फंस गए टुन्ना, पॉक्सो कोर्ट ने जमानत खारिज की, पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट
ट्रेन में नाबालिग बच्ची से छेड़छाड़ के आरोपी एमएलसी टुन्ना पांडेय की जमानत याचिका पॉक्सों अदालत ने खारिज कर दी है।पुलिस ने नौ दिन के भीतर आरोप पत्र भी प्रस्तुत कर दिया है।
वैशाली [जेएनएन]। ट्रेन में लड़की से छेडख़ानी मामले में जेल भेजे गए सिवान के एमएलसी टुन्ना पांडेय को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही। उनकी जमानत याचिका विशेष न्यायाधीश पॉक्सो पद्मा चौबे ने खारिज किया। उधर इस मामले में पुलिस ने घटना के नौंवें दिन ही आरोपी एमएलसी के खिलाफ चार्जशीट पेश कर सबको चौंकाया है। उनके खिलाफ पुलिस ने पुख्ता सबूत होने की बात कही है।
घटना के महज नौवें दिन एमएलसली के विरुद्ध भादवि की धारा 354ए तथा पास्को की धारा 10 एवं 12 के अंतर्गत आरोप पत्र कोर्ट में समर्पित कर दिया। इस आरोप पत्र में सोनपुर जीआरपी की एस्कॉर्ट पार्टी में शामिल एसआई तपेश्चर प्रसाद तथा पुलिस उपेंद्र सिंह का धारा 164 के तहत पूर्व में ही न्यायालय बयान कलमबंद कराया जा चुका है।
आरोप पत्र के साथ एक वीडियो भी जमा किया गया है। इसमें केस के अनुसंधानक संजय कुमार सिंह ने अपने मोबाइल से सूचक के मोबाइल पर फोन करके उसका व उसकी बेटी का बयान अंकित किए जाने का भी उल्लेख किया है।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने लगाया साजिश के तहत फंसाने का आरोप
सोमवार को एमएलसी के अधिवक्ता रामनाथ शर्मा ने जमानत अर्जी पर अपनी दलील देते हुए कहा कि प्राथमिकी में जिस घटना का उल्लेख किया गया है, उससे साफतौर पर इनकार करते हुए पीडि़ता के पिता ने बीते 29 जुलाई को ही अपने अधिवक्ता के माध्यम से शपथपत्र दायर किया था। उन्होंने पुलिस पर पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर एमएलसी को इस मामले में फंसाने का आरोप लगाया तथा पूर्व में एक डीआईजी के विरुद्ध घूस मांगने की शिकायत का जिक्र किया।
कहा कि इसी से पुलिस महकमे के लोगों ने फंसाने का काम किया। बचाव पक्ष के इस दलील का विशेष पॉक्सो अधिवक्ता मनोज कुमार शर्मा ने जमकर विरोध किया। इस दौरान उन्होंने लिखित आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज किए जाने, अनुसंधानक संजय कुमार सिंह द्वारा अपनी मोबाइल से पीडि़ता के पिता व पीड़िता का बयान अंकित किए जाने तथा इससे संबंधित वीडियो पुलिस द्वारा आरोपपत्र संख्या 54/16 के साथ समर्पित किए जाने की दलील दी।
क्या है मामला
गत 24 जुलाई को एमएलसी टुन्ना पांडेय पूर्वांचल एक्सप्रेस की एसी-2 बोगी कोच ए-1-43 में सफर कर रहे थे। साथ की बर्थ पर गोरखपुर निवासी व थाईलैंड में व्यवसाय करने वाले पिता के साथ सफर कर रही बारह साल की नाबालिग ने एमएलसी पर छेडख़ानी का आरोप लगाया था। इसके बाद हाजीपुर जीआरपी ने एमएलसी को गिरफ्तार किया था। पांडेय के विरुद्ध धारा 354 ए भादवि व 11/12 पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्हें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें 6 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।इसपर भाजपा ने टुन्ना पांडेय को तुरंत निलंबित कर नोटिस भी जारी कर दिया था।
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शपथपत्र से आया मामले में नया मोड़
लड़की के पिता ने पिछले शनिवार को शपथ पत्र पेश कर कहा कि बच्ची डरावने सपने की वजह से चिल्लाई थी। उस वक्त वह डरी-सहमी थी। शपथपत्र में जीआरपी पर गलत ढंग से आवेदन लिखाने का भी आरोप लगाया गया था। व्यवसायी के साथ सफर कर रहे रिश्तेदार अंकित शुक्ला ने भी शपथपत्र में पूरी घटना से इन्कार किया। इधर, एमएलसी टुन्ना पांडेय की जमानत याचिका शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय एसके झा के न्यायालय में दाखिल की गई। उन्होंने इसे पीठासीन पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा।
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पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पदमा चौबे के अवकाश पर होने से अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय प्रभार में थे। टुन्ना जी पांडेय की ओर से अधिवक्ता रामनाथ शर्मा ने जमानत अर्जी दायर की थी। इसी पर सुनवाई हुई और फैसला आया है।