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हाल-ए-पटना म्यूजियमः गैलरियों के दीदार की बजाए टिकट खरीद गार्डन में बैठे रहते हैं दर्शक

करीब 100 साल पुराने पटना म्यूजियम के कायाकल्प की कितनी भी बातें अधिकारी करें पर दर्शक तो यहां आने में कम ही रुचि दिखा रहे हैं।

By Edited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 10:24 AM (IST)
हाल-ए-पटना म्यूजियमः गैलरियों के दीदार की बजाए टिकट खरीद गार्डन में बैठे रहते हैं दर्शक
हाल-ए-पटना म्यूजियमः गैलरियों के दीदार की बजाए टिकट खरीद गार्डन में बैठे रहते हैं दर्शक
पटना, जेएनएन। राजधानीवासियों की खुशनसीबी है कि यहां दो-दो बड़े संग्रहालय मौजूद हैं। पटना म्यूजियम का करीब सौ साल का खुद का इतिहास है तो बिहार म्यूजियम की खासियत उसका आधुनिक, आकर्षक और सजा-संवरा कैंपस है। बिहार म्यूजियम के बनने के बाद पटना म्यूजियम में दर्शकों की संख्या पहले की अपेक्षा कम हो गई है। पटना म्यूजियम के कर्मचारियों का मानना है कि अब वहां ऐसी कोई नायाब चीज बची ही नहीं है, जो दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित कर सके। म्यूजियम के कुछ अधिकारी बताते हैं कि टिकट बिकता है, पर लोग म्यूजियम के अंदर जाने की बजाय गार्डन में भी बैठना ज्यादा पसंद करते हैं।

300 करोड़ रुपये का हुआ है आवंटन
नए साल की शुरुआत में ही पटना म्यूजियम को उपहार के रूप में उसके कायाकल्प होने वाला था। करीब 100 साल पुराने म्यूजियम के कायाकल्प के लिए 300 करोड़ रुपये का आवंटन भी किया गया है। इन पैसों से म्यूजियम की गैलरी को नया लुक दिया जाना है। दावा है कि नए सिरे से विकास के बाद यहां ज्यादा पुरावशेषों को डिस्प्ले करने में आसानी होगी। इसके बाद 1765 तक के पुरावशेष और दस्तावेजों को पटना म्यूजियम में रखा जाएगा। फिलहाल पटना म्यूजियम में उपलब्ध सभी पुरावशेषों को डिस्प्ले करने की जगह नहीं है। इसलिए ढेर सारे पुरावशेष कमरे में बंद कर रखे गए हैं।


फरवरी महीने से शुरू होना था काम
पटना म्यूजियम के विकास की योजना पर फरवरी से ही काम शुरू होना था। म्यूजियम के अधिकारियों का कहना है कि योजना के कार्यान्वयन की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। धरातल पर काम देखने के लिए कुछ और समय इंतजार करना होगा। फिलहाल काम शुरू करने में चुनाव का भी पेंच फंस रहा है। अब चुनाव के बाद जून-जुलाई महीने से ही काम शुरू होने की उम्मीद की जा रही है।

अंडरग्राउंड टनल बनाने की थी योजना
पटना म्यूजियम और बिहार म्यूजियम को आपस में कनेक्ट करने के लिए एक अंडरग्राउंड टनल (भूमिगत सुरंग) बनने की बात भी चली थी। म्यूजियम के अधिकारी शंकर सुमन का कहना है कि अंडरग्राउंड टनल से म्यूजियम की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। उनके मुताबिक योजना को स्थगित करने के पीछे यह भी एक वजह हो सकती है।

बिहार म्यूजियम के टिकट पर घूम सकते हैं पटना म्यूजियम

बिहार म्यूजियम में मिलने वाले टिकट की कीमत पर दर्शक पटना म्यूजियम भी घूम सकते हैं। पटना म्यूजियम के अधिकारियों की मानें तो यहां रोज हजार के आस-पास दर्शक जरूर आते हैं। इसमें करीब 100 लोग ऐसे भी होते हैं, जिनके पास बिहार म्यूजियम से जारी टिकट होता है।

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