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टीबी मरीजों को अस्पताल लाने वालों को मिलेगी 1000 रुपए की प्रोत्साहन राशि

टीबी रोगियों को अस्पताल और डॉक्टर के पास ले जाने वाले व्यक्ति को एक हजार की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मरीजों को पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिए हर माह 500 रुपये मिलेंगे।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 02:42 PM (IST)Updated: Wed, 21 Mar 2018 11:47 PM (IST)
टीबी मरीजों को अस्पताल लाने वालों को मिलेगी 1000 रुपए की प्रोत्साहन राशि
टीबी मरीजों को अस्पताल लाने वालों को मिलेगी 1000 रुपए की प्रोत्साहन राशि

पटना [राज्य ब्यूरो]। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य से यक्ष्मा (टीबी) उन्मूलन के लिए सरकार मरीजों को पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिए हर माह 500 रुपये देगी। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि टीबी रोगियों को अस्पताल और डॉक्टर के पास ले जाने वाले व्यक्ति को भी एक हजार की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मंगलवार को बिहार विधानपरिषद में स्वास्थ्य विभाग के 7793.81 करोड़ के बजट पर आयोजित वाद-विवाद का जवाब दे रहे थे।

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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने बजट में मरीजों के साथ-साथ उन चिकित्सकों को भी प्रोत्साहित करने का फैसला लिया है जो टीबी के मरीजों का इलाज करते हैं। ऐसे चिकित्सकों को मरीज का इलाज पूरा होने पर एक हजार रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में गुणवत्तायुक्त चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने को सरकार संकल्पबद्ध है।

उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हुआ है। इससे सूचकांक में लगातार सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं। पांडेय ने कहा कि वर्ष 2004-06 में प्रतिवेदित शिशु मृत्युदर जो 61 थी, अब यह घटकर 38 हो गई है।

इसी तरह बालिका मृत्युदर जो वर्ष 2015 में 50 थी, वह एसआरएस 2016 के आंकड़ों के अनुसार घटकर 46 हो गयी है। उन्होंने कहा कि सरकार मातृ मृत्युदर को कम करने का लगातार प्रयास कर रही है। वर्ष 2004-06 में इसका अनुपात 312 था, यह वर्ष 2011-13 में घटकर 208 हो गया है।

सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में 112 प्रकार की दवाएं देने का प्रावधान है। जिसके तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर के ओपीडी में औसतन 29 प्रकार की एवं आइपीडी में औसतन 81 प्रकार की दवाएं तथा मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी में औसतन 57 प्रकार की तथा आइपीडी में 102 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं।


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