नए शराबबंदी कानून पर गरमाया सोशल मीडिया, पक्ष-विपक्ष में कमेंट्स की बौछार
बिहार में नया शराबबंदी कानून लागू होनें के बाद सोशल मीडिया पर कमेंट्स की बाढ़ आ गई है। ट्विटर पर पक्ष व विपक्ष में खड़े लोग अपने-अपने तर्क दे रहे हैं।
पटना [वेब डेस्क]। बिहार में शराबबंदी को रद करने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार ने दो अक्टूबर से नया शराबबंदी कानून लागू कर दिया। इसपर ट्विटर पर कमेंट्स की बौछार हो गई है। पक्ष-विपक्ष में खड़े लोगाें के अपने-अपने तर्क हैं। कुछ इसे ज्वलंत मुद्दाें से ध्यान भटकाने की कोशिश मान रहे हैं तो कुछ को कानून के कई प्रावधानों पर एतराज है। ट्विटर पर इस मुहिम को व्यापक जनसमर्थन भी मिलता दिख रहा है।
आइए नजर डालते हैं ट्विटर पर पोस्ट कुछ कमेंट्स पर...
विरोधी बोले, शराबबंदी सस्ती लोकप्रियता की कवायद
- पवन विश्नोई (@pawanbishnoi001) : घर में शराब मिलने पर सभी घरवालों को जेल में डालना शराबबंदी है या तानाशाही?
- मनमोहन झा (@MANMOHANJHA2) : यह लोकहित नही, सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कवायद है। लोकहित में खैनी, तम्बाकू, सिगरेट पर ऐसा ही कानून क्यों नही बना?
- अरविंद मिश्रा (@mishraarvindi) : हरेक गांव और शहर में अभी भी मिलती है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले 500 की, अभी 1200 की मिलती है।
- सौरभ चंद्रा (@saurabhchandra) : नीतीश कुमार समाज का बहुत नुकसान कर रहे हैं। उन्हें हाईकोर्ट की बात मान लेनी चाहिए।
- मैं तेरा प्रतिबिम्ब (@saathimere07) : ये (शराबबंदी) अंगुलीमाल से बाल्मीकि बनने की आश्चर्यजनक घटना है। ये कहां का कानून है कि शराब कम्पनी टैक्स फ्री और एक पिए तो पूरे घर के लोग जेल में? शराबबंदी नहीं, आम जनता की निजता पर हमला है यह कानून।
- रवि सिन्हा (@ravissinha) : रोजगार, शिक्षा, लॉ एंड आर्डर जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने का ये प्रयास सफल हो सकता है। लगे रहिये। किसी राज्य के पिछड़ेपन का कारण शराब होती तो सबसे पिछड़ा राज्य गोवा होता।
- विवेक झा (@Jhavivek1981) : लोगों का ध्यान सुशासन, रोजगार, विकास से हटाने के लिए शराबबंदी का ड्रामा अच्छा है।
- रजनीश कुमार सिंह (@rajnish0026) : प्रयास तो अच्छा है, लेकिन पुलिस वाले जेब भरने के चक्कर में असफल कर दे रहे हैं। ये पुलिस वालों की कान खिंचाई कीजिए एवं डीएम-एसपी साहब को थोड़ा सख्त निर्देश दीजिए।
- अनिल कुमार (@KumarBpscl) : बुढ़ापे मे सीमित मात्रा मे उत्कृष्ट शराब फायदा करता है।
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समर्थकों का तर्क : कम हुए अपराध, आई शांति
- मनीष कुमार सुमन (@maPapu21) : बिहार के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में नीतीश कुमार की प्रतिबद्धता को शत-शत नमन।
- अमीर प्रसाद (@prasad_amir) : शराब और कुपोषण मुक्त समाज के लिए युवाओं और आधी आबादी को जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। तब जाकर हम मिशन को प्राप्त करेंगे।
- आशु कुमार झा (@ASHUKUMARJHA4) : 15 साल के शासन में सबसे अच्छा काम हुआ है शराबबंदी करना। इससे गांवों में सबसे ज्यादा शांति है।
- महेश कुमार (@maheshstore) : नीतीश कुमार ने जो किया है वो अब तक कोई मुख्यमंत्री नहीं कर सका। इससे सबसे ज्यादा फायदा गरीबों को होगा।
- आशुतोष कुमार मिश्रा (@mishraak1973) : दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए भी कदम उठाने की आवश्यकता है। यह समाज के लिए बहुत ही हानिकारक है। मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि बिहार को अपराध मुक्त बनाने के लिए भी हर संभव प्रयास करें।
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