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पटना में बर्ड फ्लू की दस्‍तक, छह मोरों की मौत के बाद जैविक उद्यान बंद

बिहार की राजधानी पटना में स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) को बर्ड फ्लू के कारण अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 25 Dec 2018 10:04 AM (IST)Updated: Tue, 25 Dec 2018 10:38 PM (IST)
पटना में बर्ड फ्लू की दस्‍तक, छह मोरों की मौत के बाद जैविक उद्यान बंद
पटना में बर्ड फ्लू की दस्‍तक, छह मोरों की मौत के बाद जैविक उद्यान बंद

पटना [जेएनएन]। बिहार में बर्ड फ्लू की छिटपुट घटनाओं के बीच यह बड़ा मामला सामने आया है। इसने राज्य के संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) में भी पांव पसार लिया है। जू में अचानक छह मोरों की मौत होने के बाद प्रशासन ने एहतियातन उसे अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया है। वहीं जू के अंदर में दवाओं को छिड़काव किया जा रहा है। उधर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने कहा है कि पटना जू में फैल बर्ड फ्लू को लेकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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मिल रही जानकारी के अनुसार 16 से 19 दिसंबर के बीच छह मोर की मौत हो गयी है। मामले को जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान आनंद नगर भोपाल भेजा गया। संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि कर दी। इसके बाद मामले को प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। जानकारी मिलते ही सूबे के मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक भारत ज्योति ने जू का निरीक्षण किया। वहीं जू डायरेक्टर अमित कुमार विदेश दौरे से प्रशिक्षण छोड़ कर बीच में ही पटना वापस लौट गए हैं। डायरेक्टर ने कहा कि स्थिति संभल गयी है।उन्होंने यह भी कहा कि बचाव के सभी उपाय कर लिये गए हैं। अब बर्ड फ्लू आगे नहीं फैलेगा। 

जू डायरेक्टर अमित कुमार ने कहा कि बर्ड फ्लू की गाइड लाइन के अनुसार कदम उठाए गए हैं। दर्शकों पर बर्ड फ्लू का असर पड़ सकता है। इस कारण जू को ही बंद कर दिया गया है। बर्ड फ्लू का असर समाप्त होने के बाद इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि समय रहते सतर्कता बरती गई। इससे मामला आगे नहीं बढ़ा।  

उधर बर्ड फ्लू फैलने की वजह से मंगलवार की सुबह मॉर्निंग वॉकर्स को जू में प्रवेश नहीं दिया गया। क्रिसमस के अवसर पर वहां पिकनिक के लिए जाने वाले लोगों को भी निराशा हाथ लगी है। लगभग 20 हजार लोग निराश होकर लौट गए। सांता क्लाज से मिलने के लिए उत्‍साहित बच्चों को भी मायूस होना पड़ा। 

मुंगेर में मिल चुका बर्ड फ्लू का वायरस
विदित हो कि इसके पहले बिहार में कई जगह बर्ड फ्लू की सूचना मिली है। हाल ही में मुंगेर में वर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि के बाद प्रशासन ने एडवाइजरी भी जारी की है। मुंगेर जिले के असरगंज प्रखंड के गोरहो गांव में एक पखवारे से लगातार मर रहे पक्षियों के विसरे की जांच में बर्ड फ्लू के वायरस पाए गए। इसके बाद पटना से पशुपालन विभाग की उच्च स्तरीय टीम यहां पहुंची। अभियान चला कर पक्षियों को मारा गया। साथ ही लोगों को इससे बचने के बारे में बताया गया।

क्या है बर्ड फ्लू 
बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) H5N1 वायरस से होता है। इस खतरनाक वायरस का संक्रमण पक्षियों के अलावा मनुष्‍य में भी हो सकता है। इससे मनुष्‍य की मौत तक हो सकती है।  

बर्ड फ्लू के लक्षण 
बुखार, सिर में दर्द रहना, हमेशा कफ रहना, नाक बहना, दस्त होना, हर समय उल्‍टी जैसा लगना, गले में सूजन, मांसपेशियों में दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना, सांस में समस्या, आंख में कंजंक्टिवाइटिस आदि। 

संक्रमण व बचाव
बर्ड फ्लू का वायरस संक्रमित मुर्गियों या अन्य पक्षियों के निकट रहने या उनके मांस-अंडे के सेवन से फैलता है। इससे बचने के लिए हमें मरे पक्षियों से दूर रहना चाहिए। अगर आस-पास किसी पक्षी की मौत हो जाती है तो इसकी सूचना प्रशासन को देना चाहिए। बर्ड फ्लू वाली जगहों में मांसाहारी खाना खाने से बचें। जहां से मांसाहारी भोजन खरीदें, वहां सफाई का पूरा ध्यान रखें। पूरी तरह पका भोजन लें। प्रभावित इलाकों में मास्क पहन कर निकलने की कोशिश करें।


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