बिहार: बालिका गृह यौन हिंसा को ले 14 अन्य शेल्टर होम पर भी कार्रवाई संभव, जानिए
बिहार का मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन हिंसा मामला अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रहा है। लेकिन यह ऐसा अकेला मामला नहीं है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। जब जग जाहिर हो चुका है कि प्रदेश के 15 शेल्टर होम में लड़कियों के साथ यौन-शोषण व अन्य प्रकार के अमानवीय का कार्य हुए हैं फिर 14 शेल्टर होम पर एफआइआर और अन्य प्रकार की कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? इसकी निष्पक्ष जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका निवेदिता झा ने वकील फौजिया शकील द्वारा दायर की है । इसपर 27 नवंबर को सुनवाई होने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिया टीआइएसएस रिपोर्ट का हवाला
याचिकाकर्ता का कहना है कि टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआइएसएस) ने अपने सर्वे में मुजफ्फरपुर सहित सभी शेल्टर होम की दुर्दशा की चर्चा की थी। इनमें भागलपुर, मुंगेर, मोतिहारी, गया, मधुबनी, कैमूर, अररिया, पटना एवं मधेपुरा में कुल मिलाकर 14 शेल्टर होम की चर्चा की गई थी। लेकिन राज्य सरकार ने केवल मुजफ्फरपुर शेल्टर होम पर ही कार्रवाई की।
जांच हुई तो कई सफेदपोशों की खुल जाएगी कलई
याचिकाकर्ता को शंका है कि सभी शेल्टर होम की जांच हुई तो राज्य सरकार के अनेक सफेदपोश उच्चाधिकारियों एवं नेताओं की कलई खुल सकती थी। याचिका में टीआइएसएस की सर्वे रिपोर्ट की प्रतिलिपि लगाकर बताया गया है कि ऐसा कोई भी गर्ल्स शेल्टर होम नहीं है, जहां लड़कियां यौन उत्पीडऩ की शिकार नहीं हुई हों।
याचिका में पीडि़त लड़कियों के पुनर्वास के लिए उठाये गये कदमों की भी जानकारी नहीं दिये जाने पर आपत्ति जाहिर की गई है।