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PMCH में घूम-घूमकर बांट रहा था निजी पैथो‍लॉजी का पर्चा, अस्‍पताल प्रशासन ने पकड़कर पुलिस को सौंपा

सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत और केंद्रीय टीम के पीएमसीएच निरीक्षण के पूर्व सुबह 830 बजे अस्‍पताल प्रशासन ने छापेमारी कर एक निजी पैथोलॉजी के दलाल को पकड़ लिया। मरीजों के स्वजनों की लिखित शिकायत के बाद उसे पीरबहोर थाने भेज दिया गया।

By Prashant KumarEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 11:08 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 11:08 AM (IST)
PMCH में घूम-घूमकर बांट रहा था निजी पैथो‍लॉजी का पर्चा, अस्‍पताल प्रशासन ने पकड़कर पुलिस को सौंपा
पीएमसीएच प्रबंधन ने निजी पैथोलॉजी सेंटर के दलाल को पकड़ा। जागरण आर्काइव।

पटना, जेएनएन। सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत और केंद्रीय टीम के पीएमसीएच निरीक्षण के पूर्व सुबह 8:30 बजे अस्‍पताल प्रशासन ने छापेमारी कर एक निजी पैथोलॉजी के दलाल को पकड़ लिया। मरीजों के स्वजनों की लिखित शिकायत के बाद उसे पीरबहोर थाने भेज दिया गया। वह सब्जीबाग क्षेत्र स्थित प्रतिष्ठित लाल पैथोलॉजी कलेक्शन सेंटर का कर्मचारी बताया जा रहा है।

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टाटा वार्ड से पकड़ा गया दलाल

मुख्य आकस्मिकी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अभिजीत सिंह ने सुबह टाटा वार्ड के पास सब्जीबाग निवासी अंकुश कुमार को मरीजों से पैसे वसूलते देख पूछताछ की। जांच की बात सामने आने पर गार्डों की मदद से उसे पकड़ लिया गया। पूछताछ करने पर मरीजों के स्वजन ने उसके खिलाफ लिखित में शिकायत दी। उसने किसी से 2000 तो किसी से डेढ़ हजार रुपये जांच के नाम पर लिए थे। उसने खुद को लाल पैथोलॉजी कलेक्शन सेंटर का कर्मचारी बताया। मरीजों की लिखित शिकायत के बाद डॉ अभिजीत सिंह ने उसे टीओपी पुलिस के माध्यम से पीरबहोर थाने भिजवा दिया।

पीएमसीएच में लगता है दलाल का जमावड़ा

बताते चलें कि पीएमसीएच इलाज कराने वाले मरीजों को दवा दुकानदार, पैथोलॉजी,  निजी अस्पतालों के दलाल अपने चंगुल में लेकर उनका आर्थिक शोषण करते हैं। वर्षों से चल रहे थे आज तक पीएमसीह और जिला प्रशासन प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाया। मीडिया में खबरें छपने पर जिला प्रशासन के सहयोग से इन्हें पूरी तरह से खत्म करने की बात कही जाती है लेकिन होता कुछ नहीं। कारण अधिकतर दलाल पीएमसीएच के डॉक्टरों के जांच केंद्रों और अस्पतालों के कर्मचारी होते हैं। वही एंबुलेंस चालकों के द्वारा भी मरीजों का आर्थिक शोषण किया जाता है। जांच के क्रम में कई बार अस्‍पताल के कर्मियों की भूमिका भी सामने आई है। वे मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं नहीं देते, जिसके कारण तीमारदारों को बाहर का रास्‍ता देखना पड़ता है। अब भी कई दवाइयां पीएमसीएच में नहीं हैं, जिन्‍हें बाहर से खरीदकर लाना पड़ता है।


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