Move to Jagran APP

अपनी ही रणनीति से मात खा गए पीके, नीतीश के आगे नहीं चली होशियारी; हो गए हिट विकेट

राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर बिहार में अपनी ही रणनीति से मात खा गए। पीके ने अपने आचरण को मर्यादा से बाहर कर लिया था। पढ़ें पड़ताल करती रिपोर्ट।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 05:59 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 10:38 PM (IST)
अपनी ही रणनीति से मात खा गए पीके, नीतीश के आगे नहीं चली होशियारी; हो गए हिट विकेट
अपनी ही रणनीति से मात खा गए पीके, नीतीश के आगे नहीं चली होशियारी; हो गए हिट विकेट

पटना [भुवनेश्वर वात्स्यायन]। राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर बिहार में अपनी ही रणनीति से मात खा गए। जिस ट्वीट ने दो दिन पहले पीके की जदयू से विदाई के विषय को तय कर दिया था, उसमें पीके ने नीतीश कुमार के उस वक्तव्य का विरोध किया था, जिसके तहत नीतीश ने यह कहा था कि अमित शाह के कहने पर उन्होंने प्रशांत किशोर को जदयू में शामिल कराया।

loksabha election banner

नीतीश कुमार के वक्तव्य पर पहली बार पीके ने अपने आचरण को मर्यादा से बाहर कर लिया, जबकि हैरानी की बात यह है कि यह पहला मौका नहीं था जब नीतीश कुमार ने यह कहा था कि अमित शाह के कहने पर उन्होंने प्रशांत किशोर को पार्टी में लिया था।

पिछले साल सोलह जनवरी को एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री ने कहा था कि अमित शाह को जदयू में शामिल करने को ले भाजपा दिग्गज अमित शाह ने उन्हें दो बार फोन किया था। तब पीके ने कोई विरोध नहीं किया था। उन्होंने विरोध के फैशन के इस दौर में जब इस फैशन को ओढ़ लिया तो कड़वा ट्वीट कर दिया।

हाल ही में संसद में जदयू के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा था कि पीके को थोड़े ही यह तय करना है कि बिहार में क्या होगा। यह अधिकार तो मुख्यमंत्री का है। मुख्यमंत्री ने उन्हें यह अधिकार दिया भी नहीं था कि वह इस बारे में कुछ कहें। राज्यसभा में जदयू के नेता आरसीपी सिंह ने पीके के उस ट्वीट का कड़ा विरोध किया था जिसके तहत उन्होंने संसद में सीएबी के जदयू द्वारा दिए गए समर्थन का विरोध किया था। आरसीपी ने भी तब पीके की खूब खबर ली थी।

सीएए और एनआरसी के मसले पर नीतीश कुमार से मिलने के बाद पीके शांत हो गए थे। नीतीश कुमार ने कहा था कि एनआरसी बिहार में नहीं लागू होगा। इसके बाद पीके राष्ट्रीय समाचार चैनलों को इस बारे में कई इंटरव्यू भी दिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.