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बीते साल के अक्टूबर की अपेक्षा राजधानी की हवा हुई कम प्रदूषित, जानें कहां रहा कितना असर Patna News

इस वर्ष अक्टूबर तक पटना की हवा थोड़ी ठीक है। बीते साल दीपावली के मौके पर वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से 12 गुना अधिक रिकॉर्ड किया गया था।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 03:14 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 03:14 PM (IST)
बीते साल के अक्टूबर की अपेक्षा राजधानी की हवा हुई कम प्रदूषित, जानें कहां रहा कितना असर Patna News
बीते साल के अक्टूबर की अपेक्षा राजधानी की हवा हुई कम प्रदूषित, जानें कहां रहा कितना असर Patna News

पटना, जेएनएन। बिहार में दीपावली व छठ के मौके पर पटाखों से होने वाला ध्वनि व वायु प्रदूषण रोकने के लिए हरित दिवाली मनाने के प्रति बच्चों को प्रेरित करने का अभियान चलेगा। बीते साल दीपावली के मौके पर वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से 12 गुना अधिक रिकॉर्ड किया गया था।

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राजधानी में बीते कई वर्षों से रात में आतिशबाजी से परिवेश में सल्फर डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन के साथ सामान्य से तीन गुना अधिक धूल-कण पाया गया था। त्योहार के मौके पर साल दर साल प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है। ध्वनि व वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए परामर्श जारी करने की औपचारिकता हर दीपावली में जारी करने की परंपरा बन गई है।

इस वर्ष भी शहर में अलग-अलग जगहों पर प्रदूषण की मात्रा की रिकॉर्डिंग होगी। इस संबंध में एहतियाती उपाय किए जाएंगे। हालांकि जन सुरक्षा के लिए खतरनाक पटाखों की रोकथाम की दिशा में अब तक कोई पहल देखने को नहीं मिल रही है। वर्ष 2016 में दीपावली के मौके पर 24 अक्टूबर को राजधानी के अति व्यस्त बोङ्क्षरग रोड चौराहे पर प्रति घनमीटर 232.46 माइक्रोग्राम धूल-कण पाए गए थे। दिवाली के दिन रात 10 बजे से प्रात: 6.00 बजे तक धूल-कण की मात्रा प्रति घनमीटर 685.97 माइक्रोग्राम रहा।

वर्ष 2017 में भी कमोबेश प्रदूषण का स्तर ऐसा ही रहा। पटना में दीपावली के दूसरे दिन पीएम2.5 की मात्रा 626 माइक्रोग्राम रिकॉर्ड किया गया था। बीते साल पटना की हवा में प्रदूषण की मात्रा पीएम2.5 का स्तर 667 माइक्रोग्राम रिकॉर्ड हुआ था, जो सामान्य से करीब 12 गुना अधिक रहा।

पूर्व के वर्षों में वायु प्रदूषण के साथ ध्वनि प्रदूषण में भी मानक से कई गुना अधिकता पाई गई थी।  सुबह 6.00 बजे से रात 10.00 बजे तक सल्फर डाईऑक्साइड की मात्रा अधिक पाई गई है। नाइट्रोजन डाईऑक्साइड 142.41 पाई गई थी, जबकि मानक प्रति घनमीटर 80 माइक्रोग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए। गत वर्ष ध्वनि प्रदूषण के मामले में भी राजधानी ने रिकॉर्ड तोड़ा। दिवाली की रात प्रदूषण का स्तर 80.4 डेसिबल था।

बीते साल दीपावली में वायु गुणवत्ता थी 12 गुना खराब

बीते साल दीपावली में आतिशबाजी से पटना में वायु गुणवत्ता सामान्य से 12 गुना अधिक खराब हुई थी। पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) हवा में प्रदूषण की मात्रा 60 की तुलना में 767 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड की गई। पीएम10 का स्तर सामान्य से 10 गुना अधिक 100 की तुलना में 1046 पहुंच गया। ध्वनि प्रदूषण का हाल यह कि पीएमसीएच व आइजीआइएमएस जैसे शांत क्षेत्रों में भी यह 90 से 100 डेसिबल तक रिकॉर्ड किया गया।

बीते साल छह नंवबर को पटना में पीएम2.5 का स्तर 337 रिकॉर्ड किया गया था। सात नवंबर की सुबह पीएम 2.5 का स्तर 371 पहुंचा था। दिवाली के दिन पीएम2.5 का स्तर 767.5 और पीएम10 स्तर 1046 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया था। प्रदूषण का रिकॉर्ड रात 10 बजे से सुबह 6.00 बजे के बीच सर्वाधिक रहा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार सामान्य दिनों में पीएम2.5 और पीएम10 की मात्रा में वृद्धि वाहनों के धुएं से होता है, लेकिन हवा में प्रदूषण का मूल कारण आतिशबाजी माना गया है।

2018 में दीपावली के दिन ध्वनि प्रदूषण (डेसिबल में)

स्थान      - न्यूनतम - अधिकतम 

बोरिंग रोड - 54      - 124

गांधी मैदान - 56.3   - 109.8

पाटलिपुत्र   - 52.2   - 107.5

शास्त्री नगर  - 32.2      - 84.7

इंडस्ट्रियल क्षेत्र -56.8   - 78.4

तारामंडल  - 42.5       - 90.2

आइजीआइएमएस -36.3 - 100.2

पीएमसीएच  - 37.6    - 90.9


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