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अतिक्रमण का वर्गफीट में तय होता है रेट

शहर को अतिक्रमणमुक्त करने का मुख्यमंत्री का संकल्प और हाईकोर्ट के आदेश की पटना पुलिस धज्जियां उड़ा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Mar 2018 07:07 PM (IST)Updated: Fri, 30 Mar 2018 02:20 AM (IST)
अतिक्रमण का वर्गफीट में तय होता है रेट
अतिक्रमण का वर्गफीट में तय होता है रेट

पटना । शहर को अतिक्रमणमुक्त करने का मुख्यमंत्री का संकल्प और हाईकोर्ट के आदेश की पटना पुलिस खुलेआम धज्जियां उड़ा रही है। शहर को जाम से निजात दिलाने का प्रयास तो दूर की बात है, सड़क किनारे पार्किंग की जमीन पर अतिक्रमण का कारोबार चल रहा है। कहीं अतिक्रमण का वर्ग फीट पर रेट तय हो रहा है तो कहीं ठेकेदार के संरक्षण में पुलिस की मिलीभगत से हर महीने लाखों रुपए की वसूली हो रही है। हर साल का यह कारोबार करोड़ों में है। एक ठेला लगाने की जगह की कीमत 100 से 200 रुपये प्रतिदिन है। बस जगह के अनुसार रेट तय होता है।

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दुकानदारों को पार्किंग, सड़क पर वाहन :

यह तो सिर्फ एक बानगी है। दुकानदार की मानें तो राजापुर पुल से हड़ताली मोड़ और पानी टंकी के बीच अवैध वसूली का हिस्सा तीन थानों की पुलिस को जाता है। पुलिस सूत्रों की मानें तो राजापुर से हड़ताली मोड़ तक पार्किंग का टेंडर हुआ है, लेकिन पार्किंग की जगह पर दुकानें सजी रहती हैं। इस वजह से वाहन सड़क पर खड़े रहते हैं और जाम की समस्या आम है। खैर इसके पीछे वजह किसी से छिपी नहीं। दिखाने के लिए कुछ जगह पार्किंग भी होती है। अधिकांश जगह ठेले और अन्य दुकानें सज रही हैं क्योंकि पूरा खेल पैसों का है। सूत्र बताते हैं कि राजा बाजार से हड़ताली मोड़ के बीच जितनी जगह ठेले या छोटी दुकानें सजाई जाती हैं उनका रेट तय है। एक ठेला मालिक से सौ से दो सौ रुपए प्रति दिन वसूले जाते हैं। वसूली करने कभी ठेकेदार पहुंचता है तो कभी थाना पुलिस का सेट आदमी। एक साथ सभी से वसूली होती है। हर महीने राजापुर से हड़ताली मोड़ के बीच एक से डेढ़ लाख की वसूली होती है। इसमें आधी रकम दबंग रख लेता है और आधी रकम पुलिस के खाते में पहुंच जाती है। कभी-कभी पुलिस ही वसूली करने में जुट जाती है। ऐसी स्थिति करीब सभी थाना क्षेत्र की है।

वसूली में टॉप पर जक्कनपुर और एसकेपुरी :

पुलिस सूत्रों की मानें तो सड़क किनारे अतिक्रमणकारियों से वसूली का धंधा लाखों रुपए का है। इसमें एसकेपुरी और जक्कनपुर टॉप पर हैं। मीठापुर बस स्टैंड के बाहर अवैध पार्किंग से लेकर सड़क किनारे सजने वाली दुकानों से प्रति दिन वसूली होती है। सड़क के किनारे अवैध पार्किंग में खड़ी प्रति बस से 200 रुपए और दुकानदार से 150 रुपए। सूत्रों की मानें तो थाना पुलिस के खाते में हर महीने दो से ढाई लाख रुपए की आमदनी इसी से होती है। दूसरे नंबर पर है एसकेपुरी थाना। यहां राजा बाजार से हड़ताली मोड़ तक सजने वाली दुकानों, अवैध ढंग से ऑटो स्टैंड और फुटपाथ पर कब्जे के नाम पर एक से डेढ़ लाख रुपए महीना तय है। हालांकि इसमें कुछ हिस्सा बुद्धा कॉलोनी थाना और कोतवाली के हिस्से में भी जाता है। तीसरे नंबर पर है पीरबहोर थाना। अशोक राजपथ, पीएमसीएच के आसपास ठेला वाले और ऑटो चालकों से अवैध वसूली होती है। हर महीने कम से कम 80 हजार से एक लाख रुपए की कमाई होती है। कोतवाली, बुद्धा कॉलोनी, कंकड़बाग, कदमकुआं, पत्रकारनगर, शास्त्रीनगर और सचिवालय इलाका भी इससे अछूता नहीं। अगर बात साल की हो तो वसूली की रकम करोड़ों में है। फिर कौन हटाए अतिक्रमण? पैसे के खेल में आप फंसे रहिए जाम में। पुलिस के मिजाज पर कोई फर्क नहीं।

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: अतिक्रमण हटाना पुलिस की जिम्मेदारी :

