दिल्ली से आने वाले विमान को 'हाईजैक' कर एयरपोर्ट पर उतारा गया
दिल्ली से आ रहे विमान को शनिवार को हाईजैक कर लिया है। एनएसजी की टीम भी एयरपोर्ट पर पहुंच गई।
पटना। दिल्ली से आ रहे विमान को शनिवार को हाईजैक कर लिया है। इस विमान को आतंकी जबरन पटना स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतार रहे हैं। इसकी सूचना तत्काल एसएसपी के साथ ही प्रमंडलीय आयुक्त, गृह विभाग के प्रधान सचिव, आइजी, डीआइजी समेत तमाम अधिकारियों को दे दी गई। देखते-देखते सारे अधिकारी मौके पर पहुंच गए। इसके साथ ही एसपी सिटी व कई थानों की पुलिस पहुंच गई। एयरपोर्ट परिसर को चारों तरफ से घेर लिया गया। श्वान दस्ते के साथ ही बम निरोधक दस्ते को भी बुला लिया गया था। दरअसल यह एक मॉक ड्रिल थी जिसका उद्देश्य तैयारियों को परखना था।
10.30 बजे इसकी सूचना मिलते ही सीआइएसएफ के जवान कमांडेंट विशाल दुबे के नेतृत्व में एयरपोर्ट के भीतर मोर्चा ले चुके थे। दिल्ली से एनएसजी की टीम भी पहुंच चुकी थी। एनएसजी टीम एयरपोर्ट के अंदर व बाहर मोर्चा ले चुकी थी। टर्मिनल भवन की छत के साथ ही आसपास के भवनों की छतों पर भी सीआइएसएफ के जवान मोर्चाबंदी कर चुके थे। टर्मिनल भवन के यात्री भयभीत नहीं हों, इसके लिए उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगने दी गई। पूरे मामले की मॉनीटिरिग स्वयं गृह विभाग के प्रधान सचिव कर रहे थे। लगभग 11 बजे के हवा में दो-तीन राउंड चक्कर लगाने के बाद विमान की विमान की लैंडिंग करवाई गई। विमान को पार्किंग बे के एक किनारे लाकर स्टैंड में रखा गया। कंट्रोल से ही सुरक्षा अधिकारियों ने विमान के क्रू से बात की। 10 मिनट तक विमान का दरवाजा बंद रहने के बाद धीरे से इसे खोला गया। इसके पहले एनएसजी व सीआइएसएफ के जवान व अधिकारी मोर्चा ले चुके थे। बातचीत के बहाने कुछ अधिकारी विमान के अंदर पहुंच चुके थे। देखते-देखते एनएसजी के जवानों ने विमान को पूरी तरह से कब्जे में ले लिया। तबतक एयरपोर्ट टर्मिनल परिसर में फ्लाइट का इंतजार कर रहे यात्रियों को भी इसका अहसास हो चुका था। पूरा एयरपोर्ट पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका था। ठीक 11.55 बजे सूचना दी गई कि यह एंटी हाईजैकिंग मॉक ड्रिल थी जिसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। गृह विभाग के प्रधान सचिव एयरपोर्ट की सुरक्षा-व्यवस्था से पूरी तरह संतुष्ट दिखे।
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यह एंटी हाईजैकिंग मॉक ड्रिल थी। हर साल इसे एनएसजी के साथ मिलकर किया जाता है। इसकी सूचना किसी को भी नहीं दी जाती है। गृहविभाग के प्रधान सचिव पूरी ड्रिल की मॉनीटिरिग करते हैं। किसी तरह की कमियां दिखाई देती हैं तो उसे दूर कर लिया जाता है। सीआइएसएफ के जवानों को भी इस अभ्यास से काफी फायदा मिलता है।
- विशाल दुबे, वरीय कमांडेंट, सीआइएसएफ।
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