Move to Jagran APP

हाल-ए-पीएमसीएचः किडनी प्रत्यारोपण को एक साल पहले खरीदी मशीनें खुले में फांक रहीं धूल Patna News

पीएमसीएच में किडनी प्रत्यारोपण की यूनिट बनी भी नहीं और आइजीआइएमएस में 50 से अधिक मरीजों का किडनी प्रत्यारोपण हो चुका है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 09:01 AM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 09:01 AM (IST)
हाल-ए-पीएमसीएचः किडनी प्रत्यारोपण को एक साल पहले खरीदी मशीनें खुले में फांक रहीं धूल Patna News
हाल-ए-पीएमसीएचः किडनी प्रत्यारोपण को एक साल पहले खरीदी मशीनें खुले में फांक रहीं धूल Patna News

नीरज कुमार, पटना: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) की लचर व्यवस्था परेशानी का सबब बन रही है। पीएमसीएच में तीस वर्ष पहले किडनी प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू की गई थी। उस समय देश के गिने-चुने अस्पतालों में ही इस तरह की व्यवस्था की गई थी। लेकिन पीएमसीएच लगातार पिछड़ता चला गया और आइजीआइएमएस काफी आगे बढ़ गया।

loksabha election banner

पीएमसीएच में अभी तक किडनी प्रत्यारोपण की यूनिट बनी भी नहीं और आइजीआइएमएस में 50 से अधिक मरीजों का किडनी प्रत्यारोपण हो चुका है। अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण के लिए लगभग एक साल पहले खरीदी मशीनें खुले में धूल फांक रही हैं। राजेंद्र सर्जिकल वार्ड के पीछे गंगा किनारे छह रेफ्रिजरेटर मशीनें कचरे में पड़ी हैं। उनका उपयोग कब किया जा जाएगा, कहना मुश्किल है।

पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी का कहना है कि किडनी प्रत्यारोपण यूनिट का निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मशीनों को सेट किया जाएगा। उसके बाद अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण का काम शुरू होगा।

30 डायलिसिस मशीनें खरीदी गई, पर मरीजों को लाभ नहीं

पीएमसीएच में पिछले कई माह से तीस डायलिसिस मशीनें खरीदकर रखी गई हैं। उनका उपयोग मरीजों के डायलिसिस के लिए कब किया जाएगा कहना मुश्किल है। आश्चर्य की बात है कि पहले डायलिसिस मशीनों की खरीद हुई, उसके बाद आरओ की खरीद की गई। जबकि हर डॉक्टर को मालूम है कि बिना आरओ के डायलिसिस मशीनों को संचालित नहीं किया जा सकता है। पीएमसीएच के नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. यशवंत सिंह का कहना है कि वर्तमान में मशीनों को लगाने का काम अंतिम चरण में है। जल्द ही इनसे मरीजों का डायलिसिस शुरू कर दिया जाएगा।

केवल पांच मशीनों से हो रहा डायलिसिस

वर्तमान में महज पांच मशीनों से पीएमसीएच में डायलिसिस हो रहा है। यहां पर राज्यभर से किडनी के मरीज इलाज के लिए आते हैं। लेकिन डायलिसिस मशीन के अभाव में मरीज काफी परेशान होते हैं। कई मरीजों को तो अस्पताल से निराश होकर वापस लौट जाना पड़ता है।

सस्ती दवा की चार दुकानें तीन वर्षों से हैं बंद

पीएमसीएच में पिछले तीन वर्षों से सस्ती दवा की चार दुकानें बंद हैं। अस्पताल प्रशासन बार-बार सस्ती दवा की दुकान खोलने का दावा करता है। लेकिन अब तक कोई सस्ती दवा की दुकान नहीं खुली है। मजबूरी में मरीज महंगी दवा खरीदने के लिए विवश हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.