को मोबाइल पर सूचना मिली कि सारीपुर सोन नदी घाट पर एक युवती को चिता पर लिटाकर जिंदा जलाने की तैयारी चल रही है। सूचना मिलने पर दारोगा अवधेश कुमार पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गए। पुलिस को देखकर सभी फरार हो गए और चिता पर जिंदा लिटाई गई युवती को बचा लिया गया। वह जीवित थी और कराह रही थी।
शरीर पर कफन भी डाल चुके थे दरिंदे
लकड़ी की जिस चिता पर युवती को लिटाया गया था, उसपर बेडशीट डाला गया था। उसके ऊपर उसे लिटाया गया था। संतरे के रंग की साड़ी पहनी युवती पर सफेद कफन भी डाला जा चुका था।
बेहोशी की अवस्था में लाई गई थी अस्पताल
युवती को पुलिस ने संदेश रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां वह रातभर बेहोश पड़ी रही। संदेश रेफरल अस्पताल के चिकित्सक डॉ. भूपेन्द्र कुमार ने बताया कि उसे मंगलवार को होश आया।
बच्चा नहीं होने के कारण किया जा रहा था प्रताडि़त
युवती की पहचान संदेश थाना अंतर्गत बचरी गांव निवासी भगवान ठाकुर की पुत्री पुतुल देवी के रूप में की गई। उसकी शादी 10 साल पहले संदेश निवासी बासदेव ठाकुर के पुत्र रविन्द्र ठाकुर के साथ हुई थी। पुतल देवी के छोटे भाई गणेश ठाकुर से पूछताछ में पता चला है कि बच्चा नहीं जनने के चलते उसकी बहन को प्रताडि़त किया जाता था।
सास-ससुर के इशारे पर प्रताडि़त करता था पति
होश में आने पर युवती ने बताया कि शादी के बाद से ही उसका पति अक्सर सास व ससुर के इशारे पर उसे प्रताडि़त करता था। उसके बयान पर दर्ज प्राथमिकी में उसके पति रविन्द्र ठाकुर समेत ससुर व सास को नामजद किया गया है। घटना के बाद से तीनों आरोपी फरार हैं।
खुद खरीदी थी अपनी चिता की लकड़ियां
इस मामले में ग्रामीण व मजदूर बता रहे हैं कि युवती खुद साढ़े चार सौ रुपये मेें डेढ़ मन लकड़ी खरीदकर ले गई थी। वह खुद लकड़ी लेकर गई। अगर ये बात सच है तो संभव है कि परिवार वालों ने युवती को धोखे में रख लकड़ियां की खरीदारी कराई हो।
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