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एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन के बीच इंडस्ट्री ने लगाई गुहार- अभी प्रतिबंध नहीं लगाए सरकार

बिहार में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन की घोषणा की गई है। इस बीच प्‍लास्टिक इंडस्ट्री की तरफ से फिलहाल इस प्रतिबंध को लागू नही करने की गुहार लगाई गई है। प्‍लास्टिक इंडस्‍ट्री ने इसके पीछे के कारणों को बताया है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 08:54 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 10:53 AM (IST)
एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन के बीच इंडस्ट्री ने लगाई गुहार- अभी प्रतिबंध नहीं लगाए सरकार
एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, जागरण संवाददाता। Ban on Single Use Plastic: बिहार थर्मो फार्मर्स इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने सरकार से आग्रह किया है कि फिलहाल सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाए। पहले इसके विकल्प के बारे में सोचा जाए। विकल्प मिलने के बाद ही प्रतिबंध लगाना उचित होगा। विदित हो कि बिहार में एक जुलाई से सिंगल यूज प्‍लास्टिक के निर्माण व उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्‍लास्टिक इंडस्‍ट्री ने इस प्रतिबंध को लागू करने के पहले वैकल्पिक व्‍यवस्‍था करने की मांग की है।

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प्रतिबंध से बंद हो जाएंगे 28 कराखाने

एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कुमार ने कहा है कि अगर एक जुलाई से अगर सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो बिहार में 28 कारखाने बंद हो जाएंगे। 3500 श्रमिकों की रोजी- रोटी चली जाएगी। इनमें 80 प्रतिशत महिलाएं हैं। साथ ही करोड़ों का निवेश डूब जाएगा।

बेरोजगारी व कर्ज में डूबेंगे व्‍यवसायी

उन्होंने कहा है कि अधिकांश व्यवसायियों ने बैंक से कर्ज (Bank Loan) लेकर प्लास्टिक उद्योग (Plastic Industry) स्थापित किया है। अगर यह इंडस्ट्री बंद होती है तो बैंकों का दिया यह कर्ज भी डूबेगा। व्‍यवसायी तो कर्ज में डूबेंगे ही। साथ ही बेरोजगारी की समस्या बढ़ जाएगी।

प्रतिबंध के पहले विकल्‍प देने की मांग

प्रेम कुमार ने कहा है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प अभी बायोडिग्रेडेबल मैटेरियल (Biodegradable Material) है जो भारत में नहीं है। इसे जर्मनी, ब्राजील आदि देशों से मंगाया जा सकता है, लेकिन आयात करने पर महंगाई बढ़ जाएगी। अभी जो प्लास्टिक ग्लास 50 पैसे में बन रहा है वह चार रुपये में बनेगा। इससे खरीदार भी परेशान होंगे। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा विकल्प चाहिए जो कि सस्ता और उसकी स्थानीय स्तर पर पर्याप्त उपलब्ध भी हो। उन्होंने कहा कि जब तक ऐसी व्यवस्था नहीं हो जाती है, तब तक सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं होगा।


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