बंदी बेटे को उपलब्ध कराया था मोबाइल, पूर्व जदयू नेता पत्नी सहित गिरफ्तार
पूर्णिया रिमांड होम में दोहरे हत्याकांड मामले में पुलिस ने पूर्व जदयू नेता और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ने अपने बंदी बेटे को रिमांड होम में मोबाइल उपलब्ध कराया था।
पूर्णिया [जेएनएन]। रिमांड होम में हुए दोहरे हत्याकांड मामले में पुलिस ने पूर्व जदयू नेता और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। दोनों इस हत्याकांड में संलिप्त एक बाल बंदी के माता-पिता हैं। घटना में तीन बाल बंदियों को चार दिनों के रिमांड पर लेकर पूछताछ किए जाने के बाद पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं।
एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि रिमांड होम में हत्या की घटना को अंजाम देकर फरार हुए पांचों बाल बंदियों में से एक बाल बंदी के पिता जदयू के पूर्व नेता हैं। रिमांड पर लिये गये तीन बाल बंदियों से पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ है कि एक बाल बंदी ने ही रिमांड होम में हुए दोनों हत्या की घटना को गोली चला कर अंजाम दिया था।
एसपी ने बताया कि गोली चलानेवाला बाल कैदी पूर्व जदयू नेता का पुत्र है। वह रिमांड होम में घटना से पूर्व एवं घटना के बाद मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था। उसे यह मोबाइल उसके माता-पिता द्वारा उपलब्ध कराया गया था। मोबाइल के जिस नंबर से वह बातचीत करता था, वह सिम उसकी मां के नाम से है।
उन्होंने बताया कि अगर माता-पिता द्वारा अपने पुत्र को रिमांड होम में मोबाइल उपलब्ध नहीं कराया जाता, तो वहां इतनी बड़ी घटना नहीं होती। मोबाइल के माध्यम से ही बाल बंदी बाहर के लोगों से संपर्क कर हथियार मंगाने, गाड़ी भाड़ा करने एवं भागने की पूरी योजना तैयार की थी। इधर गिरफ्तार आनंद चौधरी ने फरार बाल बंदियों को पटना में रहने की व्यवस्था एवं आर्थिक मदद की थी। गिरफ्तार तीनों व्यक्ति को पुलिस जेल भेज दी है।
गिरफ्तार बाल बंदी के पिता जदयू के जिला महासचिव पद पर थे, लेकिन इस घटना में उसके बेटे की संलिप्तता सामने आने के बाद उन्होंने पार्टी और पद से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी के महानगर अध्यक्ष नीलू पटेल ने भी पुष्टि करते हुए बताया कि पार्टी ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया था।
घटना से अवगत थे बाल बंदी के पिता अमरेंद्र
बाल सुधार गृह के अंदर हत्या की घटना के बारे में बाल बंदी के पिता को पूर्व से पता था। बाल बंदी के तत्कालीन निष्कासित हाउस फादर अमर कुमार झा से बातचीत होने और हत्या जैसी घटना को अंजाम देने संबंधित जानकारी थी। वह अपने बेटे को अमर कुमार झा के संपर्क में नहीं रहने की बात भी कहा करता था। सारी जानकारी के बावजूद पिता बाल सुधार गृह के अंदर मोबाइल पहुंचाया था जिससे बाल बंदियों को घटना को अंजाम देने में मदद मिली।
बाल बंदियों से जमीन बेचकर पैसा देने का तय हुआ था सौदा
बाल सुधार गृह में हाउस फादर विजेन्द्र कुमार और एक बाल बंदी की हत्या करने के बाद जमीन बेचकर तय पैसा देने का सौदा तय हुआ था। निष्कासित हाउस फादर ने 25 लाख रुपये सभी बाल बंदी को देने की बात की थी। इसमें सभी बंदी को पांच-पांच लाख रुपये मिलता।
यह पैसा निष्कासित हाउस फादर अमर कुमार झा ने घटना के बाद हवाई अड्डा के बगल वाली जमीन बेचकर देने की बात कही थी। इसी पैसे के लालच में बाल बंदियों ने घटना को अंजाम दिया था। तत्काल मदद के रूप में बाल बंदियों को जरूरत के हिसाब से कुछ-कुछ रुपये मदद करता था।
अमर कुमार झा ने बाल बंदियों के कहने पर सूरज कुमार से डीआइजी चौक के पास मिलकर एटीएम से 10 हजार रुपये निकालकर दिया था। इसके अलावा भी वह कुछ-कुछ रुपये मदद के लिए दिया था। पुलिस बाल बंदी को घटना को अंजाम देने और फरार होने से जुड़े सभी सूत्रों को खंगालकर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी लोगों की पहचान कर अनुसंधान कर आगे की कार्रवाई कर रही है।