ट्रेन से लूट का माल ले जाने के लिए पहले से ही खड़ी रखते थे पिकअप वैन Patna News
पिछले माह पटना जंक्शन से गिरफ्तार पुनीत महतो का सबसे करीबी सहयोगी दीपक पोद्दार के जरिए पुलिस ने अहम खुलासा किया है।
By Edited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 02:08 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 02:11 AM (IST)
चंद्रशेखर, पटना। पिछले माह पटना जंक्शन से गिरफ्तार पुनीत महतो का सबसे करीबी सहयोगी दीपक पोद्दार का भी लंबा-चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है। पूछताछ में दीपक ने जो बताया, उससे रेल पुलिस के भी होश उड़ गए। लूट के पैसे से फतुहा में आलीशान मकान बना रह रहा दीपक पोद्दार पिछले 13 वर्षो से ट्रेनों में अटैची लिफ्टिंग का काम कर रहा है। उसने पुनीत महतो के साथ बिहार ही नहीं झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश के विभिन्न स्टेशनों पर यात्रियों की अटैची गायब करने का आरोपी रहा है। लूट के पैसे का एक बड़ा हिस्सा वह अपनी पत्नी को मॉडल बनाने पर खर्च करता था। उसकी पत्नी सोने-चांदी से लदी रहती थी।
सप्ताह में एक दिन ब्यूटी पार्लर जरूर जाती थी, महंगी साड़ी व कपड़ों का शौक रखती थी। लूट के पैसे से दीपक पोद्दार राजशाही की जिंदगी जीता था।
2005-06 में जुड़ गया था पुनीत महतो के गैंग से
पुनीत महतो के बिहार आने के बाद दीपक पोद्दार उससे जुड़ गया था। दीपक के साथ काम करने वाले दर्जनभर शार्गिद भी उसके गैंग से जुड़ गए थे। 13 साल से वह लगातार लंबी दूरी की ट्रेनों को टारगेट कर यात्रियों का सामान गायब करता रहा। दीपक की खासियत थी कि वह पहले से ही किसी छोटे स्टेशन पर अपनी पिकअप वैन रखता था, जहां पुलिसिया चौकसी कम होती थी। अपने साथ वह आठ-दस अटैची लेकर उतरता था और पहले से खड़ी पिकअप में सवार हो घर लौटता था।
घर से बरामद हुआ 200 ग्राम सोना व एक किलो चांदी के जेवरात दीपक की जिस वक्त गिरफ्तारी हुई, उस वक्त उसके गले में सोने की मोटी चेन के साथ ही हाथों में महंगी अंगूठी थी। उसने महंगे ब्रांड की शर्ट व जीन्स पहन रखा था। आंखों पर रे-बन का कीमती चश्मा लगाए था। पीठ पर लदे बैग में इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन के साथ लुई फिलिप्स की शर्ट-पैंट, सोने के कई जेवरात व अन्य लक्जरी सामान रखे था। जब उसके घर पर छापेमारी हुई तो वहां से तीन चेन, नौ अंगूठी, तीन झुमका समेत 200 ग्राम से अधिक सोने के जेवरात मिले थे। एक किलो से अधिक चांदी के जेवरात के साथ दस देशों की विदेशी करेंसी भी मिली थी।
सप्ताह में एक दिन ब्यूटी पार्लर जरूर जाती थी, महंगी साड़ी व कपड़ों का शौक रखती थी। लूट के पैसे से दीपक पोद्दार राजशाही की जिंदगी जीता था।
2005-06 में जुड़ गया था पुनीत महतो के गैंग से
पुनीत महतो के बिहार आने के बाद दीपक पोद्दार उससे जुड़ गया था। दीपक के साथ काम करने वाले दर्जनभर शार्गिद भी उसके गैंग से जुड़ गए थे। 13 साल से वह लगातार लंबी दूरी की ट्रेनों को टारगेट कर यात्रियों का सामान गायब करता रहा। दीपक की खासियत थी कि वह पहले से ही किसी छोटे स्टेशन पर अपनी पिकअप वैन रखता था, जहां पुलिसिया चौकसी कम होती थी। अपने साथ वह आठ-दस अटैची लेकर उतरता था और पहले से खड़ी पिकअप में सवार हो घर लौटता था।
घर से बरामद हुआ 200 ग्राम सोना व एक किलो चांदी के जेवरात दीपक की जिस वक्त गिरफ्तारी हुई, उस वक्त उसके गले में सोने की मोटी चेन के साथ ही हाथों में महंगी अंगूठी थी। उसने महंगे ब्रांड की शर्ट व जीन्स पहन रखा था। आंखों पर रे-बन का कीमती चश्मा लगाए था। पीठ पर लदे बैग में इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन के साथ लुई फिलिप्स की शर्ट-पैंट, सोने के कई जेवरात व अन्य लक्जरी सामान रखे था। जब उसके घर पर छापेमारी हुई तो वहां से तीन चेन, नौ अंगूठी, तीन झुमका समेत 200 ग्राम से अधिक सोने के जेवरात मिले थे। एक किलो से अधिक चांदी के जेवरात के साथ दस देशों की विदेशी करेंसी भी मिली थी।
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