VIDEO : बिहार के विकास के लिए चाहिए एक इमानदार सरकार : पीएम मोदी
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गाेपालगंज व मुजफ्फरपुर में दो रैलियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने मुजफ्फरपुर में महागठबंधन के नेताओं की जमकर खबर ली। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार से उसके काम का हिसाब मांगा तथा कहा कि यहां एक इमानदार सरकार चाहिए।
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गाेपालगंज व मुजफ्फरपुर में दो रैलियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने मुजफ्फरपुर में महागठबंधन के नेताओं की जमकर खबर ली। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को निशाने पर लिया। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार से उसके काम का हिसाब मांगा तथा कहा कि यहां एक इमानदार सरकार की जरूरत है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले
- आज इस क्षेत्र में चार घंटे के बाद प्रचार अभियान समाप्त हो जाएगा। चौथे चरण के मतदान के प्रचार का यह आखिरी समय है। इस समय आपके आशीर्वाद का सौभाग्य मिला।
- जैसे-जैसे चुनाव के चरण समाप्त होते जा रहे हैं, महास्वार्थबंधन (महागठबंधन पर तंज) के नेताओं की परेशानी बढ़ती जा रही है। उनके कीचड़ उछालने में भी तेजी आई है। वे जितना ज्यादा कीचड़ उछालेंगे, कमल उतना ही खिलने वाला है।
- जो सत्ता में बैठे हैं, उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने काम का हिसाब दें। मुझे भी पांच साल बाद अपने काम का हिसाब देना है। यह लोकतंत्र है। महागठबंधन के नेताओं को अपने काम का हिसाब देना चाहिए।
- बिहार में मैडम सोनिया की पार्टी ने 35 साल राज किया है। बड़े भाई (लालू प्रसाद) और छोटे भाई (नीतीश कुमार) ने 25 साल राज किया। लालू जी ने 15 साल और नीतीश जी ने 10 साल राज किया है। तीनों ने मिलाकर 60 साल राज किया है। इन्होंने अपने 60 साल के काम का हिसाब नहीं दिया। चुनाव में जो अपने काम का हिसाब न दे, उससे बड़ा अपराधी कौन है?
- नीतीश जी मुझे बाहरी कहते हैं। मैं हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री हूं। बिहार हिंदुस्तान में नहीं है क्या? मैडम सोनिया दिल्ली में रहती हैं। क्या वो भी बाहरी हैं? जनता को जवाब देने के लिए ताकत नहीं, इसलिए एेसे खेल खेले जा रहे हैं।
- बिहार जब देता है ताे छप्पर फाड़कर देता है और जब लेता है तो चुन-चुनकर लेता है। कांग्रेस ने जब 35 साल का हिसाब नहीं दिया तो बिहार की जनता ने कांग्रेस को बिहार से बाहर कर दिया। बिहार की जनता को गुस्सा आया। यह बिहार की ताकत है।
- फिर लालू आए। भांति-भांति के बड़े खेल करते रहे। बिहार के लोगों की आंखों में 15 साल तक धूल झोंकी। जब सच सामने आया, बिहार की जनता जाग गई। वे भी चले गए।
- फिर नीतीश बाबू आए। उनको भी काम के हिसाब देने में समस्या आ गई है। अब 10 साल में लोग नीतीश से भी छुटकारा चाहते हैं। इस बार बिहार का भविष्य बिहार का नौजवान तय कर रहा है।
- सरकार जनता की सेवा के लिए होती है। अमीरों को सरकार की जरूरत नहीं होती। सरकार उनके लिए होती है जिनका कोई नहीं होता। जिनका कोई सहारा नहीं होता। हमें ऐसी सरकार चाहिए, जो गरीबों की भलाई के लिए काम करे।
- इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया, ताकि गरीबों का भला हो। इंदिराजी तो सालों पहले चली गईं, लेकिन बैंक गरीबों के दरवाजे तक नहीं आए। हमने बैंकों को गरीबों से जोड़ा है। गरीबों के खाते ख्ाुलवा दिए।
- गरीबों को रोजगार के लिए पैसा चाहिए। हमने 60 लाख लोगों को इसके लिए पैसे दिए हैं। बिहार के सवा तीन लाख लोगों को सहायता दी गई है। यह गरीबों की भलाई का काम हुआ। इसे और आगे बढ़ाना है। बिहार में करीब 70 लाख लोगों ने प्रधानमंत्री बीमा व पेशन योजना का भी लाभ उठाया है।
- बिहार को आगे बढ़ाना है तो एकमात्र जड़ी-बूटी है विकास।
- लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद 16 महीने के अंदर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी। भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाई। आज इमानदारी के साथ देश आगे बढ़ रहा है। क्या बिहार में इमानदार सरकार नहीं चाहिए?
