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तीन चरणों में पीएमसीएच बनेगा वर्ल्‍ड क्लास हॉस्पिटल, ये है योजना

बिहार के सबसे बड़े अस्‍पताल पीएमसीएच को वर्ल्‍ड क्‍लास हॉस्पिटल बनाए जाने की कवायद आरंभ हो गई है। तीन चरणों में इसका विकास किया जायेगा।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 18 May 2018 10:58 AM (IST)Updated: Fri, 18 May 2018 11:23 PM (IST)
तीन चरणों में पीएमसीएच बनेगा वर्ल्‍ड क्लास हॉस्पिटल, ये है योजना
तीन चरणों में पीएमसीएच बनेगा वर्ल्‍ड क्लास हॉस्पिटल, ये है योजना

पटना [राज्य ब्यूरो]। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हाॅस्पिटल (पीएमसीएच) को वर्ल्‍ड क्लास हास्पिटल बनाए जाने की कवायद आरंभ हो गई है। इसके तहत तीन चरणों में पीएमसीएच को पांच हजार बेड वाले अत्याधुनिक हॉस्पिटल के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री के समक्ष गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग ने इस आशय का प्रजेंटेशन दिया। मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट में कुछ संशोधन सुझाए हैैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि दस-पंद्रह दिनों के भीतर इस योजना पर काम आगे बढ़ेगा।

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ये है योजना

वर्तमान में पीएमसीएच की क्षमता 1750 बेड की है। इसकी क्षमता बढ़ाकर 5000 बेड की करने की है। पीएमसीएच परिसर में बहुमंजिली इमारत बनाकर बेड की संख्या 5000 की जाएगी। पहले चरण में 2100, दूसरे में 1600 और तीसरे चरण में 1300 बेड जोड़े जाएंगे। नया भवन ग्रीन बिल्डिंग कांप्लेक्स होगा। इसके निर्माण में बेस आइसोलेशन टेक्नोलॉजी का प्रयोग होगा। यह 4 स्टार रेटेड कांप्लेक्स होगा।

मुख्यमंत्री ने दिए सुझाव

प्रजेंटेशन के दौरान मुख्यमंत्री ने यह सुझाव दिए कि पीएमसीएच में आवासीय परिक्षेत्र को एक जगह पर ही बनाने की जरूरत है। एक ही परिसर में मेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टर आदि के रहने की व्यवस्था हो। हॉस्पिटल और आवासीय क्षेत्र के अलग-अलग रहने से मरीजों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।

साउंडप्रूफ व भूकंपरोधी तकनीक का इस्तेमाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएमसीएच परिसर में बनने वाले आवासीय परिक्षेत्र के लिए साउंडप्रूफ तकनीक का प्रयोग हो ताकि किसी भी प्रकार के शोरगुल से बचा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि भवन भूकंपरोधी और फायर प्रूफ बनना चाहिए।

आईकॉनिक भवन बने

मुख्यमंत्री ने परामर्श दिया कि प्रस्तावित भवन एक आइकॉनिक बिल्डिंग होगा। निर्माण कंपनी को इस बाबत अपनी विशेष जिम्मेदारी समझनी होगी। भवन बनने के बाद उसका रख रखाव एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसका पूरा ध्यान रखा जाए।

मौके पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि पीएमसीएच भवन में फैंसी चीजों के उपयोग की जरूरत नहीं है। साइनेज का विशेष ध्यान रखा जाए।

ये थे मौजूद

प्रजेंटेशन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव अतीश चंद्रा व मनीष कुमार वर्मा भी मौजूद थे।


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