राज्य ब्यूरो, पटना। हाईकोर्ट ने गुरुवार को पटना एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों में खुलेआम मांस-मछली की बिक्री एवं खुले में चलने वाले बूचड़खाने पर पाबंदी लगाने से संबंधित लोकहित याचिका पर सुनवाई की।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह एवं न्यायाधीश मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने पटना नगर निगम को इस संबंध में विस्तृत जानकारी देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।
पटना नगर निगम द्वारा कोर्ट को बताया कि आधुनिक बूचड़खाने के निर्माण और विकास के लिए स्थानों को चिह्नित कर लिया गया है। इसके लिए निविदा की कार्रवाई की जा रही है।
याचिका में कहा गया है कि राज्य में मांस-मछली की बिक्री खुले में की जा रही है। यह स्थिति न सिर्फ अस्वास्थ्यकर एवं संक्रामक है, बल्कि इस तरह के क्रूर कार्य से स्कूल जाने वाले बच्चों की मानसिक स्थिति पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से यह भी अनुरोध किया कि खुले में चलने वाले बूचड़खानों को नगर निगम द्वारा जल्द से जल्द बंद कराया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि पटना के राजा बाजार, पाटलिपुत्र, राजीव नगर, बोरिंग केनाल रोड, कुर्जी, दीघा, गोला रोड, कंकड़बाग एवं बिहार के अन्य शहरों में जानवरों को खुलेआम मार कर इनका मांस बेचा जाता है।
यह जनता के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। उनका कहना था कि मांस-मछली उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा आधुनिक सुविधाओं के साथ बूचड़खाने बनाए जाने चाहिए।
इससे मांस-मछली बेचने वालों को भी सुविधा मिलेगी और जनता को भी स्वस्थ और प्रदूषणमुक्त मांस-मछली मिल सके। इस मामले पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।