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लॉकडाउन में पुलिस खंगाल रही अपराधियों की कुंडली, डीजीपी ने लापरवाह अधिकारियों को भी चेताया

लॉकडाउन के बावजूद पुलिस को आशंका है कि हाल के दिनों में आपराधिक वारदात में वृद्धि हो सकती है। ऐसे में पुलिस अपराधियों की कुंडली खंगालने में जुट गई है। डीजीपी ने कड़े निर्देश दिए।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 08:39 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 08:39 PM (IST)
लॉकडाउन में पुलिस खंगाल रही अपराधियों की कुंडली, डीजीपी ने लापरवाह अधिकारियों को भी चेताया
लॉकडाउन में पुलिस खंगाल रही अपराधियों की कुंडली, डीजीपी ने लापरवाह अधिकारियों को भी चेताया

पटना, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन के बावजूद पुलिस को आशंका है कि हाल के दिनों में आपराधिक वारदात में वृद्धि हो सकती है। ऐसे में बैंक, एटीएम, कैश वैन एवं स्वर्ण कारोबारियों को विशेष रूप से सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। साथ ही पुलिस पहले से जमानत पर छूटे और पुराने अपराधियों की कुंडली भी खंगालने में जुटी है। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सभी एसएसपी-एसपी से कहा कि वे थानेदारों और एसडीपीओ से अभियान चलाकर मॉनीटरिंग करने के निर्देश दें। लॉकडाउन खुलने के बाद की आशंकाओं से भी पुलिस अधिकारियों को भी डीजीपी ने चेताया है।  

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जमानतदारों पर भी पुलिस की नजर

अपराधियों के जमानतदार की छानबीन की जा रही है। यदि मामला गड़बड़ हुआ तो जमानतदार पर भी कार्रवाई होगी। जेल जाना पड़ सकता है। बड़े आपराधिक वारदातों के अभियुक्त के जमानतदार कौन है इसकी तहकीकात का जिम्मा क्राइम ब्रांच (सीबी) का है। जमानत देने वाला शख्स अभियुक्त का रिश्तेदार, दोस्त या कोई अनजान व्यक्ति है, यह जानने के साथ उन कागजातों की छानबीन भी की जा रही है। गंभीर आपराधिक मामलों में जेल से जमानत पाने वाले अपराधियों के जमानतदार की छानबीन के निर्देश दिए गए हैं।


जिलों में सीआइडी की टीम कर रही काम

यह काम सीआइडी की जिलों में तैनात टीम कर रही है। इस टीम में इंस्पेक्टर से लेकर एएसआइ और जवान भी होते हैं। जमानतदार कौन है, कोर्ट में जमा किए गए नाम-पते के दस्तावेज से इस बात की छानबीन जारी है। यदि रिश्तेदार नहीं है तो फिर दोस्त तो नहीं। उसने जो नाम-पता दिया है वह सही है या नहीं। इसके अलावा जमानत के एवज में जमा की जानेवाले संपत्ति के कागजात की भी जांच-पड़ताल की जा रही है। जमानतदार ने संपत्ति के जो कागजात दिए हैं उसमें तो कोई गड़बड़ी तो नहीं है। कहीं फर्जी कागजात तो नहीं तैयार किया गया।

गड़बड़ हुआ मामला तो होगा मुकदमा

जमानतदार यदि फर्जी है तो अभियुक्त के खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं जमानत में कागजात का फर्जीवाड़ा पाया जाता है तो संबंधित व्यक्ति पर भी शिकंजा कसेगा।


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