रौनक हत्याकांड में चार का होगा नार्को टेस्ट
नौवीं के छात्र 15 वर्षीय रौनक का अपहरण कर 25 लाख रुपये फिरौती मांगने एवं हत्या के मामले में चार आरोपितों का नारको टेस्ट कराने की पुलिस को अनुमति।
पटना । नौवीं के छात्र 15 वर्षीय रौनक का अपहरण कर 25 लाख रुपये फिरौती मांगने एवं हत्या कर देने के एक आरोपित तथा तीन संदिग्धों का नार्को टेस्ट कराने की मंजूरी गुरुवार को पटना सिटी व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम ख्याति सिंह ने पटना पुलिस को दे दी। तीन संदिग्धों में फतुहा विधान सभा के पूर्व विधायक ओम प्रकाश पासवान का पुत्र परशुराम तथा दो अन्य में जयराम और राशिद अमीन उर्फ बिट्टू शामिल हैं। इस कांड का आरोपित विक्की पासवान अभी जेल में है। इसका भी नार्को टेस्ट होगा। पटना पुलिस ने आवेदन देकर अदालत से मंजूरी मांगी थी। तीनों संदिग्धों की ओर से अदालत में आवेदन देकर पटना पुलिस का इस मांग का विरोध भी किया गया था। इस पर अदालत ने सभी को अदालत के समक्ष अपनी बात बयान के जरिये रखने को कहा। चारों ने अपना बयान अदालत में दर्ज कराया और कहा कि हम लोग नार्को टेस्ट कराने के लिये तैयार हैं।
जमीन कारोबारी सुधीर कुमार के पुत्र रौनक का अपहरण 17 जनवरी को स्कूल जाते वक्त अगमकुआं थाना क्षेत्र से किया गया था। अपहरण के बाद जमीन कारोबारी से 25 लाख रुपये फिरौती मांगी गई। 18 जनवरी को विक्की की गिरफ्तारी हुई। विक्की की निशानदेही पर 19 जनवरी को रौनक की लाश पुलिस ने एक दुकान के अंदर से बरामद की थी। विक्की से पूछताछ में इन संदिग्धों का नाम सामने आया।
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पूर्व अभियंता सहित दो को नहीं मिली जमानत :
पटना : 15 करोड़ रुपये के शौचालय घोटाला मामले में विजिलेंस के विशेष न्यायाधीश मधुकर कुमार ने गुरुवार को दो के जमानत आवेदन खारिज कर दिए। अदालत ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के तत्कालीन सहायक अभियंता राघवेन्द्र तथा बिहटा प्रखंड के तत्कालीन समन्वयक संजय कुमार के नियमित जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।
दोनों आवेदनों का विरोध करते हुये विजिलेंस की विशेष कनीय लोक अभियोजक आनन्दी सिंह ने अदालत में दलील दी कि जांच के क्रम में यह बात सामने आ चुकी है कि घोटाले का 20 लाख रुपया तत्कालीन सहायक अभियंता राघवेन्द्र को मिला था। घोटाले के 38 लाख रुपये संजय को मिले। विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को जानकारी दी कि आरोपित बिटेश्वर प्रसाद ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया है रुपये उसने ही संजय को दिए थे। वह संजय का हिस्सा था। राघवेन्द्र के खाते में जो 20 लाख रुपये भेजे गए उसका भी प्रमाण जांच एजेंसी के पास है। संजय जो सभी से घोटाला के रुपये आपस में बांटने की बात अन्य आरोपियों से करता था उसकी रिकार्डिग भी जांच एजेंसी के पास है।