पुलिस ने दो घंटे के अंदर अगवा व्यवसायी पुत्र को किया बरामद, मांगी गई थी फिरौती
पटना पुलिस ने मंगलवार को दो घंटे के अंदर अगवा व्यवसायी पुत्र को सकुशल बरामद कर दिया। अपराधियों ने व्यवसायी के परिजन से छह लाख की फिरौती की मांग की थी।
By Ravi RanjanEdited By: Published: Tue, 15 May 2018 05:56 PM (IST)Updated: Tue, 15 May 2018 10:56 PM (IST)
style="text-align: justify;">पटना [जेएनएन]। राजीव नगर थानान्तर्गत गांधी नगर सेक्टर चार से मंगलवार को दिनदहाड़े अगवा किए गए जनरल स्टोर मालिक रंजीत साव के बेटे राहुल कुमार (14) को पुलिस ने पांच घंटे के अंदर मुक्त करा लिया। तीन अपहरणकर्ताओंको भी दबोच लिया गया। आरोपितों की पहचान रंजीत कुमार, मिनहाज और मो. शाहरूख के रूप में की गई।
रंजीत और शाहरूख राजीव नगर रोड नंबर 24 के रहने वाले हैं, जबकि मिनहाज राजाबाजार की शकूर गली का रहने वाला है। तीनों नशे में धुत पाए गए। उन्होंने राहुल के पिता से फोन पर तीन लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। किसी को शक न हो इसलिए अपहरणकर्ता के साथ राहुल हार्डिंग पार्क में फिरौती की रकम आने का इंतजार कर रहा था।
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पुलिस को देखकर मिनहाज ने पिस्तौल फेंक दी थी, जिसे बरामद कर लिया गया है। उसमें एक गोली लोड थी। इसके अलावा घटना में प्रयुक्त तीन मोबाइल और सिम कार्ड मिले हैं।
शराब के धंधे को लेकर हुई थी रंजिश
फिरौती के लिए रंजीत को पहली कॉल दोपहर करीब एक बजे आई थी। इसके बाद उसने पुलिस को इत्तिला दी। पुलिस के कहने पर वह अपहरणकर्ताओं की कॉल को रिकॉर्ड करता रहा। रिकॉर्डिंग सुनकर पुलिस को मालूम हुआ कि तीनों रंजीत के जानने वाले थे। सभी शराब के धंधे में लिप्त हैं। रंजीत के कारण उनकी शराब की खेप पकड़ी गई थी, जिससे साढ़े चार लाख रुपये का नुकसान हुआ था।
डेढ़ लाख रुपयों की भरपाई हो गई, पर तीन लाख रुपये अब भी बाकी हैं। फोन पर यह भी कहा गया कि अगर शराब की खेप पकड़वाने में तुम्हारी संलिप्तता नहीं रही तो फिरौती की रकम वापस कर दी जाएगी। पुलिस रंजीत की भूमिका का पता लगा रही है।
खींचकर बिठाया कार में
दोपहर के वक्त राहुल दुकान बंद कर घर पर खाना खाने जा रहा था, तभी आरोपितों ने उसे खींचकर कार में बिठा लिया। इसके बाद चितकोहरा स्थित एक कमरे में ले गए, जहां राहुल के मोबाइल से उसके पिता को कॉल कर फिरौती मांगी गई। आरोपितों ने पिस्तौल का भय दिखाकर राहुल को चुप रहने को कहा था। उसकी पिटाई भी की। कॉल करने के बाद उसे ऑटो पर बिठाकर जू ले गए, फिर हार्डिंग पार्क लेकर आए। पुलिस मोबाइल के टावर लोकेशन के आधार पर आरोपितों तक पहुंची।
रंजीत और शाहरूख राजीव नगर रोड नंबर 24 के रहने वाले हैं, जबकि मिनहाज राजाबाजार की शकूर गली का रहने वाला है। तीनों नशे में धुत पाए गए। उन्होंने राहुल के पिता से फोन पर तीन लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। किसी को शक न हो इसलिए अपहरणकर्ता के साथ राहुल हार्डिंग पार्क में फिरौती की रकम आने का इंतजार कर रहा था।
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पुलिस को देखकर मिनहाज ने पिस्तौल फेंक दी थी, जिसे बरामद कर लिया गया है। उसमें एक गोली लोड थी। इसके अलावा घटना में प्रयुक्त तीन मोबाइल और सिम कार्ड मिले हैं।
शराब के धंधे को लेकर हुई थी रंजिश
फिरौती के लिए रंजीत को पहली कॉल दोपहर करीब एक बजे आई थी। इसके बाद उसने पुलिस को इत्तिला दी। पुलिस के कहने पर वह अपहरणकर्ताओं की कॉल को रिकॉर्ड करता रहा। रिकॉर्डिंग सुनकर पुलिस को मालूम हुआ कि तीनों रंजीत के जानने वाले थे। सभी शराब के धंधे में लिप्त हैं। रंजीत के कारण उनकी शराब की खेप पकड़ी गई थी, जिससे साढ़े चार लाख रुपये का नुकसान हुआ था।
डेढ़ लाख रुपयों की भरपाई हो गई, पर तीन लाख रुपये अब भी बाकी हैं। फोन पर यह भी कहा गया कि अगर शराब की खेप पकड़वाने में तुम्हारी संलिप्तता नहीं रही तो फिरौती की रकम वापस कर दी जाएगी। पुलिस रंजीत की भूमिका का पता लगा रही है।
खींचकर बिठाया कार में
दोपहर के वक्त राहुल दुकान बंद कर घर पर खाना खाने जा रहा था, तभी आरोपितों ने उसे खींचकर कार में बिठा लिया। इसके बाद चितकोहरा स्थित एक कमरे में ले गए, जहां राहुल के मोबाइल से उसके पिता को कॉल कर फिरौती मांगी गई। आरोपितों ने पिस्तौल का भय दिखाकर राहुल को चुप रहने को कहा था। उसकी पिटाई भी की। कॉल करने के बाद उसे ऑटो पर बिठाकर जू ले गए, फिर हार्डिंग पार्क लेकर आए। पुलिस मोबाइल के टावर लोकेशन के आधार पर आरोपितों तक पहुंची।
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