स्वच्छता रैंकिंग में दो पायदान पिछड़ा पटना
केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में निगम अधिकारियों की सुस्ती केकारण फिर पटना नगर निगम रैंकिंग में पिछड़ गया है।
पटना : केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में निगम अधिकारियों की सुस्ती के कारण फिर पटना नगर निगम की रैंकिंग गिरने लगी है। शुक्रवार को 38वें स्थान पर पहुंचने वाले पटना नगर निगम को इलाहाबाद व पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने पीछे कर दिया है। अब पटना 40वें स्थान पर पहुंच गया है। केंद्र सरकार की ओर से देश के 4041 शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण कराया जा रहा है। इसमें शहरों को चार हजार अंक मिलने हैं। 1400 अंक स्थानीय लोगों के फीडबैक के आधार पर दिए जाने हैं। लेकिन पटना नगर निगम के अधिकारियों की ओर से रुचि नहीं दिखाने के कारण स्थिति खराब हो रही है। केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत 10 मार्च तक ही रैंकिंग के लिए अंक मिलने की तिथि निर्धारित हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार तिथि बढ़ भी सकती है।
-------
: महज 52 लोग निगम से संतुष्ट :
पटना नगर निगम के अधिकारी लगातार स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर व्यस्त दिख रहे हैं, लेकिन यह व्यस्तता भी लोगों को संतुष्टि नहीं दिला पा रही है। पटना नगर निगम के कार्यो से महज 52 लोग संतुष्ट हैं। स्वच्छ शहरों की सूची के आंकड़ों पर ध्यान दें तो पटना में 7979 लोगों ने स्वच्छता एप डाउनलोड किया है। इसमें 24 सौ एक्टिव यूजर हैं, जबकि साढ़े पांच हजार लोग निष्क्रिय है। स्वच्छता एप के माध्यम से 3196 लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है। इसमें 2800 पर कार्रवाई हुई। इसमें एक हजार शिकायतों को समय-सीमा के भीतर पूरा किया गया है। जबकि 17 सौ शिकायतों का समय सीमा के बाद किया गया।
--------
: इस तरह फिसल रहा पटना :
रैंक तारीख
40 21 फरवरी
41 24 फरवरी
42 26 फरवरी
38 08 मार्च
40 09 मार्च
---------------
कार्य पूरा करने की तय अवधि :
मरे जानवर का निस्तारण - 48 घंटे
डस्टबिन की सफाई - 12 घंटे
कचरा उठाव - 12 घंटे
सार्वजनिक शौचालय की बाधा दूर करना : 12 घंटे
कचरा उठाव गाड़ी का पहुंचना - 12 घंटे
सफाई कार्य पूरा करना - 12 घंटे
सार्वजनिक शौचालय में लाइट लगाना - 12 घंटे
सार्वजनिक शौचालय में पानी की व्यवस्था - 12 घंटे
शौचालय की सफाई - 12 घंटे