- आपने टीवी पर देखा होगा। बिहार मे नीतीश जी के एक मंत्री रंगे हाथों घूस लेते पकड़े गए। वे बिहार में सरकार बनने पर काम करने का सौदा कर रहे थे। बिहार बेचने का एडवांस लिया जाता है। बिहार की जनता इसे भूलने वाली नहीं है।
- नीतीश बाबू आपने वादा किया था कि बिहार में भ्रष्टाचार करने वालों के घर जब्त कर उनमें स्कूल खोले जाएंगे। उनके एक मंत्री पकड़े गए, उनके घर में स्कूल खोला गया क्या? लालू भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गए। उनके घर में स्कूल खोला क्या? भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐसे लड़ाई नहीं लड़ी जाती।
- दिल्ली के एक मेट्रो ट्रेन में गया था। वहां 80 फीसद नौजवान बिहार के मिले। यह पलायन बंद होना चाहिए।
- बिहार के नौजावनों, बुजुर्गों व परिवारों के लिए मेरा तीन सूत्री कार्यक्रम है - पढ़ाई, कमाई व दवाई।
- बिहार के बच्चों व नौजवानों को बेहतर शिक्षा मिलनी चाहिए। बिहार के नौजवान को बिहार मे कमाई का अवसर मिलना चाहिए। बिहार में कमाई के लिए उद्योग धंधे चाहिए। खेती को बल मिलना चाहिए। इसके लिए बिजली चाहिए।
- हम बिहार के 4000 गांवों में बिजली पहुंचाएंगे, जहां बिजली नहीं हैं वहां 2022 में हम 24 घंटे बिजली देंगे। बिजली आएगी तो उद्योग लगेंगे। नीतीश ने 2010 में बिजली देने का वादा किया था। कहा था कि बिजली नहीं आई तो वोट नहीं मांगूंगा। अब वोट मांगने आ गए।
- बिजली होती और मुजफ्फरपुर की लीची के प्रॉसेस की व्यवस्था होती तो यहां के किसानों को कोई दिक्कत नहीं होती। पानी है लेकिन 400 करोड़ की मछली बाहर से आती है। इसलिए मेरा दूसरा सूत्र है कमाई। बुजुर्गों के लिए अस्पताल भी होने चाहिए।
- बिहार राज्य के लिए मेरा तीन सूत्री कार्यक्रम है : बिजली, पानी और सड़क।
- केवल पश्चिम हिंदुस्तान आगे बढे तो देश आगे नहीं बढ़ेगा। हिंदुस्तान को आगे बढ़ाने के लिए पूर्वी हिंदुस्तान का आगे बढ़ना भी ज्ारूरी है। मेरा मकसद है हिंदुस्तान के पूर्वी छोर को आगे बढ़ाना। इसके लिए बिहार को एक 1.65 लाख करोड़ रुपया दिया है।
- बिहार ऐसे गढ़े में है, कि एक इंजन से बाहर नहीं निकलेगा। एक बिहार का इंजन, दूसरा दिल्ली सरकार का इंजन। बिहार में ऐसी सरकार बनाएं कि डबल इंजन लगे।
- पहले से दूसरे में, फिर दूसरे से तीसरे चरण में मतदान ज्यादा हुआ। अब चौथे चरण में और ज्यादा होगा। अधिकतम मतदान करें। हर गांव में लोकतंत्र का उत्सव मने, यही मेरी कामना है।
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