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हस्त नक्षत्र में खरीदारी शुभ, आरोग्य कामना के लिए करें भगवान धन्वंतरि की पूजा ....

भगवान धन्वंतरि की आज पूजा हो रही है। दीपावली से पहले धनतेरस के अवसर पर सोने-चांदी खरीदने की परंपरा है। आरोग्य कामना के लिए धन्वंतरि की पूजा की जाती है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 01:01 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 01:01 PM (IST)
हस्त नक्षत्र में खरीदारी शुभ, आरोग्य कामना के लिए करें भगवान धन्वंतरि की पूजा ....
हस्त नक्षत्र में खरीदारी शुभ, आरोग्य कामना के लिए करें भगवान धन्वंतरि की पूजा ....

पटना [जेएनएन]। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी दिन सोमवार को भगवान धन्वंतरि के प्राकट्य दिवस पर धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। सोमवार को हस्त नक्षत्र होने के कारण धनतेरस का दिन काफी शुभ माना गया है। हस्त नक्षत्र के स्वामी मन और धन के स्वामी चंद्रमा है। वहीं अमृत और राजयोग होने के कारण धनतेरस का पर्व सुख, समृद्धि और आनंद लेकर आया है।

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आचार्य पंडित राकेश झा ने कहा कि समुद्र मंथन के समय धन त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंती ने रोगास्थ प्राणियों के लिए अमृत कलश लिए समुद्र से उत्पन्न आयुर्वेद विद्या का प्रसाद लिए आए थे। जिस कारण भगवान धनवंती की पूजा करने का विधान आरंभ हुआ। इस दिन बर्तन, सोना, चांदी आदि खरीदने की परंपरा  है। इस दिन धनों का तेरह गुना वृद्धि होती है। धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से मां लक्ष्मी का प्रसन्न होती हैं। 

लक्ष्मी पूजा एवं खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त 

पंडित राकेश झा शास्त्री ने कहा कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने के साथ सामग्री की खरीदारी करने का विधान है। धनतेरस के दिन सोने, चांदी, बर्तन आदि की खरीदारी करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। वही इस दिन झाडू खरीदने की अनोखी परंपरा है।

मान्यता है कि आज के दिन झाड़ू खरीदने से घर की दरिद्रता दूर होती है। धनतेरस के दिन लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, सोना, चांदी, जेवरात, वाहन, भूमि आदि की खरीदारी शुभ माना जाता है। पंडित झा ने कहा कि धनतेरस के दिन स्थिर लग्न में कौड़ी , कमलगट्टा, धनिया, पीली सरसो, कलश आदि की खरीदारी करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

पंडित झा ने कहा कि धनतेरस के अवसर पर रात 10 बजकर 11 बजे तक विश्व कुंभ योग रहेगा। उसके बाद प्रीति योग आरंभ होगा। विश्वकुंभ योग में धनतेरस पूजन करना फलदायी है। 

खरीदारी करने का मुहूर्त

स्थिर लग्न - सुबह 7.00 बजे से रात 9.15 तक 

अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 11.11 बजे से 11.55 तक 

गुली मुहूर्त - दोपहर 12.56 बजे से 2.30 तक 

वृष लग्न - शाम 5.35 बजे से रात 7.30 तक 

स्वास्थ्य कामना के लिए कुबेर व धन्वंतरि की पूजा 

धनतेरस के दिन जहां एक ओर कुबेर की पूजा होती है वही स्वास्थ्य कामना के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इस दिन नए बर्तन खरीदरक उसमें क्षीर पकवान रखकर भगवान धन्वंतरि को भोग लगाया जाता है। और पूजा के बाद उस प्रसाद को ग्रहण करने से निरोग काया तथा स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

इस दिन पांच-पांच दीपक जलाने से पांच देवता गणेश, लक्ष्मी, ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश की कृपा मिलती है। वही अकाल मृत्यु से बचने के लिए घर के मुख्य द्वार पर बाहर की ओर चार बातियों का दीपक जलाना चाहिए। वही रात में इन दिन आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि तथा समृद्धि के लिए कुबेर के साथ मां लक्ष्मी गणेश का पूजन करके भगवती को नैवेद्य, गुड़, धान का लावा अर्पित करें। 

धनतेरस पर राशि के अनुसार करें खरीदारी - 

मेष - चांदी या तांबा का बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान 

वृष - चांदी या तांबे का बर्तन , वस्त्र, कलश 

मिथुन - स्वर्ण कलश, आभूषण, स्टील के बर्तन, हरे रंग के घरेलू सामान 

कर्क  - चांदी के आभूषण, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान 

सिंह - तांबे के बर्तन, कलश, सोना 

कन्या - गणेश की मूर्ति, सोने या चांदी का आभूषण 

 तुला - वस्त्र, सौंदर्य सामान, सजावटी समान, चांदी या स्टील के बर्तन 

वृश्चिक - सोने के आभूषण, बर्तन, तांबा या मिट्टी का गमला 

धनु - स्वर्ण आभूषण, तांबे या स्टील के बर्तन 

मकर - वस्त्र, वाहन, चांदी के बर्तन या आभूषण 

कुंभ - सौंदर्य के सामान, स्वर्ण, ताम्र पत्र

मीन - स्वर्ण आभूषण, चांदी या पीतल के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण 


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