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ये हैं True Animal Lover, पटना के 3 ग्रेजुएट युवा ट्यूशन पढ़ाकर स्ट्रीट डॉग्स के लिए चला रहे शेल्टर होम

पटना के तीन ग्रेजुएट युवा जानवरों की सुरक्षा के लिए सराहनीय काम कर रहे हैं। ये युवा स्ट्रीट डॉग्स को रेस्क्यू करने से लेकर उन्हें खाना और उनके रहने का इंतजाम करते हैं। इसके साथ ही लोगों को वे जानवरों को गोद लेने के लिए जागरुक करते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiPublished: Sun, 14 May 2023 11:42 AM (IST)Updated: Sun, 14 May 2023 11:42 AM (IST)
ये हैं True Animal Lover, पटना के 3 ग्रेजुएट युवा ट्यूशन पढ़ाकर स्ट्रीट डॉग्स के लिए चला रहे शेल्टर होम
पटना के 3 ग्रेजुएट युवा ट्यूशन पढ़ाकर स्ट्रीट डॉग्स के लिए चला रहे शेल्टर होम

पटना, 14 मई (आईएएनएस)। आज के दौर में जहां युवा सोशल मीडिया पर अपना सारा समय बिता रहे हैं। वहीं पटना के तीन युवक स्ट्रीट डॉग के लिए सराहनीय काम कर रहे हैं। ये युवा बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं। फिर इस पैसे से स्ट्रीट डॉग्स के रहने का इंतजाम करते हैं।

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इन युवाओं ने जानवरों को बचाने के लिए 'अपना फाउंडेशन' बनाई है। ये फाउंडेशन आवारा कुत्तों को रेस्क्यू करती है। फिर उनके खाने और घर का इंतजाम करती है।

उनका शेल्टर होम पटना के सगुना मोड़ इलाके में स्थित है। इसे जानवरों की जरूरत के हिसाब से बनाया जाता है। कुत्तों और गायों के लिए अलग से व्यवस्था है।

पटना के छात्र वर्षा, आशीष मेहरा और अंकित कर्णा ने स्ट्रीट डॉग्स को घर और खाना मुहैया कराते हैं। इसके लिए वे ट्यूशन पढ़ाते हैं और उससे जो पैसे मिलते हैं, वे बेजुबानों पर खर्च करते हैं।

अपना फाउंडेशन की शुरूआत करने वाली वर्षा राज ने ग्रेजुएशन किया है। वे बताती हैं कि बेजुबानों को सहारा देना उनका लक्ष्य है। वर्षा कहती हैं कि लोग विदेशी नस्ल के कुत्तों को पसंद करते हैं लेकिन स्ट्रीट डॉग्स को प्यार नहीं करते हैं। सबसे बुरी बात हैं कि लोग बीमार पालतु कुत्तों को रोड पर छोड़ देते हैं।

वहीं, समाचार एजेंसी से बातचीत में वर्षा ने बताया कि उनका फाउंडेशन कुत्तों के लिए खाना और घर उपलब्ध कराने के अलावा उनकी नसबंदी भी कराता है। वे लोग कुत्तों को रेस्क्यू करने, उनका इलाज करने से लेकर स्ट्रीट डॉग्स के अडॉप्शन पर भी काम करते हैं।

शेल्टर होम में 25 जानवर

अपना फाउंडेशन ने अबतक कई जानवरों को बचाया है। कुत्तों के अलावा बिल्लियां, गाय, सांप, बत्तख और घोड़े भी शामिल हैं। फाउंडेशन के मेंबर आशीष बताते हैं कि हमलोगों ने कोरोना काल में जानवरों के लिए शेल्टर होम शुरू किया था, अभी जिसमें 25 जानवर रहते हैं।

आशीष आगे बताते हैं कि उन्हें लोगों से डोनेशन भी मिलता है। जिसे वे लोग जानवरों के रेस्कयू, उनके इलाज और उनके खाने पर खर्च करते हैं। फाउंडेशन स्टार्ड अंकित कर्ण ने कहा कि उनकी टीम जागरूकता और गोद लेने के लिए अभियान भी चलाती है।


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