भागलपुर हिंसा: 14 दिनों के लिए जेल भेजे गए अर्जित, पटना से लाते वक्त जगह-जगह प्रदर्शन
बिहार के भागलपुर में हुई हिंसा मामले में सरेंडर के बाद भाजपा नेता अर्जित शाश्वत को कोर्ट ने जेल भेज दिया। उन्हें पटना से भागलपुर लाते वक्त समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की।
By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 01 Apr 2018 09:33 AM (IST)Updated: Sun, 01 Apr 2018 09:03 PM (IST)
style="text-align: justify;">पटना/ भागलपुर [जागरण टीम]। 17 मार्च को नववर्ष के जुलूस के बाद चंपानगर में हुए उपद्रव के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री के पुत्र व भाजपा नेता अर्जित शाश्वत चौबे को रविवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इसके पूर्व उन्हें बेगूसराय के रास्ते पटना से भागलपुर लाया गया।
एसीजेएम के यहां हुई पेशी
भागलपुर में उन्हें तिलकामांझी के जज कॉलोनी स्थित एसीजेएम अमित रंजन उपाध्याय के यहां पेश किया गया। एसीजेएम ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में विशेष केंद्रीय कारा (कैंप जेल) भेज दिया। कड़ी सुरक्षा के बीच अर्जित को जेल ले जाया गया। मालूम हो कि शनिवार की देर रात उन्होंने पटना स्थित हनुमान मंदिर में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
विक्रमशिला पुल पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने रोका पुलिस का रास्ता
अर्जित को पटना से बेगूसराय होकर भागलपुर लाया गया। इस सूचना पर सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता विक्रमशिला सेतु पर जमा हो गए। जब सुरक्षाकर्मियों द्वारा स्कॉट करती हुईं गाडिय़ां पुलिस टीओपी के करीब पहुंचीं तो महिला कार्यकर्ताओं ने अर्जित के वाहन को रोककर उन्हें माला पहनाने का प्रयास किया। पुलिस ने सख्ती बरतते हुए इन्हें वहां से हटा दिया। इसके बाद पुलिस का रास्ता रोकने के लिए कुछ महिलाएं वाहन पर ही लेट गईं, लेकिन पुलिस ने इन्हें हटा दिया।
महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं का बवाल
अर्जित को माला पहनाने से रोकने पर महिला मोर्चा की कार्यकर्ता आक्रोशित हो गईं। भाजपा नेत्री श्वेता सिंह ने पुलिस पर दुव्र्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वे लोग माला पहनाने के लिए जा रही थीं, लेकिन पुरुष पुलिसकर्मी ने उनका हाथ पकड़कर उन्हें धक्का दे दिया। वहीं भाजपा नेता पुष्पा प्रसाद और विम्मी शर्मा ने कहा कि यदि उन्हें हटाना ही था, तो महिला पुलिसकर्मियों को लगाना चाहिए था। ऐसा नहीं कर प्रशासन ने सही नहीं किया है। इन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है। अर्जित को जेल भेजने के समय भाजपा जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय के साथ सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।
कार्यकर्ताओं द्वारा हंगामे की जानकारी मिली है। भागलपुर में मूवमेंट की वीडियो बनवाई गई है। मामले में गठित टीम के साथ समीक्षा करने के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा।
- मनोज कुमार
एसएसपी, भागलपुर
अर्जित बोले, मैं निर्दोष
अर्जित शाश्वत के अनुसार वे निर्दोष हैं और हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने कोर्ट का सम्मान कर सरेंडर का फैसला किया। इसके पहले उनके अधिवक्ता वीरेश प्रसाद मिश्रा ने कहा था कि अर्जित चौबे ने किसी तरह का नारा भी नहीं लगाया था। प्राथमिकी में भी अर्जित के खिलाफ कोई आरोप नहीं है। सिर्फ अंत में लिखा गया है जुलूस अर्जित चौबे के नेतृत्व में निकाला गया था।
दूसरी ओर अभियोजन पक्ष के वकील लोक अभियोजक सत्यनारायण प्रसाद साह ने कहा था कि धार्मिक स्थल के समीप जय श्रीराम का नारा लगाया गया। हिंदुस्तान में रहना है तो जय श्रीराम कहना होगा, जैसे आपत्तिजनक नारे लगाए गए।
एसीजेएम के यहां हुई पेशी
भागलपुर में उन्हें तिलकामांझी के जज कॉलोनी स्थित एसीजेएम अमित रंजन उपाध्याय के यहां पेश किया गया। एसीजेएम ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में विशेष केंद्रीय कारा (कैंप जेल) भेज दिया। कड़ी सुरक्षा के बीच अर्जित को जेल ले जाया गया। मालूम हो कि शनिवार की देर रात उन्होंने पटना स्थित हनुमान मंदिर में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
विक्रमशिला पुल पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने रोका पुलिस का रास्ता
अर्जित को पटना से बेगूसराय होकर भागलपुर लाया गया। इस सूचना पर सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता विक्रमशिला सेतु पर जमा हो गए। जब सुरक्षाकर्मियों द्वारा स्कॉट करती हुईं गाडिय़ां पुलिस टीओपी के करीब पहुंचीं तो महिला कार्यकर्ताओं ने अर्जित के वाहन को रोककर उन्हें माला पहनाने का प्रयास किया। पुलिस ने सख्ती बरतते हुए इन्हें वहां से हटा दिया। इसके बाद पुलिस का रास्ता रोकने के लिए कुछ महिलाएं वाहन पर ही लेट गईं, लेकिन पुलिस ने इन्हें हटा दिया।
महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं का बवाल
अर्जित को माला पहनाने से रोकने पर महिला मोर्चा की कार्यकर्ता आक्रोशित हो गईं। भाजपा नेत्री श्वेता सिंह ने पुलिस पर दुव्र्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वे लोग माला पहनाने के लिए जा रही थीं, लेकिन पुरुष पुलिसकर्मी ने उनका हाथ पकड़कर उन्हें धक्का दे दिया। वहीं भाजपा नेता पुष्पा प्रसाद और विम्मी शर्मा ने कहा कि यदि उन्हें हटाना ही था, तो महिला पुलिसकर्मियों को लगाना चाहिए था। ऐसा नहीं कर प्रशासन ने सही नहीं किया है। इन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है। अर्जित को जेल भेजने के समय भाजपा जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय के साथ सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।
कार्यकर्ताओं द्वारा हंगामे की जानकारी मिली है। भागलपुर में मूवमेंट की वीडियो बनवाई गई है। मामले में गठित टीम के साथ समीक्षा करने के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा।
- मनोज कुमार
एसएसपी, भागलपुर
अर्जित बोले, मैं निर्दोष
अर्जित शाश्वत के अनुसार वे निर्दोष हैं और हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने कोर्ट का सम्मान कर सरेंडर का फैसला किया। इसके पहले उनके अधिवक्ता वीरेश प्रसाद मिश्रा ने कहा था कि अर्जित चौबे ने किसी तरह का नारा भी नहीं लगाया था। प्राथमिकी में भी अर्जित के खिलाफ कोई आरोप नहीं है। सिर्फ अंत में लिखा गया है जुलूस अर्जित चौबे के नेतृत्व में निकाला गया था।
दूसरी ओर अभियोजन पक्ष के वकील लोक अभियोजक सत्यनारायण प्रसाद साह ने कहा था कि धार्मिक स्थल के समीप जय श्रीराम का नारा लगाया गया। हिंदुस्तान में रहना है तो जय श्रीराम कहना होगा, जैसे आपत्तिजनक नारे लगाए गए।
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