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चार महीनों से गली खोद कर छोड़ी, समस्या गहराई

पटना सिटी। वार्ड 54 के कोइरी टोला मथनी के समीप करीब चार महीनों से 50 मीटर दूरी तक रास्ते में गड्ढा ख

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 03:49 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 03:49 AM (IST)
चार महीनों से गली खोद कर छोड़ी, समस्या गहराई
चार महीनों से गली खोद कर छोड़ी, समस्या गहराई

पटना सिटी। वार्ड 54 के कोइरी टोला मथनी के समीप करीब चार महीनों से 50 मीटर दूरी तक रास्ते में गड्ढा खोद कर एजेंसी भूल गई। नतीजा यह है कि इस रास्ते आने-जाने वाले लोग तथा वाहन चालक हर दिन गिर कर जख्मी हो रहे हैं। गड्ढा खोदने के दौरान कई घरों के नल की पाइप भी क्षतिग्रस्त हो जाने से समस्या गहरा गई है। लोगों के घरों में गंदा पानी पाइप से होकर पहुंच रहा है।

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स्थानीय नागरिकों ने बताया कि सिवरेज सिस्टम विकसित करने के लिए काम कर रही एजेंसी ने कई छोटे छोटे ठेकेदारों को अलग-अलग काम का जिम्मा दे दिया है। यह लापरवाही से काम कर रहे हैं। जिसका खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि गड्ढे में पाइप भी डाली गयी है लेकिन गड्ढा भरा नहीं जा रहा है। पिछले चार माह से यही स्थिति है।

पिछले दिनों स्कूल जाने के क्रम में गड्ढे में गिरकर एक 8 वर्षीय बच्चा घायल हो गया। छोटे-मोटे हादसे प्रतिदिन होते रहते हैं। स्थानीय महेश कुमार और सोनू कुमार ने बताया कि मोहल्ले के लोगों ने यहां काम कर रही एजेंसी के लोगों से अनुरोध भी किया कि काम पूरा होने पर गड्ढा को भरकर गली को पुरानी स्थिति में लाया जाए। अनुरोध के बावजूद उन लोगों ने नागरिकों की परेशानी की अनदेखी किया। लोगों ने बताया कि

गड्ढा करने के क्रम में मोहल्ले के कई घरों के नल की पाइप को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इससे गड्ढे में पानी भरा रहता है। ऐसी स्थिति में ना तो मोहल्ले के लोग अपनी गाड़ी घर से बाहर निकाल पा रहे हैं और ना ही सुरक्षित ढंग से पैदल ही चल पा रहे हैं।

वार्ड पार्षद अरुण कुमार से स्थानीय लोगों ने इस समस्या को दूर करने की गुहार लगाई है। पार्षद का कहना है कि एजेंसी के लोग मनमानी कर रहे हैं।नागरिकों की सहूलियत का ख्याल नहीं रखा जा रहा है जबकि नागरिक उन्हें पूरा सहयोग कर रहे हैं । आमतौर पर गड्ढा करने और उसमें पाइप डालने में 10 दिनों का समय लगता है। एजेंसी चाहे तो किसी भी गली के नागरिकों को 10-15 दिनों से ज्यादा परेशानी ना हो लेकिन समस्या महीनों से बरकरार है। प्रशासनिक स्तर पर इनके कामों की कोई मॉनिट¨रग नहीं होने के कारण लोगों की समस्या गहराई है।


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