Move to Jagran APP

PM Modi Cabinet Expansion: लोकसभा अध्‍यक्ष के आदेश के खिलाफ कोर्ट पहुंचे चिराग पासवान

चिराग पासवान ने अपने चाचा और हाजीपुर के सांसद पशुपति कुमार पारस के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पारस को लोजपा संसदीय दल का नेता माने जाने के खिलाफ उन्‍होंने याचिका दायर की है। अपने ट्वि‍टर अकाउंट पर उन्‍होंने एक के बाद एक कर कई Tweet किए हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 07 Jul 2021 05:12 PM (IST)Updated: Wed, 07 Jul 2021 10:41 PM (IST)
PM Modi Cabinet Expansion: लोकसभा अध्‍यक्ष के आदेश के खिलाफ कोर्ट पहुंचे चिराग पासवान
चिराग पासवान ने दिल्‍ली हाईकोर्ट में दायर की याचिका। फाइल फोटो

पटना, राज्‍य ब्‍यूरो। PM Modi Cabinet Expansion लोजपा में विरासत की लड़ाई आखिरकार अदालत तक पहुंच गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा 14 जून को पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) को लोजपा संसदीय दल का नेता नियुक्त किए जाने संबंधी आदेश को चिराग पासवान (Chirag Paswan)ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी। इसी के साथ चिराग ने चाचा पारस को पार्टी संसदीय दल के नेता पद से हटाने की कानूनी लड़ाई तेज कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने पारस को लोजपा के सांसद के तौर पर केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के खिलाफ भी कानूनी लड़ाई की तैयारी तेज कर दी है।

loksabha election banner

लोकसभा अध्‍यक्ष के आदेश को दी चुनौती

लोजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट एके वाजपेयी ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट में लोकसभा अध्यक्ष के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसके जरिये पार्टी से निष्कासित किए जा चुके पारस को लोजपा संसदीय दल के नेता के तौर पर संसद में मान्यता मिली है। चिराग की याचिका पर अगले दो दिनों में सुनवाई होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पारस को लोजपा संसदीय दल का नेता नियुक्त करना पार्टी के संविधान के विरुद्घ है। इस बारे में चिराग पासवान की ओर से लोकसभा अध्यक्ष को अवगत कराया जा चुका है और चिराग को संसदीय दल का नेता बनाने का आग्रह करते हुए अधिसूचना जारी करने की मांग की भी जा चुकी है। अब दिल्ली हाई कोर्ट से ही न्याय की उम्मीद है। 

ट्वीट कर चिराग ने जताई नाराजगी

अपने ट्‍िवट में उन्‍होंने कहा है कि पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से श्री पशुपति कुमार पारस जी को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है। दूसरे ट्व‍ीट में उन्‍होंने लिखा है कि लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से श्री पशुपति पारस जी को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फ़ैसले पर पुनः विचार याचिका दी थी, जो अभी भी विचाराधीन है। एक अन्‍य Tweet में चिराग ने लिखा है कि लोक जनशक्ति पार्टी ने आज माननीय लोकसभा अध्यक्ष के प्रारंभिक फ़ैसले जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद पशुपति पारस जी को लोजपा का नेता सदन माना था, के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है।

एक दिन पहले दी थी चेतावनी

बता दें कि एक दिन पहले मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिराग पासवान ने कहा था कि लोजपा सांसद के रूप में पशुपति कुमार पारस को केंद्र में मंत्री बनाया जाता है तो वे इसके विरोध में कोर्ट में जाएंगे। चिराग ने कहा कि वे पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष हैं। उन्‍होंने बगावत करने वाले पांच सांसदों को पार्टी से निलंबित कर दिया है। ऐसे में वे लोजपा के नहीं, बल्कि निर्दलीय सांसद हैं। गौरतलब है कि चिराग खुद को मोदी का हनुमान बताते रहे हैं, लेकिन अब वे नये तेवर में आ गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.