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फाइलों में ही महंगी होती जा रही पटना मेट्रो

पटना। राजधानी पटना में मेट्रो चलाने के लिए पांच वर्ष में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) अब तक फाइनल नहीं हुई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Jul 2018 11:00 AM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 11:00 AM (IST)
फाइलों में ही महंगी होती जा रही पटना मेट्रो
फाइलों में ही महंगी होती जा रही पटना मेट्रो

पटना। राजधानी पटना में मेट्रो चलाने के लिए पांच वर्ष में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) फाइनल नहीं हुई और अनुमानित लागत छह वर्षो में छह हजार करोड़ रुपये से अधिक बढ़ गया। 2013 में 13.50 हजार करोड़ रुपये के अनुमानित लागत से पटना मेट्रो परियोजना को आकार देने की कवायद शुरू हुई थी। अब अनुमानित लागत बढ़कर 19,500 करोड़ रुपये हो गई है।

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2016 में निर्धारित डीपीआर के मुताबिक 31 किमी लंबे पटना मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत 16,960 करोड़ आकी गई थी। वर्तमान रिपोर्ट के अनुसार पटना मेट्रो का 16 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड और बाकी का 15 किमी जमीन से ऊपर होगा। 2018-19 में काम की शुरुआत के बाद इसके 2021-22 तक पूरा होने की उम्मीद है। फिलवक्त डीपीआर पर लोक वित्त समिति और विधि विभाग की मुहर लगने के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग कैबिनेट से डीपीआर मंजूर कराने की तैयारी में है। इसके बाद 31 जुलाई तक फाइनल डीपीआर केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय भेजा जाएगा। केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश सरकार धन का प्रबंध करेगी।

दानापुर से शुरू होगा पहला रूट पटना मेट्रो के लिए एसपीवी के गठन की कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही पटना मेट्रो कॉरपोरेशन का गठन कर लिया जाएगा। पहले चरण में मेट्रो रेल परियोजना की कुल लंबाई 31.39 किमी होगी। पहला रूट दानापुर से शुरू होकर सगुना मोड़, बेली रोड होते पटना जंक्शन तक जाएगा, जबकि दूसरा रूट जंक्शन से बैरिया में प्रस्तावित अंतरराज्यीय बस अड्डा तक होगा। दोनों रूटों पर 24 स्टेशन होंगे, जिसमें से 12 अंडरग्राउंड और 12 जमीन के होंगे। जाइका बनेगी मददगार

वर्तमान में सरकार को सबसे सस्ता कर्ज मुहैया कराने वाली एजेंसी जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जाइका) है। महत्वपूर्ण यह है कि जाइका अन्य राज्यों के मेट्रो परियोजना के लिए कर्ज दिया है। ऐसे में नीतीश सरकार ने भी जाइका से ही कर्ज लेने की कवायद शुरू कर दी है। हालांकि सरकार एशियन डवलपमेंट बैंक (एडीबी) सहित अन्य एजेंसियों के सम्पर्क में है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की तर्ज पर पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (पीएमआरसी) का गठन किया जाएगा। पीएमआरसी पटना में मेट्रो निर्माण का कार्य देखने के साथ ही इसके संचालन व रखरखाव का काम करेगी।

अब तक की प्रगति

- नगर विकास एवं आवास विभाग ने 18 जून, 2013 को संकल्प जारी किया

- 11 नवंबर, 2013 तक नागरिकों से सुझाव मागे गए

- 28 जनवरी, 2015 को इन्वेस्टर मीट आयोजित कर मेट्रो पर राय ली गई

- निवेशकों के सुझाव के बाद 09, फरवरी 2016 को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दी

- 20 मई, 2015 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने पटना मेट्रो को प्रजेंटेशन हुआ

- राइट्स द्वारा तैयार पुराने डीपीआर में पाच रूट पर 55 रेलवे स्टेशन प्रस्तावित किए गए

- 16 सितंबर, 2017 को केंद्र सरकार की नई मेट्रो पॉलिसी के बाद डीपीआर में संशोधन का प्रस्ताव

- एनआईटी व राइट्स को डीपीआर में संशोधन की दी गई जिम्मेवारी

- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रजेंटेशन देखने के बाद डीपीआर को मंजूरी दे दी है आगे क्या होगा

- बिहार से डीपीआर मिलने पर केंद्र सरकार मूल्याकन कर एनओसी के लिए विभिन्न विभागों को भेजेगी

- सैद्धातिक सहमति मिलने में लग सकता है दो से तीन माह का वक्त

- सहमति मिलने पर टेंडर के माध्यम से एसपीवी व पीएमसी का होगा चयन

- तीन माह में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर शिलान्यास की है योजना


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