सिखों का कत्लेआम करने वाले, आज हमें दे रहे सीख : नरेंद्र मोदी
विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण मतदान को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन रैलियां हुईं। उनकी पहली रैली पूर्णिया में थी। इसके बाद वे फारबिसगंज और दरभंगा में भी जनता से रूबरू हुए।
By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2015 08:47 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2015 07:51 PM (IST)
पटना। विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण मतदान को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन रैलियां हुईं। उनकी पहली रैली पूर्णिया में हुई। प्रधानमंत्री पूर्णिया की रैली के बाद फारबिसगंज और दरभंगा गए।
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पूर्णिया में बोले मोदी
- आज दो नवंबर है, 1984 का दो नवंबर याद करो। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली-हिंदुस्तान में सिखों का कत्लेआम हो रहा था। कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगे थे। आज उसी तारीख को कांग्रेस पार्टी भाषण दे रही है। डूब मरो, आपको शोभा नहीं देता। अभी भी उन सिखों के आंसू पोछे नहीं गए हैं।
- जो मजबूरी रही हो, कांग्रेस के खिलाफ लड़ते रहे नीतीश व लालू ने कांग्रेस को 40 सीटें दे दी। इस बात के लिए लालू-नीतीश का धन्यवाद करना है। आश्चर्य होगा आपको... इस चुनाव में लालू-नीतीश जी ने हमें ये 40 सीटें बगैर चुनौती दे दी। उस कांग्रेस को लड़ा रहे हैं, जिसका यहां कोई नामोनिशान नहीं है। ये 40 सीटें हमें सोने की थाली में मिल गई हैं। इसके लिए उनका धन्यवाद करना चाहिए या नहीं। बाकी सीटों के लिए बिहार की जनता का धन्यवाद।
- लोगों को अजूबा लग रहा है कि हमारी रैलियों में इतनी बड़ी संख्या में माताएं -बहनें क्यों आ रही हैं। इसका कारण है कि जंगलराज से सबसे बड़ी परेशानी माताओं व बहनों को होता है। जब से जंगलराज का डर सताने लगा है, सबसे ज्यादा गुस्सा माताओं व बहनों को ही है।
- बिहार की माताएं-बहनें शांति, सुरक्षा और बच्चों के भविष्य के लिए अच्छी सरकार बनाना चाहती हैं।
- जो सरकार में बैठे होते हैं, उनकी जिम्मेदारी होती है अपने काम का हिसाब देने की। 15 साल लालू ने राज किया। 10 साल छोटे भाई (नीतीश कुमार) ने राज किया। 25 साल इन्होंने सरकार चलाई। क्या ये कम समय होता है? मेरी सरकार को तो अभी 25 महीने नहीं हुए और मेरा हिसाब मांग रहे हैं। खुद का हिसाब देने को तैयार नहीं।
- नीतीश कुमार बिहार में क्या करेंगे बताते हैं क्या? बिजली की बात करते हैं क्या? नीतीश बाबू , 2010 में ही आप बोलकर गए थे कि अगर अगले चुनाव तक बिजली नहीं पहुंचा पाया तो 2015 में वोट मांगने नहीं आउंगा। बिजली तो आई नहीं, लेकिन वोट मांगने आ गए।
- जो जनता से धोखा कर सकते हैं, उनपर कोई भरोसा कर सकता है क्या। जनता भोली होती है एक बार भरोसा कर सकती है, लेकिन दोबारा नहीं। वो तो जंगलराज का भयंकर समय था, उस समय आप मिल गए तो आपकी उंगली पकड़ ली। अटल बिहारी बाजपेयी पर जनता को भरोसा था, इसलिए लोगों ने आपको पसंद किया। अब अटल जी का हाथ आप पर नहीं है, बिहार आप पर भरोसा नहीं करेगा।
- 25 साल का अपना हिसाब नहीं दे रहे, बस दिन-रात बोलते हैं कि मोदी बिहार क्यों आते हैं। लल्ला इतना डर क्यों लगता है, कच्चे चिट्ठे खुलने का डर लग रहा है। मोदी को छोड़ो हर बच्चा, नौजवान, माताएं-बहने आपसे हिसाब मांग रहा है। मोदी का डर दिखा रहे हैं, ये खेल आपने पहले भी खेला है, फिर भी बिहार की जनता ने आशीर्वाद देकर दिल्ली में बैठाया है।
- बिहार का हाल बेहद खराब है। बिजली, पानी, सुरक्षा, रोजगार, दवाई आदि कुछ भी तो नहीं है। ये 25 साल बाद का परिणाम है, कुछ नहीं दे पाए ये लोग। ये अपने काम का हिसाब नहीं दे रहे। मैडम सोनिया जी आपने तो 35 साल राज किया।
