रिश्वत लेते एएसआइ का वीडियो बनाया तो थाने में की जमकर पिटाई
रिश्वत लेते एएसआइ का वीडियो बनाना बिजली मिस्त्री को महंगा पड़ा।
पटना । एक विवादित जमीन पर रिश्वत लेते दीघा थाने के एएसआइ उमेश सिंह का मोबाइल से वीडियो बनाना 20 वर्षीय छात्र धीरज शर्मा को महंगा पड़ा। पुलिसकर्मियों ने उसे मौके पर तो पीटा ही, थाने में ले जाकर चार-पांच जवानों ने बेरहमी से पिटाई की। रात करीब नौ बजे रिश्वत लेने के बाद उसे थाने से रिहा कराया गया। घटना गुरुवार की है। मुक्त करने से पहले उससे सादे कागज पर पीआर बांड भराया गया, जिसमें झूठी बातें लिखवाई गई। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि मामले की जांच मैं खुद करूंगा। पीड़ित छात्र से आरोपितों की पहचान कराई जाएगी। दोषी पुलिसकर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा।
दरअसल, निराला नगर में दो पक्षों के बीच विवादित एक भूखंड पर निर्माण कार्य चल रहा था। एक पक्ष के एसएन सिंह ने हाजीपुर निवासी धीरज शर्मा के भाई को बिजली का काम करने का ठेका दिया था। मास कम्युनिकेशन का छात्र अपने भाई से मिलने वहां पहुंचा था। एएसआइ उमेश सिंह सिपाहियों के साथ वहां पहुंचा और एक पक्ष से रिश्वत लेकर चला गया। धीरज ने मोबाइल से उसकी रिकॉर्डिग कर ली। आरोपित पुलिसकर्मियों को जब इसका पता चला तो अगले दिन गुरुवार को दोपहर 12:15 बजे दीघा थाने से दारोगा राजू कुमार पहुंचा और मजदूरों को पीटने लगा। उसने धीरज की भी पिटाई कर दी। पीटने का कारण पूछने पर धीरज को मारते हुए जीप में बिठाकर थाने ले जाया गया। पोर्टिको में गाड़ी रुकते ही भेड़िए की तरह चार-पांच पुलिसकर्मी उसपर टूट पड़े। उसकी बेरहमी से पिटाई की। उसे झूठे मुकदमे में जेल भेजने की साजिश रची जा रही थी। धीरज के मुताबिक इस बीच एक दारोगा ने मकान मालिक से बात की। उसने 15 हजार रुपये दिए, तब थानाध्यक्ष ने उसकी गर्दन पकड़कर पीआर बांड लिखवाया और फिर उसे रात को छोड़ा गया। इतना ही नहीं, उसे दस हजार रुपये का और इंतजाम कर रखने को कहा गया है। बोला गया कि अगली बार इलाके में दिखे तो रुपये दे देना। शुक्रवार को धीरज ने वाट्सएप के माध्यम से मामले की जानकारी एसएसपी मनु महाराज और सेंट्रल रेंज के डीआइजी राजेश कुमार को दी।
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पत्रकारिता का छात्र है धीरज
निम्न मध्यम वर्गीय परिवार का धीरज शर्मा पत्रकारिता का छात्र है। उसने घर की आमदनी बढ़ाने के लिए बिजली का काम भी सीखा और भाई एवं पिता को सहयोग करता है। शुक्रवार को ही बीआइटी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने उसे पुरस्कृत भी किया है।