अतिक्रमण हटाने से लेकर दोबारा वहां अतिक्रमण न हो, यह सुनिश्चित करने की पूरी जिम्मेदारी थाना पुलिस की है। ऐसे में थाना क्षेत्र में सड़क किनारे अतिक्रमण हुआ है तो जिम्मेदारी पुलिस की ही बनती है, लेकिन पैसे के लिए पुलिस एक कदम आगे नहीं बढ़ाना चाहती है। बानगी है एसकेपुरी थाना क्षेत्र। बो¨रग रोड पर पार्किंग की जमीन पर चाउमीन की दुकानदार ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि हर दिन का दो सौ रुपए देना होता है। वसूली ठेकेदार के लोग करते हैं। इलाके के हिसाब से दाम तय है। बो¨रग रोड चौराहे पर प्रति ठेला से 200 रुपये और अन्य जगह सौ से डेढ़ सौ रुपए। यह पैसा अवैध ढंग से स्थायी ठेला लगाने वालों के लिए है। जबकि राजा बाजार से हड़ताली मोड़ के बीच सब्जी बेचने वालों, मोची, ऑटो वालों से वसूली नहीं की जाती है। इनसे वसूली टै्रफिक पुलिस करती है। दस से पचास रुपए दाम तय है। सड़क खाली कराने के नाम पर लाठी के बल पर भी वसूली की जाती है।

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जाम - कारण

फ्रेजर रोड - चांदनी मार्केट आधे सड़क पर बाजार, पैदल चलना मुश्किल

स्टेशन गोलंबर - बीच सड़क पर ठेला और ऑटो स्टैंड, पुलिस करती है वसूली

लोदीपुर - एक लेन पर सजती है सब्जी मंडी, सुबह शाम जाम की समस्या

बो¨रग कैनाल रोड - राजाबाजार से हड़ताली मोड़ तक फुटपाथ पर कब्जा, लोग बेहाल

हथुआ व खेतान मार्केट - सड़कों पर सजती हैं दुकानें, रेंगते है वाहन, पैदल चलना मुश्किल

पटना मार्केट - अवैध पार्किंग और सड़क पर लगाए जाते हैं ठेल्रे, नहीं होती कार्रवाई

राजापुर पुल थाने पर नजराना देकर बड़े दुकानदारों किए फुटपाथ पर अवैध कब्जा

पाटलिपुत्र साई मंदिर पुलिस की संरक्षण में साई मंदिर के आसपास ऑटो स्टैंड और दुकानें

कदमकुआं ¨हदी साहित्य सम्मेलन के सामने आधे सड़क पर कब्जा, जाम हर दिन

एग्जीविशन रोड अवैध पार्किंग कर किए गए है अतिक्रमण और जाम की समस्या

इनसेट--------

थान के बाहर साहब की मेहरबानी

हद तो यह है कि पाटलिपुत्र थाना का मुख्य गेट ही अतिक्रमण के चंगुल में है। अब इसे साहब की मेहरबानी कहें या वसूली का जरिया। जो भी हो, एक ठेला तक पुलिस हटा नहीं पाती है। जबकि हर दिन सुबह और शाम थाने के आसपास जाम में खुद पुलिस फंसी रहती है। पर जेब गर्म करने के लिए पुलिस चुप रहती है।

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नगर निगम के घर के बाहर ही कब्जा :

स्मार्ट सिटी की कवायद में जुटी और पूरे शहर को सुसज्जित करने की जिम्मेदारी नगर निगम के कंधे पर है। दावे बहुत किए जाते हैं और अतिक्रमण हटाने में पुलिस का सहयोग नहीं मिलने की शिकायत आम है, लेकिन कंकड़बाग में नगर निगम के मुख्य द्वार पर ही सब्जी मंडी, फल मंडी सजती है। अवैध ढंग से लगे ठेले ही नगर निगम की सूरत बिगाड़ रहे हैं। इन पर भी नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर पाता है। ----------

थाना पुलिस की मिलीभगत की जांच कराई जाएगी। पूर्व में भी शिकायत मिली थी और अतिक्रमण पर कार्रवाई हुई थी। अगर वसूली की बात सामने आई तो थाने के जिम्मेदार अफसर को बख्सा नहीं जाएगा।

- मनु महाराज, एसएसपी

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अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाए गए थे। दुबारा उस जगह पर अतिक्रमण कैसे हुआ और इसके पीछे क्या खेल चल रहा है एक-एक बिन्दु की जांच होगी। अगर अतिक्रमण हटने के बाद उसी जगह पर दुबारा अतिक्रमण लगा है तो थानेदारी नहीं बचेगी। किसी भी हाल में यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ट्रैफिक एसपी और सिटी एसपी से जांच कराई जाएगी।

- राजेश कुमार, डीआइजी

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ट्रैफिक पुलिस लगातार कार्रवाई करती है। थाना पुलिस का सहयोग मिले तो शहर में एक जगह अतिक्रमण नहीं रहने दिया जाएगा। जहां तक सड़क पर अवैध ढंग से ऑटो पार्किंग की बात है अब ऐसे लोगों से बात नहीं सीधे कार्रवाई होगी।

- पीके दास, ट्रैफिक एसपी


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