- पांचवें चरण में अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ोगे या नहीं। पांच तारीख को ये पूर्णिया सबसे अधिक मतदान करके दिखाए। अब आठ को नतीजे आने वाले हैं। अब छह दिन बचे हैं, नीतीश-लालू आपको जो खेल खेलना है खेल लो। पूरा देश दिवाली मनाने वाला है, बिहार दो-दो दिवाली मनाने वाला है।
- हमने सवा लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया, 40 हजार करोड़ पुरानी सरकार ने कागजों में दबाकर रखा था। बिहार के लिए हमारी जिम्मेदारी थी, कुछ करना था, इसलिए उन रुपयों को भी अपने बिहार के लिए दे दिए।
- इस चुनाव में हम विकास के लिए वोट मांग रहे हैं। सवा लाख करोड़ रुपये का पैकेज बिहार का भाग्य बदलने की ताकत रखता है, इसलिए हमारी मदद कीजिए। छोटे गड्ढे में स्कूटर फंसा हो तो दो-चार लोग निकाल सकते हैं, लेकिन अगर यह कुंएं में गिरा हो तो रस्सी बांधकर निकालना पड़ेगा। बिहार को ऐसे ही कुएं में गिरा दिया है, इसे निकालने के लिए दो-दो इंजन की जरूरत है। एक इंजन पटना का और दूसरा दिल्ली का होगा तब बिहार बाहर निकल सकेगा। अकेले पटना या दिल्ली की मेहनत काम नहीं आएगी। दोनों की मेहनत लगेगी तो बिहार देखते ही देखते बाहर आ जाएगा।
- एक लाख 65 हजार करोड़ रुपये की बात की है। आपके यहां के लिए वादा किया है कि 24 घंटे सातों दिन बिजली पहुंचाएंगे। करीब सवा दो सौ करोड़ रुपये इसके लिए दे चुके हैं। आने वाले दिनों में नेशनल हाइवे 107 में एक हजार करोड़ रुपये लगाया जाएगा। पूर्णिया में एलपीजी प्लांट के अपग्रेडेशन, एयरपोर्ट के लिए 200 करोड़ रुपये सहित बहुत लंबी सूची है। हमारे दिमाग में केवल एक ही कार्य है विकास।
- आपके (जनता) के लिए तीन सूत्रीय कार्यक्रम है- पढाई, कमाई और दवाई। अच्छी और सस्ती शिक्षा बिहार में देने की हमने सोची है। यहां इतनी हालत खराब है कि जमीन गिरवी रखकर बच्चों को पढ़ाने की मजबूरी है, ये मजबूरी खत्म होनी चाहिए या नहीं। दूसरी कमाई- आज बिहार में रोजगार के लिए नौजवानों को जाना पड़ता है। क्या बिहार के नौजवान को यहीं पर रोजगार मिलना चाहिए या नहीं। पलायन यहां से बंद होना चाहिए या नहीं। तीसरा सूत्र है दवाई- बूढ़े मां-बाप को दवाई मिलनी चाहिए या नहीं। डॉक्टर होने चाहिए या नहीं।
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- आपके (जनता) के लिए तीन सूत्रीय कार्यक्रम है- पढाई, कमाई और दवाई। अच्छी और सस्ती शिक्षा बिहार में देने की हमने सोची है। यहां इतनी हालत खराब है कि जमीन गिरवी रखकर बच्चों को पढ़ाने की मजबूरी है, ये मजबूरी खत्म होनी चाहिए या नहीं। दूसरी कमाई- आज बिहार में रोजगार के लिए नौजवानों को जाना पड़ता है। क्या बिहार के नौजवान को यहीं पर रोजगार मिलना चाहिए या नहीं। पलायन यहां से बंद होना चाहिए या नहीं। तीसरा सूत्र है दवाई- बूढ़े मां-बाप को दवाई मिलनी चाहिए या नहीं। डॉक्टर होने चाहिए या नहीं।
- बिहार राज्य के लिए भी तीन काम करने है- बिजली, पानी और सड़क। बिजली आएगी तो कारखाने आएंगे, रोजगार मिलेगा, अच्छी शिक्षा होगी। दूसरा काम पानी है। बिहार की जवानी और पानी दो ताकत हैं, ऐसा सौभाग्य अन्य राज्यों को नहीं मिला है। ये दोनों हिंन्दुस्तान का भाग्य बदल सकती है। पानी किसान को मिला तो मिट्टी से सोना पैदा कर सकती है। पीने का पानी पहुंचे, उद्योगों को पानी पहुंचे, खेतों तक पानी पहुंचे इसकी कोशिश होगी। हर गांव, जिला, शहर को सड़कों से जोड़ना है, बिहार को दिल्ली से जोड़ना है। सड़कों का जाल बिछाना है।आप यहां से जाइएगा तो दस-दस परिवारों की जिम्मेदारी लेंगे। यहां आए हुए हर व्यक्ति की जिम्मेदारी होगी कि दस-दस परिवारों से एनडीए के पक्ष में वोट करवाएंगे।
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