पटना पुलिस ने अगवा बच्चे को किया बरामद, मांगी गई थी 60 लाख की फिरौती
गुरुवार को पटना पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने फिरौती के लिए अगवा किये गए बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया हे।
By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 10 May 2018 09:34 AM (IST)Updated: Thu, 10 May 2018 07:16 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। गुरुवार को पटना पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली। छपरा से अगवा किये गए बच्चे को पुलिस ने बहादुरपुर इलाके से सकुशल मुक्त करा लिया है। साथ ही पांच अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी के अनुसार, बिहार के छपरा जिले से एक बच्चे को अगवा कर अपराधियों ने 60 लाख की फिरौती मांगी थी। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए बच्चे को सकुशल पटना के बहादुरपर थाना इलाके से मुक्त करा लिया। परिजनों को इसी सूचना दे दी गई है।
इस बाबत एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि वैशाली जिले के सोनपुर के वृंदावन कॉलनी में रहने वाले ठेकेदार के पुत्र सन्नी कुमार को अपराधियों ने स्कूल से आते वक्त अगवा कर लिया और उसे पटना ले आये। यहां एक लॉज में छिपाकर रखा गया था। अगवा करने के बाद अपराधियों ने सन्नी के परिजनों से फोन कर 60 लाख की फिरौती मांगी और नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस ने इस मामले में अनुसंधान करने के बाद एक टीम का गठन किया। टीम ने बहादुरपुर स्थित एक लॉज से सन्नी को सकुशल मुक्त करा लिया गया। कुछ आरोपी वैशाली जिले के लालगंज के रहने वाले हैं तो कुछ बाहर के हैं। वे यहां पढ़ने के नाम पर लॉज में रह रहे थे।
जानकारी के अनुसार, बिहार के छपरा जिले से एक बच्चे को अगवा कर अपराधियों ने 60 लाख की फिरौती मांगी थी। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए बच्चे को सकुशल पटना के बहादुरपर थाना इलाके से मुक्त करा लिया। परिजनों को इसी सूचना दे दी गई है।
इस बाबत एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि वैशाली जिले के सोनपुर के वृंदावन कॉलनी में रहने वाले ठेकेदार के पुत्र सन्नी कुमार को अपराधियों ने स्कूल से आते वक्त अगवा कर लिया और उसे पटना ले आये। यहां एक लॉज में छिपाकर रखा गया था। अगवा करने के बाद अपराधियों ने सन्नी के परिजनों से फोन कर 60 लाख की फिरौती मांगी और नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस ने इस मामले में अनुसंधान करने के बाद एक टीम का गठन किया। टीम ने बहादुरपुर स्थित एक लॉज से सन्नी को सकुशल मुक्त करा लिया गया। कुछ आरोपी वैशाली जिले के लालगंज के रहने वाले हैं तो कुछ बाहर के हैं। वे यहां पढ़ने के नाम पर लॉज में रह रहे थे।
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