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बिहार में पहली बार आप देखे सकेंगे दो सींग वाले गैंडे, वियतनाम से लाया जा रहा पटना

बिहार में अब तक आपने दो सींग वाले गैंडे को नहीं देखा होगा। अब टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। अब इसे देख सकते हैं। वियतनाम से पटना जू लाया जा रहा है एक जोड़ा दो सींग वाला गैंडा।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 05:36 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 05:36 PM (IST)
बिहार में पहली बार आप देखे सकेंगे दो सींग वाले गैंडे, वियतनाम से लाया जा रहा पटना
बिहार में पहली बार आप देखे सकेंगे दो सींग वाले गैंडे, वियतनाम से लाया जा रहा पटना

पटना, जेएनएन। बिहार में अब तक आपने दो सींग वाले गैंडे को नहीं देखा होगा। लेकिन अब टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। इसे आप अब देख सकते हैं। पटना संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) में पहली बार दो सींग वाले गैंडों को लाया जा रहा है। पटना जू में इसे आप आसानी से देख सकते हैं। हालांकि इसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। दाे सींग वाले गैंडों को अगले साल फरवरी में लाया जाएगा। 

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पटना जू के अनुसार, वियतनाम से दो सींग वाले गैंडाें को लाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। पटना जू के डायरेक्‍टर अमित कुमार इसके लिए वियतनाम पहुंच चुके हैं। उनके साथ डॉ समरेंद्र बहादुर सिंह और पशुपालक अशोक कुमार भी हैं। वे गैंडा लाने और ले जाने के मुद्दे पर वहां के अफसरों से बात करेंगे। साथ ही गैंडे के स्वास्थ्य को जानने के साथ उसके खानपान और रहन-सहन की जानकारी प्राप्त करेंगे।

बता दें कि वियतनाम से दो सींग वाला एक जोड़ा गैंडा आएगा तथा बदले में पटना जू से एक सींग वाला एक जोड़ा गैंडा वियतनाम जाएगा। प्रस्ताव पर केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमति मिलने के बाद बिहार सरकार ने भी अपनी मुहर पहले ही लगा दी है।

दरअसल दो सींग वाला गैंडा भारत में नहीं पाया जाता है। वियतनाम से आने बाद यह पटना जू में दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। बता दें कि विश्व में अमेरिका के सेंट डियागो जू के बाद भारत के संजय गांधी जैविक उद्यान का गैंडों की संख्या में दूसरा स्थान है। यहां एक सींग वाले 11 गैंडे हैं। देश के अधिकांश चिड़ियाघर गैंडे की मांग कर रहे हैं। इसके बदले सभी मनपसंद वन्य प्राणी देने को तैयार हैं। हाल ही में तमिलनाडु के वेंडालुर जू ने एक मादा गैंडा के बदले एक जोड़ा बाघ सहित 22 वन्य प्राणियों को दिया है। यही नहीं, अमेरिका के सेंट डियागो जू नर गैंडा के बदले में तीन जिराफ और दो गैंडे दे चुका है।

गैंडा प्रजनन में अव्वल रहने के कारण पटना जू में राष्ट्रीय गैंडा प्रजनन एवं संवर्धन केंद्र की स्थापना की गई है। इसके निर्माण में पौने चार करोड़ रुपये की लागत आई है। इस केंद्र के सभी क्षेत्र को कीटाणुमुक्त बनाने का कार्य चल रहा है। मात्र उद्घाटन होना रह गया है। फिलहाल तीन गैंडे गर्भवती हैं।


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