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नए साल के जश्न के लिए तैयार होने लगा चिड़ियाघर, मैसूर से लाया गया 'गौर'

पटना जू नव वर्ष के जश्न के लिए लगभक तैयार हो गया है। पहली जनवरी के लिए शुल्क भी निर्धारित कर दिए गए हैं। वहीं मैसर जू से लाया गया गौर सभी के लिए आकर्ण का केंद्र बना है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 06:57 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 06:57 PM (IST)
नए साल के जश्न के लिए तैयार होने लगा चिड़ियाघर, मैसूर से लाया गया 'गौर'
नए साल के जश्न के लिए तैयार होने लगा चिड़ियाघर, मैसूर से लाया गया 'गौर'

पटना, जेएनएन। इस बार नये साल के जश्न के लिए दूर नहीं जाना होगा। संजय गांधी जैविक उद्यान क्रिसमस और नववर्ष के जश्न के लिए तैयार होने लगा है। प्रवेश शुल्क निर्धारित हो गया है। नववर्ष के प्रथम दिन का प्रवेश शुल्क 100 रुपये प्रति वयस्क तथा प्रति शिशु 50 रुपये देना होगा। अन्य दिनों में प्रति व्यस्क 30 रुपये तथा प्रति शिशु 10 रुपये शुल्क देना होता है। दस से अधिक के व्यस्कों के समूह को 25 रुपये तथा बच्चों के समूह से पांच रुपये की दर से टिकट मिलता है।

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क्रिसमस पर सांता क्लॉज बांटेगा टांफियां

क्रिसमस के लिए भी तैयारी है। इस दिन सांता क्लॉज चिड़ियाघर में बच्चों के बीच टॉफियां बांटेगा। वहीं एक जनवरी को सुरक्षा की विशेष व्यवस्था रहेगी। नौकायन बंद रहेगा। जिला प्रशासन की तरफ से दंडाधिकारी, पुलिस अधिकारी, महिला और पुरुष बल तैनात किए जाएंगे। नववर्ष के प्रथम दिन जू में जश्न का माहौल रहता है। औसतन ३० हजार से अधिक दर्शक भ्रमण के लिए आते हैं। दोनों गेटों पर अतिरिक्त काउंटर खोले जाते हैं। उद्यान प्रबंधन तैयारी में जुट गया है। उस दिन अतिरिक्त कर्मचारी वन्य प्राणियों के पास तैनात किए जाएंगे। जू सुबह छह बजे से शाम पांच बजे तक खुला रहता है। हालांकि दर्शकों के देखने के लिए जानवर सुबह आठ बजे नाइट हाउस से बाहर प्रदर्शित किए जाते हैं। उद्यान में भोजन बनाने तथा ज्वलनशील पदार्थ लेकर जाने पर प्रतिबंध है। यह पॉलीथिन निषेध क्षेत्र है। बना-बनाया भोजन ले जाने की अनुमति है। ठंड बढ़ने के साथ ही चिड़ियाघर में दर्शकों की संख्या बढ़ने लगी है। एक सप्ताह से प्रतिदिन दस हजार से अधिक दर्शक पहुंच रहे हैं। दर्शकों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए उद्यान निदेशक अमित कुमार ने आंतरिक सुरक्षा बढ़ा दी है।

संजय गांधी जैविक उद्यान में बना गौर का जोड़ा

मैसूर चिड़ियाघर से पटना जू नर गौर लाया गया है। इसके आने के साथ ही जू में गौर का जोड़ा बन गया है। मैसूर से ही पूर्व में तीन गौर मंगाए गए थे। दो साल पहले दो की मृत्यु हो जाने के बाद एक मादा गौर बची हुई थी। गौर राज्य के बेतिया और झारखंड के जंगलों में पाया जाता है। इसे जंगली भैंसा भी कहा जाता है। दर्शक अब जंगली भैसा या गौर जू में देख सकेंगे। इसके बदले में संजय गांधी जैविक उद्यान भालू के बच्चे मैसूर चिड़ियाघर को देगा। एक सप्ताह बाद जू की टीम इन्हें मैसूर ले जाएगी।

केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की स्वीकृति के बाद वन्य प्राणियों की यह अदला-बदली की जा रही है। गौर के चिड़ियाघर में आने के बाद उद्यान प्रशासन ने सांभर, गैंडा, हाथी, घड़ियाल, मगरमच्छ आदि के देखने पर फिलहाल रोक लगा दी है। इससे बच्चे गैंडे और हाथी को देखने से वंचित हैं। जिराफ केज के बाद गौर के केज की तरफ जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया है। गैंडा के केज के बाद सांभर का केज है।


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