बिहार मे अनंत चतुर्दशी की धूम, साथ ही गणपति हो गए विदा
बिहार में धूमधाम से गणपति का विसर्जन करने के साथ ही आज अनंत चतुर्दशी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। बाजारों में काफी चहल-पहल देखी जा रही है।
पटना [जेेएनएन]। पूरे बिहार में आज अनंत चतुर्दशी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इसी दिन साथ ही दस दिन तक चले गणेशोत्सव का भी समापन हो गया। लोगों ने गणपति और भगवान विष्णु की पूजा साथ-साथ की। लोगों ने अपने-अपने गणपति को अगले बरस जल्दी आने की कामना के साथ विदा किया।
वहीं आज सुबह से ही घरों में अनन्त चतुर्दशी की पूजा कर अनंत धागा बांधकर भगवान विष्णु का आशीर्वाद लिया गया। पूजा को लेकर बाजारों में चहल-पहल भी रही। गंगा सहित विभिन्न नदियों में गणपति का विसर्जन किया। गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ इनसे रास्ते गुंजायमान रहे।
क्यों मनाते हैं अनंत चतुर्दशी
महाभारत में कथा है कि जुए में सब कुछ हार जाने के बाद पांडवों को अपना राज पाट गवांकर वन-वन भटकना पड़ा। ऐसे समय में भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया कि आप सभी भाई मिलकर भाद्र शुक्ल चतुर्दशी तिथि का व्रत करें। इस व्रत से अनंत भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
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कैसे करें पूजन
शास्त्रों में बताया गया है कि अनंत चतुर्दशी के पूजन में व्रत रखने वाले को सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प करना चाहिए। इसके बाद पूजा घर में कलश स्थापित करके कलश पर भगवान विष्णु का चित्र स्थापित करें। इसके बाद कच्चा धागा लें जिस पर चौदह गांठें लगाएं इस प्रकार अनन्तसूत्र तैयार हो जाने पर इसे भगवान के पास रखें। अंनत सूत्र बाजार में भी तैयार किया मिलता है आप चाहें तो इनका भी प्रयोग कर सकते हैं। जब यह तैयारी हो जाए तब भगवान विष्णु के साथ अनंतसूत्र की षोडशोपचार-विधि से पूजन करें।
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करें इस मंत्र का जाप, होगी भगवत्कृपा
इसके बाद ॐ अनन्तायनम: मंत्र का जप करते हुए अनंत भगवान की पूजा करनी चाहिए। पूजन के बाद पुरुषों को अनंत सूत्र दाएं बाजू में और महिलाओं को बाएं बाजू में बांधना चाहिए।